Trending

    Move to Jagran APP
    pixelcheck
    विज्ञापन हटाएं सिर्फ खबर पढ़ें

    Sawan 2025: रखेंगे इन बातों का ध्यान, तभी कहलाएंगे सच्चे शिव भक्त

    Updated: Tue, 22 Jul 2025 10:19 AM (IST)

    सावन का पवित्र महीना चल रहा है जो शिव भक्तों के लिए विशेष महत्व रखता है। इस महीने में कांवड़ यात्रा भी की जाती है जो अत्यंत पावन मानी जाती है। इस दौरान कावड़िएं हरिद्वार से गंगाजल लाकर उससे अपने स्थानीय शिवालय में शिवलिंग का अभिषेक करते हैं। ऐसे में चलिए आचार्य नारायण दास जी से जानते हैं इस पावन अवधि पर उनके विचार।

    Hero Image
    इन बातों का ध्यान रखने वाला ही कहलाता है शिव भक्त।

    ऋषि आचार्य नारायण दास, (माया कुंड)। श्रावण वण मास वस्तुतः भक्ति एवं हरियाली का प्रतीक है। इस मास में सोमवार व्रत या अन्य व्रत शुरू किए जा सकते हैं। इस मास जो भगवान शिव को बेलपत्र एवं दूध-दही, घी, शहद, गन्ने का रस इत्यादि से अभिषेक करता है, परम कृपालु उसकी सारी मनोकामनाएं पूर्ण करते हैं।

    विज्ञापन हटाएं सिर्फ खबर पढ़ें

    श्रावण मास एक ऐसा पवित्र समय है, जिसमें आशुतोष भगवान शिव की आराधना और पूजा का विशेष महत्व है, जिससे जीवन में सुख, शांति और समृद्धि की प्राप्ति होती है।

    शिव जी के पूजन से मिलते हैं कई लाभ

    जीवन के सभी पाप-ताप मिटते हैं और जीवन यात्रा में आने वाली बाधाओं का शमन हो जाता है। भगवान शिव शीघ्र ही प्रसन्न होने वाले और वरदायक हैं। इस मास में शिव जी के पूजन, अर्चन और जलाभिषेक से जीवन की विषमताएं दूर होती हैं तथा जीवन समता शांति, शक्ति और समृद्धि की प्राप्ति होती है। जलतत्व सृष्टि में एक प्रमुख तत्व है, जो शक्ति प्रदायक और सृजन में सहायक है।

    जब हम भक्ति भाव से भगवान शिव का अभिषेक करते हैं, तो उससे एक अदृश्य पारलौकिक दिव्यतरंग समुत्पन्न होती है, जिसकी ऊर्जा से एक औरा बनता है, जो जीवनदायिनी शक्ति और शांति प्रदान करता है।

    (Picture Credit: Freepik) (AI Image)

    यह भी पढ़ें - Hariyali Teej 2025: कब और क्यों मनाई जाती है हरियाली तीज? नोट करें सही डेट और महत्व

    क्या है यथार्थ शिव भक्ति

    श्रावण मास जीवन और जगत दोनों को जीवन प्रदान करता है। सूर्य के ताप से तापित पृथ्वी वर्षा के जल से शीतल, शांत, हरीतिमा और उर्वर क्षमता से परिपूर्ण हो जाती है। इस आलेख के माध्यम से भगवान शिवजी के भक्त परिवार कांवड़िया बंधुओं से निवेदन करना चाहता हूं कि इस पवित्र यात्रा में हमारे किसी कार्य-व्यवहार से जनसामान्य को कोई कष्ट न पहुंचे, इसका ध्यान रखना ही यथार्थ शिव भक्ति है।

    यह भी पढ़ें - इच्छाओं से मुक्त होकर रोजाना करनी चाहिए भगवान की स्तुति और वंदना