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    Intel की इस नई तकनीक से 28 घंटे तक लगातार चलेगी आपके लैपटॉप की बैटरी

    By Shridhar MishraEdited By:
    Updated: Wed, 06 Jun 2018 07:07 PM (IST)

    Intel ने लो पॉवर डिस्प्ले टेक्नोलॉजी (एलपीडीटी) को पेश किया है। इस तकनीक की मदद से अब आपके लैपटॉप की बैटरी की परफॉर्मेंस कई गुना तक बढ़ जाएगी।

    Intel की इस नई तकनीक से 28 घंटे तक लगातार चलेगी आपके लैपटॉप की बैटरी

    नई दिल्ली(टेक डेस्क)। Intel ने लो पॉवर डिस्प्ले टेक्नोलॉजी (एलपीडीटी) को पेश किया है। इस तकनीक की मदद से अब आपके लैपटॉप की बैटरी की परफॉर्मेंस कई गुना तक बढ़ जाएगी। दरअसल किसी भी लैपटॉप की बैटरी बैकअप बढ़ाने के लिए कंपनियां अक्सर डिवाइस की परफॉर्मेंस के साथ समझौता करती हैं, लेकिन इंटेल की इस नई तकनीक में परफॉर्मेंस के साथ कोई समझौता नहीं होगा और आपको 28 घंटे तक का बैकअप मिल सकता है।

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    दरअसल ताइवान में आयोजित कंप्यूटेक्स 2018 में इंटेल ने लो पॉवर डिस्प्ले टेक्नोलॉजी (एलपीडीटी) को पेश किया। इस तकनीक में लैपटॉप का पैनल वन-वॉट एनर्जी का इस्तेमाल करेगा। हालांकि इंटेल ने इसकी कोई जानकारी नहीं दी है कि एलपीडीटी कैसे काम करता है। इंटेल ने दावा किया है कि इस तकनीक में डिवाइस का पैनल एलसीडी पैनल के मुकाबले आधी पॉवर लेता है। यानी आसान भाषा में समझा जाए तो अब आपका लैपटॉप एक बार चार्ज करने पर 8 घंटे ज्यादा वीडियो प्लेबैक कर सकता है।

    इंटेल के मुताबिक कंपनी ने खुद की टेस्टिंग के दौरान पाया कि डिवाइस सिंगल चार्ज पर 28 घंटे तक लगातार काम कर सकता है। टेस्टिंग के लिए इस्तेमाल हुए लैपटॉप में एलपीडीटी डिस्प्ले, 15-वॉट कोर i7-8550U प्रोसेसर, 8 जीबी रैम, इंटेल 600p एसएसडी, यूएचडी ग्राफिक्स 620 और विडोंज 10 जैसे फीचर्स शामिल थे।

    एक रिपोर्ट के मुताबिक इंटेल डिस्प्ले बनाने वाली कंपनियों को बतौर स्पेसिफिकेशन एलपीडीटी को ऑफर कर सकता है। इसके तहत जिस लैपटॉप में वन-वॉट पैनल और इंटेल का प्रोसेसर लगा होगा उसमें एलपीडीटी पॉवर सेविंग तकनीक का फायदा उठाया जा सकता है। डिवाइस अपने आप सेटिंग्स को एडजस्ट कर लेगा। इन सेटिंग्स में ब्राइटनेस और रिफ्रेश रेट शामिल हैं, जिन्हें कम करके पॉवर को सेव किया जा सकता है। इसकी सबसे बड़ी खासियत ये है कि इस बदलाव को यूजर्स महसूस नहीं कर पाएंगे। डिवाइस की स्क्रीन रेजोल्यूशन, साइज और कलर पर इस बदलाव को कोई असर नहीं होगा।

    एलपीडीटी तकनीक का मौजूदा डिस्प्ले में फायदा नहीं उठाया जा सकता है, क्योंकि इसके लिए वन-वॉट पैनल की जरूरत होगी जो पुराने डिस्प्ले में नहीं है। इन डिस्प्ले को लेकर कितने ऑडर्स मिले हैं इसकी कंपनी ने कोई भी जानकारी नहीं दी है। अगर इंटेल की बैटरी सेविंग का दावा सही निकला तो कंपनी इसे रोल आउट करने में ज्यादा समय नहीं लेगी।

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