Google ने Google Play Store से 17 ऐप्स को किया रिमूव, यूजर्स के लिए हो सकते हैं खतरनाक
Google ने अपने कस्टमर्स के लिए सुरक्षा और मजबूत करने की कोशिश की है। कंपनी ने अपने प्ले स्टोर से 17 लोन ऐप्स को रिमूव कर दिया है। रिसर्च का कहना है कि ये ऐप सही पर्सनल लोन ऐप की आढ़ में छिपे रहे है। बता दें कि इस ऐप्स को 12 मिलियन से अधिक लोगों ने डाउनलोड किया है। आइये इसके बारे में जानते हैं।

आईएएनएस, नई दिल्ली। Google दुनिया भर में लाखों लोगों को अपनी सुविधाओं को पहुंचाने के लिए जाता है। कंपनी अपने यूजर्स की सुरक्षा के लिए लगातार प्रयास करती रहती है। इसी सिलसिले को जारी रखते हुए कंपनी ने अपने प्ले स्टोर से 17 ऐप्स को हटा दिया है।
बता दें कि रिसर्च ने बुधवार को कहा कि उन्हें 18 एंड्रॉइड लोन ऐप्स मिले हैं, जो खुद को सही पर्सनल लोन की आढ़ में छिपाते हैं। Google ने भारत और अन्य देशों के यूजर्स को लक्षित करने वाले इनमें से 17 ऐप्स को अपने प्लेटफॉर्म से हटा दिया है।
रिपोर्ट में मिली जानकारी
- ESET रिसर्च की रिपोर्ट के मुताबिक, हटाए जाने से पहले इन ऐप्स के Google Play से वैश्विक स्तर पर 12 मिलियन से अधिक डाउनलोड थे। ऐसे भ्रामक एंड्रॉइड लोन ऐप्स को 'स्पाईलोन ऐप्स' नाम दिया गया है।
- ESET के शोधकर्ता लुकास स्टेफानको ने कई स्पाईलोन ऐप्स का खुलासा करते हुए कहा कि 'ये दुर्भावनापूर्ण एप्लिकेशन वैध लोन प्रोवाइडर्स पर यूजर्स के भरोसे का फायदा उठाते हैं।
- इसके साथ ही लोगों को धोखा देने और व्यक्तिगत जानकारी की एक विस्तृत सीरीज चुराने के लिए परिष्कृत तकनीकों का उपयोग करते हैं।
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लोगों के करते हैं ब्लैकमेल
- रिपोर्ट के अनुसार, इन ऐप्स के जरिए पीड़ितों को ब्लैकमेल किया जाता हैं और जान से मारने की धमकी देकर भी परेशान करते हैं।
- ये लोग मुख्य रूप से मैक्सिको, इंडोनेशिया, थाईलैंड, वियतनाम, भारत, पाकिस्तान, कोलंबिया, पेरू, फिलीपींस, मिस्र, केन्या, नाइजीरिया और सिंगापुर में काम करते हैं।
- ये ऐप डेटा कलेक्ट और ब्लैकमेल करने के अलावा आधुनिक समय की डिजिटल सूदखोरी का एक रूप प्रस्तुत करते हैं, जो कमजोर व्यक्तियों का फायदा उठाकर लोन पर अत्यधिक ब्याज दर वसूलने की कोशिश करते है।
- ये ऐप डेटा कलेक्ट और ब्लैकमेल करने के अलावा आधुनिक समय की डिजिटल सूदखोरी का एक रूप प्रस्तुत करते हैं, जो कमजोर व्यक्तियों का फायदा उठाकर लोन पर अत्यधिक ब्याज दर वसूलने की कोशिश करते है।
- इन लोन की कुल वार्षिक लागत (TAC) बताई गई तुलना में काफी अधिक है, और लोन अवधि बताई गई तुलना में बहुत कम है।
रिपोर्ट में यह भी बताया गया है कि कुछ मामलों में पीड़ितों पर बताए गए 91 दिनों के बजाय पांच दिनों में अपने लोन का भुगतान करने का दबाव डाला गया था। साथ ही लोन का टीएसी 160 प्रतिशत से 340 प्रतिशत के बीच था।
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