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देश के हर कोने में PCO की तरह खुलेंगे डाटा सेंटर्स, सस्ते दरों में ले सकेंगे इंटरनेट का आनंद

इन डाटा सेंटर्स पर 2 रुपये से लेकर 20 रुपये तक की कीमत वाले कूपंस मिलेंगे, जिसके जरिए आप 30 मिनट से लेकर पूरे दिन तक के लिए डाटा का इस्तेमाल कर सकेंगे।

By Shridhar MishraEdited By: Published: Wed, 20 Jun 2018 08:26 PM (IST)Updated: Thu, 21 Jun 2018 11:50 AM (IST)
देश के हर कोने में PCO की तरह खुलेंगे डाटा सेंटर्स, सस्ते दरों में ले सकेंगे इंटरनेट का आनंद

नई दिल्ली (टेक डेस्क)। पीसीओ की तर्ज पर अब देश में पब्लिक डाटा ऑफिस (पीडीओ) खुलेंगे। आसान भाषा में कहें तो जैसे सालों पहले आप कॉलिंग के लिए पीसीओ में जाते थे, वैसे ही अब आप इंटरनेट का इस्तेमाल करने के लिए पब्लिक डाटा ऑफिस की मदद ले सकते हैं। दरअसल दूरसंचार विभाग इंटरनेट की सुविधा और सेवा को बढ़ाने के लिए पीडीओ के व्यावसायिक इस्तेमाल को मंजूरी देने जा रहा है। मीडिया रिपोर्ट्स की मानें तो इस सेवा को सरकार जुलाई महीने में हरी झंडी दे सकती है।

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पीसीओ की तरह कर सकेंगे पीडीओ का इस्तेमाल

पीसीओ की तरह आप डाटा सेंटर पर इंटरनेट का इस्तेमाल कर सकेंगे। इन डाटा सेंटर्स पर 2 रुपये से लेकर 20 रुपये तक की कीमत वाले कूपंस मिलेंगे, जिसके जरिए आप 30 मिनट से लेकर पूरे दिन तक के लिए डाटा का इस्तेमाल कर सकेंगे।

और कम होगा डाटा रेट

माना जा रहा है कि देश में इंटरनेट और डाटा का इस्तेमाल बढ़ाने के लिए सरकार इस परियोजना को लागू करने जा रही है। इस परियोजना के लागू होने के बाद डाटा की दर में और गिरावट देखने को मिलेंगी।

बढ़ेगा रोजगार

दूरसंचार विभाग पीसीओ की जगह पब्लिक डाटा ऑफिस लाने जा रहा है। इन डाटा सेंटर्स पर लोग वाई-फाई डाटा कूपन को बेच सकेंगे। पीसीओ की तरह ही अब लोग दुकान और घरों से वाई-फाई कनेक्शन शेयर करके पैसा कमा सकते हैं।

फेसबुक और गूगल का मिलेगा विकल्प

ट्राई की नई गाइडलाइंस के बाद अब गूगल और फेसबुक जैसी कंपनियां भी पीडीओ की सेवा दे सकेंगी। यूजर्स इन कंपनियों के जरिए इस सेवा का इस्तेमाल कर सकेंगे। हालांकि इस फैसले का टेलिकॉम कंपनियों की तरफ से लगातार विरोध हो रहा है।

ट्राई की पायलट परियोजना रही सफल

दूरसंचार मंत्रालय के मुताबिक ट्राई की तरफ से की गई पायलट परियोजना के सकारात्मक परिणाम देखने को मिले। माना जा रहा है कि दूरसंचार विभाग पीडीओ के व्यावसायिक इस्तेमाल को लेकर जल्द नई गाइड लाइन्स जारी कर सकती है, जिसके बाद कोई भी व्यक्ति पीसीओ की तरह पब्लिक वाई-फाई एक्सेस प्वाइंट बना सकेगा।

पुरानी टेलिकॉम कंपनियों ने किया विरोध

पुरानी टेलिकॉम कंपनियों और COAI ने ट्राई के इस कदम का विरोध किया है। उनका मानना है कि इस कदम से वॉयस रेवन्यू पर बुरा प्रभाव पड़ेगा। कंपनियों का कहना है की अगर इंटरनेट टेलीफोनी को पब्लिक नेटवर्क पर उपलब्ध कराया जाता है, तो यह उन ऑपरेटर्स को भारी नुकसान पहुंचाएगा, जो वॉयस सर्विस मुहैया कराती हैं। ऐसा इसलिए क्योंकि इससे वॉयस ट्रैफिक पब्लिक इंटरनेट पर शिफ्ट हो जाएगा। साथ ही यह भी बताया कि स्मार्टफोन्स और टैबलेट्स की संख्या बढ़ने के चलते एसएमएस और वॉयस ट्रैफिक एप आधारित सर्विसेज पर शिफ्ट होने लगे हैं जिससे उनके रेवन्यू पर पहले से ही असर पड़ रहा है।

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