मंदिर में शिवलिंग की तरफ क्यों होता है नंदी का मुंह, कैसे बनें महादेव की सवारी?
शिव पुराण में महादेव की महिमा के बारे में विस्तार से बताया गया है। शिव मंदिरों में सोमवार के दिन भगवान शिव की विशेष पूजा-अर्चना होती है। साथ ही दूध दही शहद बेलपत्र और गंगाजल समेत आदि चीजों से शिवलिंग का अभिषेक किया जाता है। शिवलिंग के सामने नंदी (nandi shiva) विराजमान होते हैं। आइए जानते हैं शिवलिंग की तरफ क्यों होता है नंदी का मुंह?

धर्म डेस्क, नई दिल्ली। सनातन धर्म में भगवान शिव को सोमवार का दिन प्रिय है। इस शुभ अवसर पर भक्त भगवान शिव और मां पार्वती की पूजा-अर्चना करते हैं। साथ ही जीवन में सभी सुखों की प्राप्ति के लिए विधिपूर्वक व्रत भी करते हैं। धार्मिक मान्यता के अनुसार, सोमवार के दिन इन शुभ कामों को करने से साधक के जीवन में खुशियों का आगमन होता है। साथ ही महादेव की कृपा प्राप्त होती है।
इस दिन लोग महादेव के दर्शनों के लिए शिव मंदिर भी जाते हैं। शिव जी के दर्शन कर शिवलिंग की पूजा करते हैं। शिवलिंग के सामने नंदी विराजमान होते हैं। लेकिन क्या आप जानते हैं कि शिव मंदिर में शिवलिंग के सामने ही नंदी क्यों विराजमान होते हैं? अगर नहीं पता, तो ऐसे में आइए हम आपको बताएंगे इसकी वजह के बारे में।
पौराणिक कथा के अनुसार, शिलाद नाम के ऋषि थे। वह महादेव की अधिक तपस्या करते थे, जिसकी वजह से उन्होंने नंदी (nandi ki katha) को पुत्र रूप में प्राप्त किया। एक बार ऐसा समय आया जब शिलाद के आश्रम में दो संतों का आगमन हुआ।
(1).jpg)
ऋषि ने उनकी सेवा की। उनके इस काम को देख संत प्रसन्न हुए और ऋषि को लंबी आयु का वरदान दिया, लेकिन उन्होंने नंदी को कोई आशीर्वाद नहीं दिया और उन संतों ने नंदी की आयु कम भविष्यवाणी की। इस बात को जानकर ऋषि शिलाद और नंदी चिंतित हुए। ऐसे में नंदी ने महादेव के कठोर तपस्या की और प्रभु का ध्यान किया। नंदी ने तपस्या कर महादेव को प्रसन्न किया और उन्हें (नंदी को) अपना वाहन बना लिया और नंदी का अभिषेक करवाया। इसके बाद नंदी का मरुतों की पुत्री सुयशा का विवाह हुआ।
यह भी पढ़ें: Banke Bihari Temple: बांके बिहारी मंदिर में रोजाना क्यों नहीं होती मंगला आरती? जानें इसके पीछे की वजह
महादेव ने दिया वरदान
महादेव ने प्रसन्न होकर नंदी को वरदान दिया कि जिस स्थान पर नंदी का निवास होगा। उसी स्थान के सामने भगवान शिव वास करेंगे। इसी वजह से शिव मंदिर में शिवलिंग के सामने नंदी का विराजमान होते हैं।
धार्मिक मान्यता के अनुसार, भगवान शिव के साथ नंदी की विधिपूर्वक पूजा-अर्चना करने से साधक को शुभ फल की प्राप्ति होती है। साथ ही सभी मनोकामनाएं जल्द पूरी होती हैं।
यह भी पढ़ें: कब और कहां देवों के देव महादेव और मां पार्वती ने लिए थे सात फेरे? विष्णु जी ने निभाई थी अहम भूमिका
अस्वीकरण: इस लेख में बताए गए उपाय/लाभ/सलाह और कथन केवल सामान्य सूचना के लिए हैं। दैनिक जागरण तथा जागरण न्यू मीडिया यहां इस लेख फीचर में लिखी गई बातों का समर्थन नहीं करता है। इस लेख में निहित जानकारी विभिन्न माध्यमों/ज्योतिषियों/पंचांग/प्रवचनों/मान्यताओं/धर्मग्रंथों/दंतकथाओं से संग्रहित की गई हैं। पाठकों से अनुरोध है कि लेख को अंतिम सत्य अथवा दावा न मानें एवं अपने विवेक का उपयोग करें। दैनिक जागरण तथा जागरण न्यू मीडिया अंधविश्वास के खिलाफ है।

कमेंट्स
सभी कमेंट्स (0)
बातचीत में शामिल हों
कृपया धैर्य रखें।