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    आपने तो नहीं किया फर्जी DigiLocker इंस्टॉल, डॉक्यूमेंट्स हो सकते हैं चोरी, कैसे करें असली-नकली की पहचान?

    Updated: Wed, 24 Dec 2025 08:00 AM (IST)

    डिजीलॉकर ऐप का उपयोग करने वाले सावधान रहें, क्योंकि साइबर अपराधी असली ऐप जैसे दिखने वाले नकली ऐप बनाकर लोगों का डेटा, पहचान और बैंकिंग जानक ...और पढ़ें

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    कहीं आपने तो नहीं इंस्टॉल कर लिया फर्जी DigiLocker एप? डॉक्यूमेंट्स हो सकते हैं चोरी, जानें कैसे करें असली एप की पहचान

    टेक्नोलॉजी डेस्क, नई दिल्ली। क्या आप भी DigiLocker एप का इस्तेमाल कर रहे हैं तो ये खबर आपके लिए है। भारत सरकार द्वारा जारी इस भरोसेमंद डिजिटल वॉलेट एप में आपको कई सुविधाएं मिलती हैं, जिसमें आप अपने ड्राइविंग लाइसेंस से लेकर RC, आधार, PAN, मार्कशीट जैसे कई सेंसिटिव डाक्यूमेंट्स सेफ रख सकते हैं, लेकिन इन दिनों साइबर अपराधी असली एप जैसा दिखने वाला फर्जी DigiLocker एप बनाकर लोगों का डेटा, पहचान और बैंकिंग जानकारी चुरा रहे हैं। हाल ही में इलेक्ट्रॉनिक्स और सूचना प्रौद्योगिकी मंत्रालय यानी MeitY ने भी इसे लेकर एक चेतावनी जारी की थी कि गूगल प्ले स्टोर पर कई नकली DigiLocker एप मौजूद हैं, जिनका मकसद सिर्फ धोखाधड़ी है। चलिए पहले जानते हैं कि फर्जी DigiLocker ऐप के क्या-क्या जोखिम हो सकते हैं...

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    फर्जी DigiLocker एप के क्या-क्या जोखिम?

    फर्जी DigiLocker एप से सबसे बड़ा जोखिम तो आइडेंटिटी चोरी होने का है। यहां से आपका आधार, PAN और अन्य ID स्कैमर के हाथ लग सकती हैं। साथ ही इससे आपकी वित्तीय जानकारी से UPI/नेटबैंकिंग फ्रॉड भी हो सकता है। फर्जी DigiLocker एप से डिवाइस में मालवेयर इंस्टॉल भी किया जा सकता है। इसके अलावा आपके नाम पर फर्जी लोन या सिम कार्ड जारी हो सकते हैं। यहां तक की चोरी हुआ डेटा डार्क वेब पर बेचा भी जा सकता है।

    कैसे करें असली DigiLocker एप की पहचान?

    • सबसे पहले तो एप के डेवलपर का नाम चेक करें।
    • असली डेवलपर का नाम National e-Governance Division (NeGD) या Government of India हो सकता है।
    • अगर किसी एप का डेवलपर नेम कोई और दिखे तो एप 100% फर्जी है।
    • सिर्फ ऑफिशियल वेबसाइट से ही ऐप इंस्टॉल करें।
    • एप के डाउनलोड चेक करें क्योंकि असली एप के डाउनलोड लाखों से करोड़ों में होते हैं।

    फर्जी DigiLocker ऐप इंस्टॉल हो जाए तो क्या करें?

    • फर्जी DigiLocker ऐप इंस्टॉल हो जाए तो तुरंत ऐप अनइंस्टॉल कर दें।
    • फिर चेक करें कि एप ने कैमरा/मैसेज/स्टोरेज/माइक्रोफोन जैसी परमिशन तो नहीं ले ली।
    • इसके बाद DigiLocker, आधार, बैंकिंग, ईमेल सभी के पासवर्ड चेंज करें।
    • इतना करने के बाद फोन को अच्छे एंटी-मालवेयर से स्कैन करें।
    • कोई सस्पीशियस एक्टिविटी दिखे तो www.cybercrime.gov.in या फिर हेल्पलाइन 1930 नंबर पर रिपोर्ट करें।

    फर्जी DigiLocker स्कैम से कैसे बचें?

    • सबसे पहले तो एप डाउनलोड करने से पहले उसका रिव्यू और डेवलपर चेक करें।
    • एप को कोई भी गैर-जरूरी परमिशन कभी भी न दें।
    • टाइम टाइम पर फोन और ऐप्स को अपडेट रखें।
    • किसी भी थर्ड-पार्टी एप में डॉक्यूमेंट अपलोड करने से बचें।
    • किसी भी SMS/ईमेल/व्हाट्सऐप के लिंक पर क्लिक करने से पहले उसकी जांच करें।
    • हमेशा अपनी ID पर Two-Factor Authentication ऑन रखें।

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