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    ₹8 प्रति मिनट... 30 साल पहले हुई थी भारत की पहली मोबाइल कॉल, 40 हजार का होता था मोबाइल

    Updated: Thu, 31 Jul 2025 03:55 PM (IST)

    31 जुलाई 1995 को भारत में पहली बार मोबाइल फोन से कॉल की गई थी जिसने देश में संचार क्रांति की शुरुआत की। कोलकाता और दिल्ली के बीच हुई ये ऐतिहासिक कॉल मोदी टेल्स्ट्रा की MobileNet सेवा पर की गई थी। तब कॉल रेट्स बेहद महंगे थे और फोन की कीमतें 40000 रुपये से ऊपर थीं। आज भारत अरबों यूजर्स वाला सस्ता टेलीकॉम मार्केट बन चुका है।

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    25 साल पहले हुआ एक मोबाइल कॉल जिसने बदल दिया भारत का संचार इतिहास।

     टेक्नोलॉजी डेस्क, नई दिल्ली। आज से ठीक 30 साल पहले, एक ऐसा कॉल किया गया जिसने भारत में संचार का तरीका हमेशा के लिए बदल दिया। ये पहला मौका था जब मोबाइल फोन से कॉल किया गया- तब के समय में ये मोबाइल फोन आज की तुलना में बड़े और भारी हुआ करते थे, लेकिन 1995 में ये बेहद स्टाइलिश माने जाते थे।

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    Nokia के मोबाइल फोन का किया गया था इस्तेमाल

    तारीख थी 31 जुलाई 1995, जब तत्कालीन यूनियन टेलीकॉम मिनिस्टर सुख राम और पश्चिम बंगाल के पूर्व मुख्यमंत्री ज्योति बसु ने आपस में मोबाइल फोन के जरिए बात की। ये भारत के लिए एक ऐतिहासिक पल था। कॉल के लिए Nokia के शुरुआती मोबाइल फोन का इस्तेमाल किया गया और ये कॉल उस समय के Modi-Telstra नेटवर्क पर की गई थी- जो कि भारत के B.K. Modi Group और ऑस्ट्रेलिया की Telstra का जॉइंट वेंचर था।

    जुलाई 1995 में कलकत्ता (अब कोलकाता) स्थित राइटर्स बिल्डिंग और नई दिल्ली स्थित संचार भवन के बीच की गई ये कॉल, इसी मोदी टेल्स्ट्रा की MobileNet सर्विस के जरिए की गई थी। उस सेलुलर कॉल ने कलकत्ता में MobileNet सेवाओं की शुरुआत की। ये कंपनी भारत में सेलुलर सेवाए प्रदान करने के लिए लाइसेंस प्राप्त आठ कंपनियों में से एक थी। चारों महानगरों के लिए दो-दो लाइसेंस दिए गए थे।

    मोबाइल कॉल की दर ₹8.4 प्रति मिनट थी

    रिपोर्ट्स के मुताबिक, उस समय मोबाइल कॉल की दर ₹8.4 प्रति मिनट थी- वो भी इनकमिंग और आउटगोइंग दोनों के लिए। जबकि पीक टाइम में ये ₹16.8 प्रति मिनट तक पहुंच जाती थी। मोदी-टेलस्ट्रा जेवी नेटवर्क ऑपरेटर के लिए, जो बाद में Spice बन गया, उस दौर में नेटवर्क तैयार करना खुद में बहुत बड़ी चुनौती और लागत भरा काम था। जबकि उन्होंने अनुमान लगाया था कि 1995 में शुरू होने के तुरंत बाद, निकट भविष्य में उनकी सेवाएं कम से कम 10 लाख लोगों तक पहुंच जाएंगी।

    मोबाइल फोन खुद भी आम आदमी की पहुंच से दूर थे। इनकी कीमत 40,000 रुपये से ऊपर थी, जो आज की वैल्यू में 2 लाख रुपये से ज्यादा होती है। भले ही ये साफ नहीं है कि उस दिन कौन सा मॉडल इस्तेमाल हुआ था, लेकिन अंदाजा है कि ये शायद Nokia 2080 (सिक्योरिटी फोकस्ड), Nokia 350 (मास मार्केट) या Nokia 880 रहा होगा- जिसमें वाइब्रेटिंग बैटरी, तीन लाइन का डिस्प्ले और यूजर-फ्रेंडली कीपैड जैसे 'आधुनिक' फीचर्स थे।

    1995 से अब तक भारत की दूरसंचार दुनिया पूरी तरह बदल चुकी है। आज देश में करीब 20-25 करोड़ फीचर फोन यूजर्स और लगभग 70-80 करोड़ स्मार्टफोन यूजर्स हैं। कॉलिंग लगभग फ्री हो चुकी है और डेटा की कीमत ₹10-15/GB से भी कम है, खासकर बल्क प्लान्स में।

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