Sadhu Long Hair: क्यों रखते हैं साधु-संत लंबी जटाएं? वजह जानकर रह जाएंगे हैरान
सनातन धर्म में महाकुंभ मेले का काफी ज्यादा महत्व है। इस दौरान लोग त्रिवेणी तट पर डुबकी लगाने पहुंचते हैं। साथ ही बहुत सारे धार्मिक अनुष्ठान का पालन करते हैं। बता दें महाकुंभ का समापन 26 फरवरी को होगा। वहीं आज हम साधुओं के लंबे केश (Sadhu Long Hair) के बारे में जानेंगे कि आखिर वे लंबे बाल क्यों रखते हैं तो चलिए जानते हैं।
धर्म डेस्क, नई दिल्ली। हर बीतते दिन के साथ महाकुंभ की रौनक बढ़ती जा रही है। इस महापर्व में दुनियाभर से लोग शामिल होने के लिए जा रहे हैं और प्रयागराज की धरती ढोल, नगाड़ों और शंखनाद से गूंज रही है। दुनिया के इस सबसे बड़े धार्मिक आयोजन (Mahakumbh 2025) में साधु-संतों की टोली लगातार चर्चा का विषय बनी हुई है, जिन्हें देखने के बाद हर किसी के मन में उनकी जीवन शैली के बारे में जानने की इच्छा होती है। उन्हीं में से एक उनकी जटाएं भी हैं, तो आइए जानते हैं कि साधु-संत लंबे बाल क्यों रखते हैं।
साधु-संत लंबे केश क्यों रखते हैं?
ऐसा कहा जाता है कि साधुओं के लंबे केश केवल बाल नहीं बल्कि भगवान शिव की साधना का प्रतीक हैं, जिसे वे कभी भी नहीं काटते हैं। इन विशाल जटाओं की लंबाई उनके शरीर से भी ज्यादा होती है। ये केश नहीं बल्कि शिव की साधना है, जो संतों के संकल्प, उनके हठ को भी दिखाती है।
वहीं, हिंदू धर्म में लंबे बालों को आध्यात्मिक ऊर्जा और तपस्या का प्रतीक माना गया है। भगवान शिव की तरह साधु भी अपने बालों को जटाओं में रखते हैं। जो उनकी तपस्या और त्याग को भी दशार्ता (दिखाता) है।
लंबी जटाओं का महत्व
इसके अलावा यह भी कहा जाता है कि संन्यासी तपस्या में हमेशा लीन होते हैं, जिसकी वजह से वे सांसारिक चीजों का त्याग कर देते हैं। और लंबे बाल रखने का रहस्य उनके ध्यान, तपस्या, और आध्यात्मिकता में गहराई से जुड़ा हुआ है। यह उनकी पहचान और जीवनशैली का अभिन्न हिस्सा है। साथ ही साधु प्राकृतिक जीवन जीने में विश्वास रखते हैं, इसलिए वे अपने बालों को बिना काटे छोड़ देते हैं।
जानकारी के लिए बता दें, ऐसे संत भी हैं जिन्होंने अपनी जटाओं में सालों से साबुन या शैंपू तक नहीं लगाया। बल्कि इनकी सफाई वे भभूत से करते हैं।
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