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    Phone Tracking: मोबाइल नंबर से कैसे होती है फोन की ट्रैकिंग, ऐसे लगाया जाता है अपराधियों का पता

    By Siddharth PriyadarshiEdited By: Siddharth Priyadarshi
    Updated: Wed, 25 Jan 2023 01:41 PM (IST)

    स्मार्टफोन ही एक ऐसा गैजेट होता है जो यूजर के साथ हर समय रहता है। यूजर जहां-जहां जाता है अपने स्मार्टफोन को साथ ले जाता है। ऐसे में यूजर को उसके फोन नंबर के जरिए ट्रैक किया जा सकता है। (फोटो- जागरण)

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    How Mobile Location tracking works using phone number, pic courtesy- jagran file

    नई दिल्ली, टेक डेस्क। स्मार्टफोन का इस्तेमाल आज हर यूजर के द्वारा किया जा रहा है। इस छोटे से गैजेट की बहुत से कामों में उपयोगिता बढ़ने के कारण ही इसका इस्तेमाल बढ़ा है। पहले जहां फोन को मजह कॉलिंग के लिए इस्तेमाल किया जाता था, तकनीक के विकास के साथ स्मार्टफोन गूगल सर्च से लेकर हर काम के लिए उपयोगी हो गया है।

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    बात अगर किसी की लोकेशन ट्रैक करने की हो तो यह डिवाइस इस काम को भी बेहतर तरीके से कर सकता है। यह छोटा-सा गैजेट ही एकमात्र ऐसी चीज होती है, जो किसी भी यूजर के साथ हमेशा रहती है। यानी जहां-जहां यूजर जाता है वह अपने स्मार्टफोन को अपने साथ ही लेकर जाता है। ऐसे में जीपीएस और लोकेशन फीचर के जरिए किसी भी यूजर की जानकारी पाना मुश्किल काम नहीं है।

    कौन कर सकता है मोबाइल नंबर से यूजर की ट्रैकिंग

    हालांकि मोबाइल नंबर के जरिए किसी शख्स की ट्रैकिंग किया जाना संभव तो पर इस काम को करना आसान नहीं है। जब तक स्मार्टफोन यूजर खुद अपनी लोकेशन की जानकारी नहीं देता, उसे ट्रैक करना थोड़ा मुश्किल है, लेकिन ऐसे मामलों में जहां स्मार्टफोन यूजर किसी अपराध से जुड़ा हो, पुलिस शख्स की ट्रैकिंग कर सकती है। वहीं आम लोगों के लिए ऐसा करना कानून के दायरे में नहीं आता। ऐसा किए जाने पर आपके खिलाफ कानूनी कार्रवाही की जा सकती है।

    पुलिस ऐसे करती है ट्रैकिंग

    दरअसल मोबाइल नंबर के जरिए ट्रैंकिग का अधिकार पुलिस और फोन ट्रैक सुरक्षा एजेंसी के पास होता है। इसके लिए किसी भी इलाके की पुलिस टेलीकॉम कंपनी से कॉन्टेक्ट करती है। इस प्रक्रिया के लिए यूजर के स्मार्टफोन का आईएमईआई नंबर को ट्रैक किया जाता है।

    टेलीकॉम कंपनी द्वारा फोन ट्रैक सुरक्षा एजेंसी या पुलिस को ही संबंधिति व्यक्ति का फोन ट्रैक कर उसके टावर लोकेशन की जानकारी दी जाती है, जिसके बाद यूजर तक पहुंच पाना संभव हो जाता है।

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