Shani Dhaiya: धनु राशि के जातकों को कब मिलेगी शनि की ढैय्या से राहत? ऐसे करें शनिदेव को प्रसन्न
शनिवार का दिन न्याय के देवता शनिदेव को समर्पित होता है। इस दिन कर्मफल दाता शनिदेव की पूजा की जाती है। साथ ही शनिवार का व्रत रखा जाता है। इस व्रत को करने से साधक की हर मनोकामना पूरी होती है। भगवान शिव की पूजा करने से शनिदेव प्रसन्न होते हैं।

धर्म डेस्क, नई दिल्ली। ज्योतिष शास्त्र में देवगुरु बृहस्पति को ज्ञान का कारक माना जाता है। देवगुरु बृहस्पति धनु और मीन राशि के स्वामी हैं। गुरु के प्रभाव के चलते धनु और मीन राशि के जातक में सात्विक गुण अधिक पाए जाते हैं। साथ ही धनु राशि के जातक धार्मिक स्वभाव के होते हैं।
वर्तमान समय में धनु राशि के जातकों पर शनि की ढैय्या चल रही है। इसके लिए धनु राशि के जातकों को विषम परिस्थिति से गुजरना पड़ रहा है। हालांकि, शनिदेव कर्मफल दाता हैं। अच्छे कर्म करने वाले को कभी परेशान नहीं करते हैं, बल्कि उन पर अपनी कृपा बरसाते हैं। लेकिन क्या आपको पता है कि धनु राशि के जातकों को कब शनि की ढैय्या से राहत मिलेगी? आइए, इसके बारे में सबकुछ जानते हैं-
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धनु राशि
धनु राशि के स्वामी आराध्य जगत के पालनहार भगवान विष्णु हैं। इस राशि का शुभ रंग पीला है। वहीं, धनु राशि के जातकों के लिए शुभ अंक नौ है। अंक नौ के स्वामी मंगल देव हैं। इसके लिए धनु राशि के जातक ऊर्जावान होते हैं। वहीं, बारह अंक के स्वामी गुरु हैं। इसके लिए गुरु की कृपा भी धनु राशि के जातकों पर रहती है।
शनि गोचर 2025
न्याय के देवता शनिदेव मीन राशि में विराजमान हैं। मीन राशि में शनिदेव के रहने के चलते धनु राशि के जातकों पर शनि की ढैय्या चल रही है। मीन राशि में शनिदेव 02 जून, 2027 तक रहेंगे। वहीं, 03 जून को शनिदेव मेष राशि में गोचर करेंगे। शनिदेव के मेष राशि में गोचर करने के साथ ही धनु राशि के जातकों को शनि की ढैय्या से मुक्ति मिल जाएगी।
शनि ढैय्या के उपाय
शनिदेव के आराध्य जगत के पालनहार भगवान कृष्ण हैं। इसके लिए भगवान विष्णु की पूजा करने से शनिदेव जल्द प्रसन्न होते हैं। भगवान विष्णु के भक्तों पर शनिदेव विशेष कृपा बरसाते हैं। धनु राशि के जातक रोजाना पूजा के समय विष्णु चालीसा का पाठ करें। साथ ही पीले और काले रंग की चीजों का दान करें।
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अस्वीकरण: इस लेख में बताए गए उपाय/लाभ/सलाह और कथन केवल सामान्य सूचना के लिए हैं। दैनिक जागरण तथा जागरण न्यू मीडिया यहां इस लेख फीचर में लिखी गई बातों का समर्थन नहीं करता है। इस लेख में निहित जानकारी विभिन्न माध्यमों/ज्योतिषियों/पंचांग/प्रवचनों/मान्यताओं/धर्मग्रंथों/दंतकथाओं से संग्रहित की गई हैं। पाठकों से अनुरोध है कि लेख को अंतिम सत्य अथवा दावा न मानें एवं अपने विवेक का उपयोग करें। दैनिक जागरण तथा जागरण न्यू मीडिया अंधविश्वास के खिलाफ है।
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