Vastu Tips: दीवाली से पहले इन चीजों को घर से करें बाहर, तभी होगा मां लक्ष्मी का आगमन
कार्तिक माह में दीवाली (Diwali 2025) का पर्व देशभर में उत्साह के साथ मनाया जाता है। वास्तु शास्त्र के अनुसार दीवाली के दौरान में घर अशुभ चीजों को रखने से नकारात्मक ऊर्जा का वास होता है। इसलिए दीवाली से पहले घर से अशुभ चीजों को बाहर का रास्ता दिखाएं। ऐसा करने से घर में धन की देवी मां लक्ष्मी का वास होगा।

धर्म डेस्क नई दिल्ली। सनातन धर्म में दीवाली (Diwali 2025) के त्योहार का बेहद खास महत्व है। इस पर्व के आने का हर कोई बेसब्री से इंतजार करता है। दीवाली से पहले लोग अपने घरों की साफ-सफाई करते हैं।
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ऐसे में सफाई करते समय ध्यान रखें कि अशुभ चीजों को घर से बाहर करें। वास्तु (Vastu Tips) शास्त्र के अनुसार, अशुभ चीजों को घर से बाहर करने से मां लक्ष्मी की कृपा बरसती है। साथ ही सुख-शांति बनी रहती है। ऐसे में चलिए इस आर्टिकल में जानेंगे कि दीवाली से पहले किन चीजों को घर से बाहर करना चाहिए, जिससे धन की देवी मां लक्ष्मी का आशीर्वाद प्राप्त होगा।
कब है दीवाली (Diwali 2025 Date)
हर साल कार्तिक माह की अमावस्या तिथि पर दीवाली मनाई जाती है। वैदिक पंचांग के अनुसार, इस बार दीवाली का पर्व 20 अक्टूबर को मनाया जाएगा।
इन चीजों को घर से करें बाहर
- वास्तु शास्त्र के अनुसार, घर में टुटा हुआ शीशा रहना शुभ नहीं माना जाता है। इसको घर में रखने से नकारात्मकता ऊर्जा का वास होता है और व्यक्ति को जीवन में कई तरह की समस्याओं का सामना करना पड़ सकता है। इसलिए दीवाली से पहले टूटे हुए शीशे को घर से बाहर करें। ऐसा माना जाता है कि इस काम को करने से घर में मां लक्ष्मी का आगमन होता है।
- अगर आपके घर में फटे-पुराने जूते चप्पल है, तो उन्हें भी दीवाली की सफाई के दौरान घर से बाहर करें। वास्तु शास्त्र के अनुसार, फटे-पुराने जूते चप्पल को घर में रखने से दुर्भाग्य आता है और मां लक्ष्मी का आगमन नहीं होता है। इसलिए इस दीवाली पर घर में भूलकर भी फटे-पुराने जूते चप्पल न रखें।
- इसके अलावा घर में बंद घड़ी को नहीं रखना चाहिए। ऐसा माना जाता है कि बंद घड़ी का नकारात्मक ऊर्जा का प्रतीक माना जाता है। इससे व्यक्ति को करियर और आर्थिक तंगी का समस्या का सामना करना पड़ सकता है। इसलिए दीवाली से पहले बंद घड़ी को घर से बाहर करें या फिर उसे सही करवाएं।
- अगर आपके मंदिर में किसी देवी-देवता की खंडित प्रतिमा (टूटी हुई) है, तो उसे मंदिर में न रखें। धार्मिक मान्यता के अनुसार, खंडित प्रतिमा की पूजा करने से साधक को पूजा का शुभ फल प्राप्त नहीं होता है। ऐसे में खंडित प्रतिमा को किसी पवित्र नदी में विसर्जत कर दें।
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