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    New Year 2024: कर्म करने की शक्ति प्राप्त करने के लिए प्रतिदिन भगवान की प्रार्थना करें

    New Year 2024 कल और आज यदि इतने अच्छे नहीं रहे तो भी बेहतर कल की आशाएं अवश्य रखें क्योंकि आशाएं ही साकार होती हैं। हमारा जीवन आशाओं पर टिका है। इसके बिना जीवन है ही नहीं। अत आशान्वित होकर जीवन में आगे बढ़ना ही बेहतर है लेकिन क्या हमने अपनी आशाओं को पोषित और प्रतिफलित करने का वातावरण बनाया है।

    By Pravin KumarEdited By: Pravin KumarUpdated: Sun, 24 Dec 2023 12:08 PM (IST)
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    New Year 2024: कर्म करने की शक्ति प्राप्त करने के लिए प्रतिदिन भगवान की प्रार्थना करें

    माता अमृतानंदमयी (प्रसिद्ध आध्यात्मिक गुरु): जैसे-जैसे हर नया वर्ष आता है, हमारे सपनों और आशाओं में भी नए पंख लगते हैं। भोर होते ही जब सूर्य की पहली किरणें धरती को छूती हैं तो हर पौधा खुशी से झूम उठता है। यह एक अच्छे आरंभ की प्रसन्नता है। जिस प्रकार वर्षा के बादल छंटते हैं और आसमान में इंद्रधनुष दिखाई देता है तो यह हर हृदय को उत्साह से भर देता है, उसी तरह नया वर्ष ऐसा समय है, जब हमारे हृदय में आशा, प्रसन्नता और उत्साह भर जाता है। प्रत्येक वर्ष की तरह इस नव-वर्ष का स्वागत हम इस आशा के साथ कर रहे हैं कि अब और भी अच्छे दिन आएंगे।

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    कल और आज यदि इतने अच्छे नहीं रहे, तो भी बेहतर कल की आशाएं अवश्य रखें, क्योंकि आशाएं ही साकार होती हैं। हमारा जीवन आशाओं पर टिका है। इसके बिना जीवन है ही नहीं। अत: आशान्वित होकर जीवन में आगे बढ़ना ही बेहतर है, लेकिन क्या हमने अपनी आशाओं को पोषित और प्रतिफलित करने का वातावरण बनाया है। क्या हमने समझदारी से स्वयं का विकास किया है? आप बाहरी तौर पर कितने भी बड़े हो जाएं, यदि आप दूसरों को समझने के लिए पर्याप्त उदार नहीं हैं, यदि आपके भीतर करुणा और संवेदनशीलता नहीं है, तो किसी भी बाहरी बदलाव से क्या लाभ?

    शांति और संघर्ष हमेशा आपस में जुड़े रहते हैं। यह जीवन का स्वभाव है, लेकिन आज दुनिया की स्थितियों को देखकर लगता है कि मात्र समस्याएं और संघर्ष पैदा करना मनुष्य का स्वभाव बन गया है। दुनिया में कुछ स्थानों पर लोग गृह-संघर्ष से पीड़ित हैं। कुछ स्थानों पर लोग युद्ध के कारण होने वाले विनाश से पीड़ित हैं। दुनिया में लोग एक-दूसरे से लड़ रहे हैं, एक-दूसरे को समझने और स्वीकार करने में असमर्थ हैं। इस अवसर पर हमें यह सोचना चाहिए कि ऐसी स्थितियों में हम बदलाव की अपनी आशाओं को कैसे प्रतिफलित करें। बदलाव लाने के लिए हम क्या कर सकते हैं। हमें अपने भीतर की करुणा को जगाना होगा, सेवा भाव लाना होगा और दूसरों के आंसू पोंछने के लिए जो कुछ भी कर सकते हैं, वह करना चाहिए, भले ही हम थोड़ा-सा ही कर सकें।

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    थोड़ा-थोड़ा प्रयास सभी करें, तो उसमें सामूहिक प्रयास की शक्ति आ जाती है। हमारे निःस्वार्थ कर्म दूसरों के जीवन में व्याप्त अंधकार में कम से कम छोटे दीपक के रूप में काम आ सकें, क्योंकि जब ये छोटे-छोटे प्रकाशवाहक दीये एक साथ चमकते हैं, तो वह सम्मिलित प्रकाश कुछ लोगों का तो मार्गदर्शन कर ही सकता है। उन्हें राहत और आराम दे सकता है। इस नए वर्ष में हम अपने हृदय में करुणा की लौ जलाए रखें, अन्यथा हमारा स्वयं का ही जीवन अंधकारमय हो जाएगा। करुणा से जन्मे कार्य प्रत्येक विपरीत परिस्थिति को बदलने का सामर्थ्य रखते हैं। हमें इस कहावत को जीने में सक्षम होना चाहिए: 'एक सभी के लिए और सभी एक के लिए।'

    करुणा के वशीभूत होकर जब हम दूसरों की मदद करेंगे, तो उससे न सिर्फ उनके हृदय में प्रसन्नता आएगी, बल्कि हमारे हृदय को भी वह पवित्र कर देगी और हमें प्रसन्नता से भर देगी। उदाहरण के तौर पर यदि हम किसी भूखे को खाना खिलाएंगे, तो उसके चेहरे पर जो तुष्टि की प्रसन्नता आएगी, उसे देखकर हमें कितना संतोष होगा, कितनी प्रसन्नता होगी। यह उस कर्म का प्रत्यक्ष फल है। एक अदृश्य परिणाम भी है-कार्य द्वारा निर्मित पुण्य। इसलिए, दूसरों की मदद और सेवा करने का अवसर कभी न चूकें। मन की पवित्रता और अच्छे कर्म करने की शक्ति प्राप्त करने के लिए प्रतिदिन गुरु या भगवान से पूरे मन से प्रार्थना करें।

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    हमें विनम्र रहने का प्रण लेना चाहिए। जब हम विनम्र होंगे, तो यह स्वचालित रूप से हमें अनुग्रह के कारक के प्रति ग्रहणशील बना देगा। हम सभी चाहते हैं कि दुनिया वर्तमान की तुलना में अधिक अच्छाई और सुंदरता से भरी हो। हमें उस दुनिया को बनाने में अपना योगदान देना चाहिए। यदि हमारे भीतर प्रेम और शांति है तो यह दूसरों तक भी फैलेगी और तब वातावरण स्वयं ही आनंदमय हो जाएगा। वर्ष 2024 समृद्धि और प्रसन्नता से भरा एक शांतिपूर्ण वर्ष हो, जिसमें हमारी सभी इच्छाएं पूरी हों। यह सभी के लिए खुशहाली और समृद्धि लाए।