Silver Anklets: जानें, क्यों महिलाएं पैरों में नहीं पहनती हैं सोने की पायल और क्या है इसका धार्मिक कारण
Benefits Of Wearing Silver Anklets सोना जगत के पालनहार भगवान विष्णु और धन की देवी मां लक्ष्मी को अति प्रिय है। सोने को माता लक्ष्मी का स्वरूप माना गया है। इसके लिए सोने के आभूषण पहनने से घर में सुख और समृद्धि बनी रहती है।

नई दिल्ली, अध्यात्म डेस्क | Benefits Of Wearing Silver Anklets: सनातन धर्म में सुहागिन महिलाएं सोलह श्रृंगार करती हैं। इसके लिए महिलाएं हीरे-मोती, सोने और चांदी के आभूषण धारण करती हैं। वर्तमान समय में महिलाएं सोने और चांदी के गहने अधिक पहनती हैं। इन आभूषणों से सुहागिन महिलाओं की खूबसूरती और बढ़ जाती है। साथ ही घर में सुख और समृद्धि का आगमन होता है। धार्मिक और वैज्ञानिक दृष्टिकोण के अनुसार, आभूषण पहनना सेहत और सौभाग्य के लिए फायदेमंद होता है। लेकिन क्या आपको पता है कि महिलाएं पैरों में सोने की पायल क्यों नहीं पहनती हैं ? आइए, इसके बारे में सबकुछ जानते हैं-
धार्मिक कारण
सोना जगत के पालनहार भगवान विष्णु और धन की देवी मां लक्ष्मी को अति प्रिय है। सोने को माता लक्ष्मी का स्वरूप माना गया है। इसके लिए सोने के आभूषण पहनने से घर में सुख और समृद्धि बनी रहती है। हालांकि, सोने के आभूषण को कमर से नीचे नहीं पहनना चाहिए। अगर कोई महिला ऐसा करती है, तो धन की देवी मां लक्ष्मी नाराज हो जाती हैं।
धार्मिक मान्यता है कि जब मां लक्ष्मी नाराज होती हैं, तो घर में धन की कमी होने लगती है। घर में हमेशा मुसीबत बनी रहती है। लाख चाहकर भी इंसान खुश नहीं रह पाता है। सुख और समृद्धि में भी कमी आने लगती है। इसके लिए महिलाएं सोने की पायल नहीं पहनती हैं। ज्योतिषियों की मानें तो महिलाओं को कमर के नीचे स्वर्ण आभूषण नहीं धारण करना चाहिए।
वैज्ञानिक कारण
वैज्ञानिक दृष्टिकोण के अनुसार, स्वर्ण आभूषण धारण करने से शरीर के तामपान में बदलाव होता है। स्वर्ण आभूषण शरीर के तापमान को बढ़ाते हैं, तो चांदी के आभूषण शीतलता प्रदान करते हैं। साथ ही शरीर का तापमान संतुलित रहता है। इसके लिए महिलाएं चांदी की पायल पहनती हैं। जानकारों की मानें तो सोने की पायल पहनने से स्वास्थ्य संबंधी परेशानी भी हो सकती है। अतः पैरों में सोने की पायल नहीं धारण करनी चाहिए। पैरों में सोने की अंगूठी भी नहीं पहननी चाहिए। इसके बदले में चांदी की अंगूठी पहनें।
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