CCTV कैमरा भी हो सकता है हैक, भूलकर भी न करें ये गलतियां
आजकल घरों में लगे सीसीटीवी कैमरे हैक हो सकते हैं, जिससे आपकी प्राइवेसी खतरे में पड़ सकती है। डिफॉल्ट पासवर्ड और कमजोर सिक्योरिटी सेटिंग्स के कारण हैकर्स आसानी से एक्सेस कर सकते हैं। बचाव के लिए, कैमरे का पासवर्ड बदलें, सॉफ्टवेयर को अपडेट रखें, और मजबूत नेटवर्क का उपयोग करें। संदिग्ध गतिविधि दिखने पर तुरंत कार्रवाई करें और जरूरत पड़ने पर पुलिस को रिपोर्ट करें।

CCTV Camera Hacking
टेक्नोलॉजी डेस्क, नई दिल्ली। बच्चों, बुजुर्गों, हाउसहेल्प और पालतू जानवरों से लेकर घर की सेफ्टी के लिए आजकल बहुत से घरों में सीसीटीवी कैमरे लगे होते हैं लेकिन क्या आप जानते हैं कि एक छोटी-सी चूक से ये कैमरे हैक हो सकते हैं। जी हां, इनकी वजह से आपकी प्राइवेसी खतरे में पड़ सकती है। चलिए जानते हैं कैमरा किस तरह हैक होता है और बचाव के लिए क्या क्या करें...
डिफॉल्ट पासवर्ड सबसे बड़ा खतरा
दरअसल आजकल कई कैमरे तो बॉक्स से ही एक डिफॉल्ट पासवर्ड के साथ आते हैं और हैकर्स को भी वो पासवर्ड मालूम होते हैं या वह इंटरनेट पर ढूंढ लेते हैं। ऐसी कुछ वेब साइट्स भी हैं जहां आप ऐसे डिवाइस सर्च करके उनकी लाइव फीड देख सकते हैं। वहीं अगर आप एक वीक पासवर्ड का इस्तेमाल करते हैं तो हैकर्स सीधे आपका अकाउंट उड़ा सकते हैं।
इस तरह हैक हो सकता है कैमरा
सबसे पहले तो मैन्युफैक्चरर द्वारा दिए गए पासवर्ड चेंज न करने पर हैकर्स इसे आसानी से लॉगिन कर लेते हैं। इससे आपकी प्राइवेसी खतरे में आ जाती है। साथ ही अपडेट न करने पर सिक्योरिटी होल्स से हैकर आपके CCTV को एक्सेस कर सकते हैं। वहीं अगर पासवर्ड कहीं और लीक हो तो उसका दुबारा इस्तेमाल खतरनाक साबित होता है।
बचाव के लिए करें ये काम
- सबसे पहले तो कैमरा सेटअप के साथ जो पासवर्ड दिया है, उसे चेंज करके एक लंबा और यूनिक पासवर्ड सेट करें।
- एक पासवर्ड कई जगह यूज न करें।
- मैन्युफैक्चरर अगर CCTV के लिए अपडेट जारी कर रहा है तो समय पर इसे अपडेट करें।
- CCTV को कमजोर या अनजान नेटवर्क से कनेक्ट न करें।
- घर के राउटर का पासवर्ड भी चेंज करें और WPA3/WPA2 एन्क्रिप्शन इस्तेमाल करें।
- कैमरा ऐप या वेब पोर्टल की प्राइवेसी सेटिंग्स रेगुलर चेक करते रहें।
वहीं, अगर आपको ऐसा लग रहा है कि आपका CCTV हैक हो गया है तो तुरंत पासवर्ड बदलें और MFA ऑन करें। हो सके तो कैमरे को इंटरनेट से कुछ देर के लिए डिस्कनेक्ट कर दें। इसके लिए आप प्रोवाइडर या ब्रांड के कस्टमर से भी मदद ले सकते हैं। जरूरत पड़े तो पुलिस को रिपोर्ट करें क्योंकि प्राइवेट फुटेज का दुरुपयोग एक अपराध है।
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