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    Pradosh Vrat 2024: पितृ पक्ष में कब मनाया जाएगा प्रदोष व्रत? नोट करें सही डेट एवं शुभ मुहूर्त

    शिव पुराण में वर्णित है कि प्रदोष व्रत (Pradosh Vrat 2024) पर भगवान शिव और मां पार्वती की पूजा करने से साधक की सभी मनोकामनाएं पूर्ण होती हैं। इसके साथ ही जीवन में व्याप्त सभी प्रकार के दुख एवं कष्ट दूर हो जाते हैं। इस अवसर पर साधक देवों के देव महादेव संग मां पार्वती की भक्ति भाव से पूजा करते हैं।

    By Pravin KumarEdited By: Pravin KumarUpdated: Thu, 19 Sep 2024 09:17 PM (IST)
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    Pradosh Vrat 2024: प्रदोष व्रत का धार्मिक महत्व

    धर्म डेस्क, नई दिल्ली। प्रदोष व्रत देवों के देव महादेव को समर्पित है। इस दिन भगवान शिव संग मां पार्वती की पूजा की जाती है। साधक मनोवांछित फल की प्राप्ति के लिए शिव-शक्ति के निमित्त व्रत भी रखते हैं। धार्मिक मत है कि प्रदोष व्रत करने से साधक को सभी प्रकार के कष्टों से मुक्ति मिलती है। साथ ही सुख और सौभाग्य में वृद्धि होती है। पितृ पक्ष के दौरान प्रदोष व्रत (Pradosh Vrat 2024) करने से साधक को पितरों का भी आशीर्वाद प्राप्त होता है। आइए, प्रदोष व्रत की तिथि एवं शुभ मुहूर्त जानते हैं-

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    प्रदोष व्रत शुभ मुहूर्त (Pradosh Vrat Shubh Muhurat)

    पंचांग के अनुसार, आश्विन माह के कृष्ण पक्ष की त्रयोदशी तिथि भारतीय समयानुसार 29 सितंबर को शाम 04 बजकर 47 मिनट पर शुरू होगी। वहीं, इस तिथि का समापन 30 सितंबर को शाम 07 बजकर 06 मिनट पर होगा। त्रयोदशी तिथि पर प्रदोष काल 06 बजकर 09 मिनट से लेकर रात 08 बजकर 34 मिनट तक है। इस समय में साधक भगवान शिव की पूजा कर सकते हैं।

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    शुभ योग (Pradosh Vrat Shubh Yog)

    ज्योतिषियों की मानें तो पितृ पक्ष में पड़ने वाले प्रदोष व्रत पर भगवान शिव संध्याकाल 04 बजकर 47 मिनट तक नंदी पर सवार रहेंगे। इस दौरान भगवान शिव की पूजा और अभिषेक करने से साधक को हर कार्य में सफलता मिलेगी। साथ ही सभी बिगड़े काम बन जाएंगे। आश्विन माह के कृष्ण पक्ष की त्रयोदशी तिथि पर साध्य योग का भी निर्माण हो रहा है। इस योग का समापन देर रात 12 बजकर 28 मिनट पर होगा।

    पंचांग

    सूर्योदय - सुबह 06 बजकर 13 मिनट पर

    सूर्यास्त - शाम 06 बजकर 09 मिनट पर

    चन्द्रोदय- सुबह 03 बजकर 55 मिनट पर (30 सितंबर)

    चंद्रास्त- शाम 04 बजकर 33 मिनट पर

    ब्रह्म मुहूर्त - सुबह 04 बजकर 37 मिनट से 05 बजकर 25 मिनट तक

    विजय मुहूर्त - दोपहर 02 बजकर 10 मिनट से 02 बजकर 58 मिनट तक

    गोधूलि मुहूर्त - शाम 06 बजकर 09 मिनट से 06 बजकर 33 मिनट तक

    निशिता मुहूर्त - रात्रि 11 बजकर 47 मिनट से 12 बजकर 35 मिनट तक

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    अस्वीकरण: इस लेख में बताए गए उपाय/लाभ/सलाह और कथन केवल सामान्य सूचना के लिए हैं। दैनिक जागरण तथा जागरण न्यू मीडिया यहां इस लेख फीचर में लिखी गई बातों का समर्थन नहीं करता है। इस लेख में निहित जानकारी विभिन्न माध्यमों/ज्योतिषियों/पंचांग/प्रवचनों/मान्यताओं/धर्मग्रंथों/दंतकथाओं से संग्रहित की गई हैं। पाठकों से अनुरोध है कि लेख को अंतिम सत्य अथवा दावा न मानें एवं अपने विवेक का उपयोग करें। दैनिक जागरण तथा जागरण न्यू मीडिया अंधविश्वास के खिलाफ है।