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    कैसे सिर्फ तीन टेक दिग्गज कंपनियां हिला सकती है पूरा इंटरनेट? एक्सपर्ट्स भी टेंशन में

    Updated: Tue, 28 Oct 2025 05:00 PM (IST)

    आजकल इंटरनेट बंद होने की कल्पना करना भी मुश्किल है। विशेषज्ञ मानते हैं कि अधिकांश वेबसाइटें और ऑनलाइन सेवाएं कुछ बड़ी कंपनियों द्वारा नियंत्रित हैं। यदि इनमें से किसी एक का सर्वर डाउन हो जाए, तो पूरी डिजिटल दुनिया रुक सकती है। लगभग 60% डेटा इन कंपनियों के क्लाउड सर्वर पर निर्भर है, जिससे तकनीकी गड़बड़ी या साइबर हमले का खतरा बढ़ जाता है।

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    कैसे सिर्फ तीन टेक दिग्गज कंपनियां हिला सकती है पूरा इंटरनेट? एक्सपर्ट्स भी टेंशन में

    टेक्नोलॉजी डेस्क, नई दिल्ली। क्या हो अगर इंटरनेट एक झटके में बंद हो जाए? न तो कोई ईमेल सेंड हो, न कोई नेटफ्लिक्स खुले और न ही बैंकिंग सिस्टम काम करे। आज के टाइम में ये सोचना भी काफी मुश्किल भरा लगता है। वहीं, एक्सपर्ट्स की मानें तो दुनिया की आज ज्यादातर वेबसाइटें और ऑनलाइन सेवाएं अब कुछ ही बड़ी कंपनियों के कंट्रोल में हैं जिसमें अमेजन, गूगल और माइक्रोसॉफ्ट शामिल है। यही वजह है कि इनमें किसी एक या दो के सर्वर अगर बंद हो जाएं तो पूरी डिजिटल दुनिया ठप पड़ सकती है। इसी वजह से आज टेक एक्सपर्ट्स भी टेंशन में हैं।

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    टेक एक्सपर्ट्स भी टेंशन में

    हाल ही में अमेरिका के वर्जीनिया स्थित अमेजन के डेटा सेंटर में खराबी आने के बाद टेक एक्सपर्ट्स की टेंशन बढ़ी हुई है। यहां अमेजन वेब सर्विसेज (AWS) का सबसे बड़ा हब है, जहां से इंटरनेट ट्रैफिक का एक बड़ा हिस्सा कंट्रोल होता है। एक्सपर्ट्स का कहना है कि अगर गलती से भी अमेजन, गूगल और माइक्रोसॉफ्ट के सर्वर डाउन हो जाएं तो इंटरनेट को दोबारा स्टार्ट करना बेहद मुश्किल भरा हो सकता है। इसकी वजह से दुनियाभर की वेबसाइटें, मोबाइल ऐप्स, ईमेल सर्वर, सरकारी पोर्टल और यहां तक कि फाइनेंशियल सिस्टम तक ठप पड़ सकते हैं।

    तीन कंपनियों के क्लाउड सर्वर पर 60% डेटा

    जानकारी के मुताबिक डिजिटल दुनिया का लगभग 60% डेटा इन तीन कंपनियों के क्लाउड सर्वर पर डिपेंड है। यानी इसमें से अगर किसी कंपनी में बड़ी तकनीकी गड़बड़ी या साइबर अटैक हो जाता है तो न केवल इंटरनेट सेवाएं प्रभावित हो जाएंगी बल्कि सरकारी और प्राइवेट एरिया में भी इसका सीधा असर देखने को मिलेगा।

    भविष्य में सबसे बड़ा जोखिम

    एक्सपर्ट्स के मुताबिक, 1980 के दशक तक इंटरनेट कई छोटे-छोटे नेटवर्क्स से मिलकर बना था, लेकिन वक्त के साथ ज्यादातर डेटा कुछ ही कंपनियों के सर्वर पर सिमट कर रह गया। एक ही जगह पर अब इतना बड़ा कंट्रोल फ्यूचर में सबसे बड़ा जोखिम भी बन सकता है।

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