Trending

    Move to Jagran APP
    pixelcheck
    विज्ञापन हटाएं सिर्फ खबर पढ़ें

    Sharad Purnima 2024: शरद पूर्णिमा पर करें चावल की खीर से जुड़े ये उपाय, चंद्र देव की बरसेगी कृपा

    By Jagran News Edited By: Pravin Kumar
    Updated: Mon, 14 Oct 2024 01:41 PM (IST)

    ज्योतिषीय ग्रंथों में चंद्रमा (Sharad Purnima 2024 Upay) को मन का कारक माना गया है। चंद्रमा को औषधियों का स्वामी भी कहा गया है। शरद पूर्णिमा को चंद्रमा सोलह कलाओं से परिपूर्ण होने के साथ पृथ्वी के निकट होता है। मान्यता है कि वह इस दिन विविध औषधियुक्त दिव्य किरणों को पृथ्वी पर बरसाता है। ये दिव्य किरणें मनुष्य के मन की शांति के लिए कार्य करती हैं।

    Hero Image
    Sharad Purnima 2024: शरद पूर्णिमा का धार्मिक महत्व

    डॉ. प्रणव पण्ड्या (कुलाधिपति, देवसंस्कृति विश्वविद्यालय, हरिद्वार)। आश्विन माह की पूर्णिमा अन्य पूर्णिमाओं से श्रेष्ठ मानी गई है। शरद पूर्णिमा के दिन चंद्रमा की किरणों से अमृत की वर्षा होती है, जिसे अमृत काल भी कहा जाता है। शरद पूर्णिमा न केवल एक धार्मिक पर्व है, बल्कि यह मन की शांति और आंतरिक आनंद प्राप्त करने का भी एक अवसर है। कहा जाता है कि इस दिन रात्रि में योगेश्वर श्रीकृष्ण जी ने गोपियों के संग महारास रचाया था और सत्पात्रों में विशेष अनुकंपा बांटी थी। इसी को स्मरण कर पूर्णिमा की रात्रि को उत्सव मनाते हैं और योगेश्वर श्रीकृष्ण का आशीष पाने के लिए विविध उपाय करते हैं। इसे कोजागरी व्रत (Sharad Purnima Puja Vidhi) भी कहा जाता है। स्कंद पुराण में इसे सर्वश्रेष्ठ व्रतों में से एक माना गया है।

    विज्ञापन हटाएं सिर्फ खबर पढ़ें

    मान्यता है कि इसमें विधिपूर्वक व्रत के साथ पूजा-आराधना करने से व्रती को उत्तम लोकों की प्राप्ति होती है। सनत कुमार संहिता में कहा गया है कि इस दिन महालक्ष्मी की आराधना (Kojagari Puja Significance) सभी को करनी चाहिए। महालक्ष्मी प्रसन्न होकर आराधना करने वालों के मन को शांति प्रदान करती हैं और उन्हें धनधान्य से परिपूर्ण करती हैं। हिंदू पौराणिक कथाओं के अनुसार, इस समय महालक्ष्मी विचरण करती हैं। शरद पूर्णिमा पर ध्यान और साधना करने से मन में शांति और संतोष की अनुभूति होती है।

    यह भी पढें: मन की स्थिरता मंदराचल पर्वत और प्रेम की डोर शेषनाग हैं

    यह आत्मा को उच्चतर स्तर पर पहुंचाने का एक साधन है। प्राकृतिक वातावरण के संपर्क में आने से मानसिक तनाव भी कम होता है, जिससे सकारात्मक विचारों को अपनाने से मानसिक शांति मिलती है। आयुर्वेद चिकित्सक इस पूर्णिमा की प्रतीक्षा करते हैं। जीवनदायिनी रोग नाशक जड़ी-बूटियों को शरद पूर्णिमा की चांदनी में रखते हैं। अमृत से नहाई इन जड़ी-बूटियों से जब दवा तैयार की जाती है, तो वह रोगी के तन पर तुरंत असर डालती है। वहीं सामान्य लोग चावल की खीर ( Kheer Rakhne Ka Samay) बनाकर रात भर उसे चंद्रमा के प्रकाश में रखते हैं।

    यह भी पढ़ें आखिर क्यों देवर्षि नारद को सृष्टि का पहला पत्रकार माना गया?

    मान्यता है कि सुबह उसे खाने से तन-मन निरोगी होता है। ज्योतिषीय ग्रंथों में चंद्रमा को मन का कारक माना गया है। चंद्रमा को औषधियों का स्वामी भी कहा गया है। शरद पूर्णिमा (Sharad Purnima 2024 Upay) को चंद्रमा सोलह कलाओं से परिपूर्ण होने के साथ पृथ्वी के निकट होता है। मान्यता है कि वह इस दिन विविध औषधियुक्त दिव्य किरणों को पृथ्वी पर बरसाता है। ये दिव्य किरणें मनुष्य के मन की शांति के लिए कार्य करती हैं।