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    Mahashivratri 2025: शिव मंत्र के जप से मिलती है विशेष ऊर्जा, जानें इसका मूल अर्थ

    ‘शि-व’ मंत्र (Shiv Mantra) के रूप में एक ऊर्जा देता है और दूसरा उसे संतुलित करता है या उस पर नियंत्रण करता है। दिशाहीन ऊर्जा किसी काम की नहीं होती वह विनाशकारी हो सकती है। इसलिए जब हम ‘शिव’ कहते हैं तो हम उस ऊर्जा को एक विशेष रूप में एक विशेष दिशा में प्रेरित करने की बात करते हैं।

    By Jagran News Edited By: Kaushik Sharma Updated: Mon, 24 Feb 2025 11:10 AM (IST)
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    Lord Shiv: शिव मंत्र के बारे में सद्गुरु के विचार

    सद्गुरु (ईशा फाउंडेशन के प्रमुख, आध्यात्मिक गुरु)। जीवन की बहुत गहन समझ से ही हम उस ध्वनि पर पहुंचे हैं, जिसे हम शिव कहते हैं। हम जानते हैं कि ‘शि-व’ ध्वनियां आपके लिए चमत्कारी चीजें घटित कर सकती हैं। अगर आप पर्याप्त ग्रहणशील हैं, तो यह ध्वनि विस्फोटक हो सकती है। सिर्फ एक उच्चारण आपके अंदर बहुत शक्तिशाली रूप में विस्फोट कर सकता है।

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    (Pic Credit-AI)

    इसमें इतनी शक्ति है। यह ऐसा विज्ञान है, जिसे अपने भीतर बहुत गहन अनुभव से समझा गया है। हमने बहुत गहराई से इसे देखा है। ‘शिव’ में ‘शि’ का मूल अर्थ है ‘शक्ति या ऊर्जा’। भारतीय जीवनशैली में हमने हमेशा स्त्रीत्व को शक्ति का प्रतीक माना है। अंग्रेजी भाषा में भी स्त्रीत्व के लिए यही शब्द ‘शी’ मिलता है। शि का मूल अर्थ शक्ति या ऊर्जा है। लेकिन अगर आप बहुत ज्यादा शि करेंगे, तो यह आपको असंतुलित कर देगा। इसलिए उसे मंद करने और संतुलन बनाए रखने के लिए इस मंत्र में ‘व’ जोड़ा गया है। व, वाम से आया है, जिसका मतलब है, प्रवीणता या अधिकार।

    शिव मंत्र से मिलती है विशेष दिशा

    ‘शि-व’ मंत्र के रूप में, एक ऊर्जा देता है और दूसरा उसे संतुलित करता है या उस पर नियंत्रण करता है। दिशाहीन ऊर्जा किसी काम की नहीं होती, वह विनाशकारी हो सकती है। इसलिए जब हम ‘शिव’ कहते हैं, तो हम उस ऊर्जा को एक विशेष रूप में, एक विशेष दिशा में प्रेरित करने की बात करते हैं।

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    शिव पंथ आंतरिक विकास का है विज्ञान

    जब आप ‘शिव’ कहते हैं, तो इसका किसी पंथ से लेना-देना नहीं है। आज दुनिया पंथ के आधार पर बंटी हुई है। इसकी वजह से, जब आप कुछ बोलते हैं, तो ऐसा लगता है कि आप किसी ‘संप्रदाय’ से जुड़े हैं। शिव पंथ का नहीं, आंतरिक विकास का विज्ञान है। आपको शिव की पूजा करने की जरूरत नहीं है।

    (Pic Credit-AI)

    मैं नहीं करता। जब मैं ‘शिव’ कहता हूं, तो वह मेरे लिए सब कुछ है। आपको उस ध्वनि की शक्ति पता होनी चाहिए। अपने तार्किक मन में न उलझें। यह आपको आपकी मौजूदा स्थिति से परे ले जाने का तरीका है। यह उन सीमाओं से परे जाने का तरीका है, जिनमें व्यक्ति बंधा हुआ है।

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