Trending

    Move to Jagran APP
    pixelcheck
    विज्ञापन हटाएं सिर्फ खबर पढ़ें

    Vastu Tips: वास्तु शास्त्र में क्यों हैं ईशान कोण का इतना महत्व, इस दिशा में क्या नहीं रखना चाहिए

    By Suman SainiEdited By: Suman Saini
    Updated: Sun, 18 Jun 2023 03:16 PM (IST)

    वास्तु शास्त्र हिंदू प्रणाली में सबसे पुराने विज्ञानों में से एक है। वास्तु शास्त्र में दिशाओं का बहुत ही महत्व है। इसमें घर की हर दिशा के लिए कुछ नियम बताए गए हैं जिनका ध्यान रखा जाए तो व्यक्ति नकारात्मक ऊर्जा से बचा रहता है।

    Hero Image
    Vastu Tips वास्तु शास्त्र में क्यों हैं ईशान कोण का इतना महत्व।

    नई दिल्ली, अध्यात्म डेस्क। Vastu Tips: घर की उत्तर-पूर्व दिशा को ईशान कोण कहा जाता है। घर की यह दिशा सबसे पवित्र मानी जाती है और यहां ईश्वर का वास माना जाता है। इसलिए घर में इस दिशा में कुछ भी रखने से पहले वास्तु शास्त्र के कुछ नियमों का ध्यान रखा जाना जरूरी है।

    विज्ञापन हटाएं सिर्फ खबर पढ़ें

    क्या है ईशान कोण का महत्व

    वास्तु शास्त्र में ईशान कोण की दिशा बहुत ही पवित्र और शुभ दिशा मानी गई है। इस दिशा में सभी देवी-देवताओं का वास होता है इसलिए यहां पर सबसे ज्यादा सकारात्मक ऊर्जा रहती है। इस दिशा के नियमों का ध्यान रखा जाए तो व्यक्ति जीवन में सुख, समृद्धि की वृद्धि होती है।

    ईशान कोण में कौन सी चीजें रखना शुभ

    ईशान कोण में पूजा स्थल का होना बेहद ही शुभ माना जाता है। यह हिस्सा घर का सबसे पवित्र स्थान माना जाता है इसलिए इस दिशा में साफ-सफाई विशेष रूप से होनी चाहिए। इस दिशा की दीवारों का रंग पीला रखना बहुत शुभ होता है। इस दिशा में सबसे ज्यादा सकारात्मक ऊर्जा होती है। इस दिशा में धन को रखा जा सकता है लेकिन वास्तु में धन रखने का सबसे अच्छा स्थान उत्तर दिशा मानी गई है।

    ईशान कोण में क्या नहीं करना चाहिए

    वास्तु के अनुसार भूलकर भी घर के ईशान कोण में कोई भी भारी चीज नहीं रखनी चाहिए। ऐसा माना जाता है कि यदि आप इस स्थान पर भारी चीज रख देते हैं तो सकारात्मक ऊर्जा का संचार रुक जाता है, जिससे आपको धन हानि हो सकती है। ईशान कोण में  स्टोर रूम आदि बनाने से बचना चाहिए। देवी-देवताओं का वास होने के कारण कभी भी इस दिशा में जूते, चप्पल या फिर कूड़ा कचरा इकठ्ठा न करें। ऐसा करने से घर में नकारात्मक ऊर्जा बढ़ती है और घर में परेशानियां आने लगती हैं।

    डिसक्लेमर: 'इस लेख में निहित किसी भी जानकारी/सामग्री/गणना की सटीकता या विश्वसनीयता की गारंटी नहीं है। विभिन्न माध्यमों/ज्योतिषियों/पंचांग/प्रवचनों/मान्यताओं/धर्मग्रंथों से संग्रहित कर ये जानकारियां आप तक पहुंचाई गई हैं। हमारा उद्देश्य महज सूचना पहुंचाना है, इसके उपयोगकर्ता इसे महज सूचना समझकर ही लें। इसके अतिरिक्त, इसके किसी भी उपयोग की जिम्मेदारी स्वयं उपयोगकर्ता की ही रहेगी।'