जीवन दर्शन: प्रेम को करुणा में बदल कर मुक्ति की ओर बढ़ सकते हैं
प्रेम आरंभ में एक तरह की पसंद के साथ शुरू होता है इसलिए यह किसी वस्तु या व्यक्ति पर निर्भर होता है- जो आपके लिए अच्छा हो! आपका ध्यान हमेशा किसी व्यक्ति या वस्तु की अच्छाई पर लगा रहता है। दूसरे शब्दों में भाव सीमित हो जाते हैं। जिसे आप प्रेम करते हैं अगर वह अच्छा है केवल तभी आप उसे प्रेम करते रह सकते हैं।
सद्गुरु (ईशा फाउंडेशन के प्रणेता आध्यात्मिक गुरु)। आप अपने भीतर जितने भावों को पोषित कर सकते हैं, उन सब में से करुणा सबसे कम बंधन और उलझाव पैदा करने वाली है। यह सबसे अधिक मुक्तिदायक भावना है। वैसे आप करुणा के बिना जी सकते हैं, लेकिन आपके भीतर वैसे भी भावनाएं तो होंगी ही, इसलिए बेहतर होगा कि आप उन्हें करुणा में ही बदल दें।
करुणा भावनाओं का ऐसा आयाम है, जो आपको मुक्त करता है, जो किसी भी वस्तु या व्यक्ति के साथ नहीं उलझता। अकसर आपके प्रेम का ईंधन जुनून होता है। करुणा का अर्थ है, जुनून का विस्तार। जब यह किसी एक के लिए होता है, तो इसे जुनून कहते हैं, जब यह सबको अपने में शामिल कर लेता है, तो इसे ही करुणा कहते हैं।
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प्रेम आरंभ में एक तरह की पसंद के साथ शुरू होता है, इसलिए यह किसी वस्तु या व्यक्ति पर निर्भर होता है- जो आपके लिए अच्छा हो! आपका ध्यान हमेशा किसी व्यक्ति या वस्तु की अच्छाई पर लगा रहता है। दूसरे शब्दों में, भाव सीमित हो जाते हैं। जिसे आप प्रेम करते हैं अगर वह अच्छा है, केवल तभी आप उसे प्रेम करते रह सकते हैं।
अगर वह आपको बुरा लगने लगता है, तो आप उससे प्रेम नहीं कर सकते। जबकि अगर कोई बुरा है, या बुरी हालत में है या खराब मूड में है, तब उसके लिए आपकी करुणा और अधिक होगी। करुणा आपको सीमाओं में नहीं बांधती। यह अच्छे और बुरे के बीच भेद नहीं करती। इसलिए करुणा निश्चित तौर पर प्रेम की तुलना में मुक्तिदायक है।
प्रेम अक्सर किसी एक के लिए होता है। यह सुंदर हो सकता है, पर यह किसी विशेष के लिए होता है। अगर दो प्रेमी एक साथ बैठे हों तो वे सारी दुनिया से कट जाते हैं। उन्होंने अपने लिए निकटता की एक अलग ही दुनिया बना ली है। बुनियादी तौर पर, यह साजिश की तरह है। आप हमेशा अपनी साजिश का आनंद उठाते हैं, क्योंकि ऐसा करने के दौरान आप विशेष हो जाते हैं।
आपकी साजिश के बारे में कोई दूसरा नहीं जानता। आमतौर पर, अधिक लोगों के लिए यह साजिश ही प्रेम का सच्चा आनंद है। वे प्रेम करते हैं, इसका आनंद उठाते हैं, पर जब उनका विवाह होता है, तो वे संसार में उसकी घोषणा कर देते हैं। इस प्रसंग से उनका सारा आनंद जाने लगता है, क्योंकि अब यह गोपनीय नहीं रहा। अब उनकी इस साजिश के बारे में हर कोई जान चुका है।
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प्रेम को करुणा में बदल कर मुक्ति की ओर बढ़ सकते हैं। अगर प्रेम जुनून की तरह शुरू हो कर जुनून की तरह ही समाप्त होता है, तो आप जीवन में अपने लिए बहुत सारे कष्टों को न्यौता दे रहे हैं - यह आपके लिए उलझन बन जाएगा। लेकिन अगर यह किसी जुनून की तरह आरंभ होता है और असीम करुणा में बदल जाता है, तो यह आपको मुक्त कर सकता है।
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