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    सूर्य ग्रहण से लेकर शनि गोचर तक, 29 मार्च के दिन बनेंगे कई दुर्लभ संयोग, इन लोगों को रहना होगा सावधान

    हर साल चैत्र माह के शुक्ल पक्ष की प्रतिपदा तिथि से चैत्र नवरात्र और हिंदू नववर्ष की शुरुआत होती है। पंचांग के अनुसार इस बार चैत्र नवरात्र 30 मार्च से प्रारंभ होंगे। इससे एक दिन पहले यानी 29 मार्च (Astrological events March 29 2025) का दिन धार्मिक दृष्टि से बेहद महत्वपूर्ण माना जा रहा है। ऐसे में आइए आपको आर्टिकल में बताएंगे इसकी खास वजह के बारे में विस्तार से।

    By Kaushik Sharma Edited By: Kaushik Sharma Updated: Mon, 17 Mar 2025 01:49 PM (IST)
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    29 मार्च को क्या है? (Picture Credit: Freepik)

    धर्म डेस्क, नई दिल्ली। हिंदू कैलेंडर की मानें तो चैत्र पहला महीना होता है। इस माह में मां दुर्गा के 09 रूपों की पूजा-अर्चना करने का विधान है। साथ ही उनकी कृपा प्राप्ति के लिए विधिपूर्वक व्रत भी किया जाता है। इस बार 30 मार्च से चैत्र नवरात्र की शुरुआत होगी। इससे पहले यानी 29 मार्च (March 29 significance) का दिन खास रहने वाला है, लेकिन क्या आप जानते हैं आखिर धार्मिक दृष्टि से 29 मार्च को महत्वपूर्ण क्यों है? अगर नहीं पता, तो ऐसे में आइए जानते हैं इसके बारे में।

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    इसलिए खास है 29 मार्च का दिन

    वैदिक पंचांग के अनुसार, 29 मार्च को चैत्र अमावस्या (Chaitra Amavasya 2025) है। इस दिन पितरों का तर्पण किया जाता है। मान्यता है कि इससे साधक को पितरों की कृपा प्राप्त होती है। इसी दिन शनि अपनी चाल में बदलाव करेंगे। अभी शनि कुंभ राशि में विराजमान है। इसके अलावा इसी दिन साल का पहला सूर्य ग्रहण है, लेकिन यह सूर्य ग्रहण भारत में मान्य नहीं होगा। इन्ही सभी वजह से 29 मार्च का दिन बेहद महत्वपूर्ण माना जा रहा है।

    चैत्र अमावस्या 2025 डेट और शुभ मुहूर्त (Chaitra Amavasya 2025 Date and Shubh Muhurat)

    पंचांग के अनुसार, चैत्र अमावस्या तिथि की शुरुआत 28 मार्च को रात 07 बजकर 55 मिनट पर होगी। वहीं, इस तिथि का समापन अगले दिन यानी 29 मार्च को शाम 04 बजकर 27 मिनट पर होगा। ऐसे में चैत्र अमावस्या का पर्व 29 मार्च को मनाया जाएगा।

    यह भी पढ़ें: First solar eclipse 2025: मार्च महीने में इस दिन लगेगा सूर्य ग्रहण, अभी नोट करें डेट और सूतक टाइम

     

    शनि गोचर 2025 (Shani Gochar 2025)

    ज्योतिष गणना के अनुसार, 29 मार्च को शनि देव कुंभ राशि से निकलकर मीन राशि में गोचर करेंगे। शनि देव के राशि परिवर्तन करने से मकर राशि के जातकों को साढ़ेसाती से छुटकारा मिलेगा। इसके अलावा सिंह और धनु राशि के जातकों को शनि की ढैय्या का सामना करना पड़ेगा। ऐसे में पीपल के पेड़ के पास तेल का दीपक जलाएं और शनि की देव पूजा-अर्चना करें। इससे शनि की ढैय्या दूर होगी।

    सूर्य ग्रहण 2025 डेट और टाइम ( Surya Grahan 2025 Date and Time)

    होली पर चंद्र ग्रहण का साया था। अब बाद चैत्र अमावस्या पर साल का पहला सूर्य ग्रहण (Solar eclipse 2025 India) लगने जा रहा है, लेकिन सूर्य ग्रहण भारत में दिखाई नहीं देगा, जिसकी वजह से भारत में इसका सूतक काल भी मान्य नहीं होगा।  

    किन देशों में पडेगा सूर्य ग्रहण का प्रभाव?

    आपकी जानकारी के लिए बता दें कि सूर्य ग्रहण यूरोप, फ्रांस, आयरलैंड, यूरोप फिनलैंड और रूस समेत आदि देशों में दिखाई देगा।  

    यह भी पढ़ें: Chaitra Amavasya 2025: नाराज पितरों को इन उपायों से करें प्रसन्न, पितृ दोष से मिलेगा छुटकारा

    अस्वीकरण: इस लेख में बताए गए उपाय/लाभ/सलाह और कथन केवल सामान्य सूचना के लिए हैं। दैनिक जागरण तथा जागरण न्यू मीडिया यहां इस लेख फीचर में लिखी गई बातों का समर्थन नहीं करता है। इस लेख में निहित जानकारी विभिन्न माध्यमों/ज्योतिषियों/पंचांग/प्रवचनों/मान्यताओं/धर्मग्रंथों/दंतकथाओं से संग्रहित की गई हैं। पाठकों से अनुरोध है कि लेख को अंतिम सत्य अथवा दावा न मानें एवं अपने विवेक का उपयोग करें। दैनिक जागरण तथा जागरण न्यू मीडिया अंधविश्वास के खिलाफ है।