Vastu Tips: ऐसे घर में बनी रहती है खुशहाली, नहीं रहता वास्तु दोष का डर
वास्तु शास्त्र एक प्राचीन हिंदू प्रणाली है जो आज के समय में भी काफी प्रचलित भी है। कई बार वास्तु नियमों की अनदेखी करने पर व्यक्ति को वास्तु दोष का सामना करना पड़ता है। आज हम आपको वास्तु के कुछ ऐसे नियम बताने जा रहे हैं जिनका पालन करने पर आपके घर में खुशहाली और सुख-शांति का माहौल बना रहता है।
धर्म डेस्क, नई दिल्ली। वास्तु शास्त्र में घर के हर एक हिस्से को महत्वपूर्ण माना जाता है। ऐसे में अगर आप घर के हर हिस्से में वास्तु नियमों का ध्यान रखते हैं, तो इससे घर में पॉजिटिव एनर्जी का फ्लो बरकरार रहता है और नेगेटिव एनर्जी दूर रहती है। चलिए जानते हैं ऐसे ही कुछ जरूरी वास्तु नियम।
क्या है द्वारा की सही दिशा
वास्तु शास्त्र में माना गया है कि घर का प्रवेश द्वार हमेशा पूर्वी या फिर उत्तर दिशा की ओर होना चाहिए, क्योंकि वास्तु शास्त्र में यह माना गया है कि सकारात्मक ऊर्जा इन्हीं दिशाओं से प्रवेश करती है। ऐसे में अगर आपका मेन गेट इन दिशाओं में होगा, तो घर में हमेशा सकारात्मक ऊर्जा का संचार बना रहेगा।
अच्छी सेहत का मिलेगा आशीर्वाद
वास्तु के अनुसार, रसोई को हमेशा आग्नेय कोण यानी दक्षिण-पूर्व दिशा में बनवाना चाहिए। ऐसा करने से घर में सकारात्मक ऊर्जा बनी रहती है और सदस्यों का स्वास्थ्य भी अच्छा बना रहता है। वहीं वास्तु शास्त्र में माना गया है कि बेडरूम घर की दक्षिण-पश्चिम दिशा में होना चाहिए। इससे व्यक्ति को अच्छी नींद आती है, जिसका प्रभाव सेहत पर भी सकारात्मक रूप से देखने को मिलता है।
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इन बातों का ध्यान
पॉजिटिव एनर्जी के लिए घर में स्वच्छ हवा और प्राकृतिक रोशनी का होना बहुत जरूरी है। ऐसे में इस बात का ख्याल रखें कि आपके घर में स्वच्छ हवा और प्राकृतिक रोशनी की पर्याप्त व्यवस्था हो। इससे सकारात्मक ऊर्जा बढ़ती है।
इसी के साथ घर में हमेशा स्वच्छता का ध्यान रखें और हर चीज को व्यवस्थित तरीके से रखें। अगर आप इन वास्तु नियमों का ध्यान रखते हैं, तो आपके घर का वास्तु सही बना रहता है, जिससे सुख-शांति का संचार होता है।
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अस्वीकरण: इस लेख में बताए गए उपाय/लाभ/सलाह और कथन केवल सामान्य सूचना के लिए हैं। दैनिक जागरण तथा जागरण न्यू मीडिया यहां इस लेख फीचर में लिखी गई बातों का समर्थन नहीं करता है। इस लेख में निहित जानकारी विभिन्न माध्यमों/ज्योतिषियों/पंचांग/प्रवचनों/मान्यताओं/धर्मग्रंथों/दंतकथाओं से संग्रहित की गई हैं। पाठकों से अनुरोध है कि लेख को अंतिम सत्य अथवा दावा न मानें एवं अपने विवेक का उपयोग करें। दैनिक जागरण तथा जागरण न्यू मीडिया अंधविश्वास के खिलाफ है।'
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