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    ऐसे अद्भुत विवाह जो 2025 में रहें चर्चा में, जानिए इनसे जुड़ी महत्वपूर्ण बातें

    Updated: Sun, 14 Dec 2025 12:00 PM (IST)

    भारतीय संस्कृति में विवाह को 16 संस्कारों में से एक माना जाता है। वैदिक विवाह सबसे प्राचीन है, जो वेदों पर आधारित है। इसमें कन्यादान और फेरे प्रमुख रस ...और पढ़ें

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    Year Ender 2025: भूत शुद्धि विवाह और वैदिक विवाह का महत्व।

    धर्म डेस्क, नई दिल्ली। Year Ender 2025: भारतीय संस्कृति में विवाह को केवल एक बंधन नहीं, बल्कि 16 संस्कारों में से एक माना गया है। विवाह की परंपराएं क्षेत्र के आधार पर अलग-अलग होती हैं, जिनमें वैदिक विवाह सबसे प्राचीन और भूत शुद्धि विवाह योगिक परंपरा पर आधारित एक विशेष अनुष्ठान है। आइए साल खत्म होने से पहले इन अद्भुत विवाह के बारे में जानते हैं, जो इस साल काफी चर्चा में हैं।

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    वैदिक विवाह (Vedic Vivah)

    vaidic vivhah

    AI Genereted

    वैदिक विवाह हिंदू धर्म का सबसे पुराना और मूल विवाह संस्कार है। इसके बारे में ऋग्वेद, यजुर्वेद और अथर्ववेद में भी बताया गया है। यह विवाह पूरी तरह से मंत्रों, पवित्र अग्नि, और पुरानी परंपराओं पर आधारित होता है। इसका मुख्य उद्देश्य धर्म, अर्थ, काम और मोक्ष की पूर्ति के लिए गृहस्थ जीवन में जाना और अच्छे संतान की प्राप्ति करना है।

    प्रमुख रस्में

    इस विवाह में कन्यादान, पाणि ग्रहण, और फेरे सबसे खास रस्में होती हैं। फेरों में पति-पत्नी जीवनभर धर्म और सत्य के प्रति जिम्मेदारियों को निभाने का वचन लेते हैं। यह बंधन पति-पत्नी को जीवन भर के लिए एक-दूसरे के प्रति समर्पित करता है और उन्हें धार्मिक कामों के लिए योग्य बनाता है।

    भूत शुद्धि विवाह (Bhuta Shuddhi Vivah)

    bhut shuddhi vivah

    AI Genereted

    भूत शुद्धि विवाह एक प्राचीन योगिक परंपरा पर आधारित है, जिसका उद्देश्य आध्यात्मिक शुद्धि है। 'भूत शुद्धि' का मतलब है तत्वों का शुद्धिकरण। यह रस्म दूल्हा-दुल्हन के शरीर, मन और ऊर्जा को बनाने वाले पांच तत्वों को पूरी तरह शुद्ध करता है। इस विवाह का मुख्य उद्देश्य भावनात्मक और शारीरिक सीमाओं से परे जाकर आध्यात्मिक मिलन करना है। माना जाता है कि यह वैवाहिक जीवन में सुख-शांति लेकर आता है।

    प्रमुख रस्में

    इसमें दूल्हा-दुल्हन ध्यान की रस्में करते हैं और पवित्र अग्नि के चारों ओर पंचतत्वों की शुद्धि के लिए मंत्रोच्चारण के साथ परिक्रमा करते हैं। यह विवाह अक्सर शांत, सादा और निजी होता है।

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    अस्वीकरण: इस लेख में बताए गए उपाय/लाभ/सलाह और कथन केवल सामान्य सूचना के लिए हैं। दैनिक जागरण तथा जागरण न्यू मीडिया यहां इस लेख फीचर में लिखी गई बातों का समर्थन नहीं करता है। इस लेख में निहित जानकारी विभिन्न माध्यमों/ज्योतिषियों/पंचांग/प्रवचनों/मान्यताओं/धर्मग्रंथों/दंतकथाओं से संग्रहित की गई हैं। पाठकों से अनुरोध है कि लेख को अंतिम सत्य अथवा दावा न मानें एवं अपने विवेक का उपयोग करें। दैनिक जागरण तथा जागरण न्यू मीडिया अंधविश्वास के खिलाफ है।