स्मार्टफोन विजन सिंड्रोम से रहना चाहते हैं सुरक्षित तो अपनाएं ये तरीके
हमारे दिन का काफी समय स्मार्टफोन पर जाता है और अगर आप जॉब करते हैं तो आपके दिन के 9 घंटे लैपटॉप और स्क्रीन पर ही बीतते हैं। ये समस्या आगे चलकर स्मार्टफोन विजन सिंड्रोम का रुप ले लेती है। आइये इससे बचने के तरीकों के बारे में जानते हैं।

नई दिल्ली, ब्रह्मानंद मिश्र । लैपटाप और स्मार्टफोन पर जिस तरह से निर्भरता बढ़ रही है, उससे समस्याओं का भी आना स्वभाविक है। डिजिटल फार्मेट में लगातार काम करते रहने से आंखों में स्ट्रेन, ड्राइनेस, धुंधलापन होने के साथ-साथ सिरदर्द की भी समस्या आ जाती है।
आगे चलकर यही समस्या स्मार्टफोन विजन सिंड्रोम (एसवीएस) में बदल जाती है, जिससे आंखों से जुड़ी अनेक समस्याएं सामने आने लगती हैं। मोबाइल एनालिटिक्स फर्म डाटा.एआइ की रिपोर्ट के मुताबिक, भारत में स्मार्टफोन पर औसत स्क्रीन टाइम 2021 में 4.7 घंटा प्रतिदिन हो गया, जो कि 2020 में 4.5 और 2019 में 3.7 घंटा प्रतिदिन था। चूंकि स्मार्टफोन को पूरी तरह नजरअंदाज करना संभव नहीं है, ऐसे में कुछ जरूरी उपायों को अपनाकर स्मार्टफोन का सही इस्तेमाल कर सकते हैं।
ब्राइटनेस सेटिंग को सही करें
स्मार्टफोन का ब्राइटनेस उस स्तर पर होना चाहिए, जिससे आंखों पर जोर न पड़े यानी ब्राइटनेस न तो बहुत अधिक होना चाहिए और ना ही बहुत कम। स्मार्टफोन में ब्राइटनेस और कट्रांस्ट की सेटिंग बिल्ट-इन होती है, उसे ज्यादा घटाने या बढ़ाने से बचना चाहिए।
बढ़ाएं टेक्स्ट साइज
टेक्स्ट सेटिंग में जाकर टेक्स्ट के आकार को बढ़ाया जा सकता है। इससे फोन पर मैसेज आदि देखने और पढ़ने में आसानी होती है। छोटे अक्षरों को पढ़ने के दौरान आंखों पर तनाव आता है।
डार्कमोड का करें इस्तेमाल
डिवाइस में डार्क थीम सेलेक्ट करने पर टेक्स्ट का रंग व्हाइट और बैकग्राउंड डार्क हो जाता है। इससे ब्लू लाइट एक्सपोजर कम हो जाता है, जिससे आंखों पर जोर कम पड़ता है। फोन की डिस्प्ले सेटिंग में जाकर डार्क मोड को चुन सकते हैं। हालांकि, अपनी जरूरत के अनुसार इसे आन-आफ किया जा सकता है।
डिजिटल वेलबीइंग फीचर
यदि आप एंड्रायड डिवाइस का इस्तेमाल कर रहे हैं, तो डिजिटल वेलबीइंग फीचर के जरिये अपने स्क्रीनटाइम को नियंत्रित कर सकते हैं। इससे एप के इस्तेमाल को रोकने के साथ-साथ डिवाइस से दूर रहने के लिए टाइम शिड्यूल कर सकते हैं। इसमें एप्स/नोटिफिकेशन को ब्लाक करने और पैरेंटल कंट्रोल की भी सुविधा होती है। डिजिटल वेलबीइंग और पैरेंटल कंट्रोल सेक्शन में डैशबोर्ड, बेडटाइम मोड और फोकस मोड होता है, जिससे अपनी जरूरत के अनुसार सेट किया जा सकता है। इसी तरह आइफोन यूजर स्क्रीनटाइम फीचर का इस्तेमाल कर सकते हैं।
स्क्रीन को रखें साफ
स्मार्टफोन का इस्तेमाल करते हुए कई बार स्क्रीन धुंधली हो जाती है। ऐसे में न केवल स्वच्छता के नजरिये से बल्कि आंखों पर जोर ना पड़े, इसलिए भी स्क्रीन को साफ रखना जरूरी है। स्क्रीन की नियमित तौर पर सफाई जरूरी है।
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