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    Masik Durgashtami 2024: जुलाई महीने में कब है मासिक दुर्गाष्टमी? नोट करें शुभ मुहूर्त एवं योग

    हर वर्ष आषाढ़ माह के शुक्ल पक्ष की प्रतिपदा तिथि से लेकर नवमी तिथि तक गुप्त नवरात्र मनाया जाता है। इस दौरान मां दुर्गा के नौ रूपों की पूजा की जाती है। मां की महिमा (Masik Durgashtami Importance) निराली है। अपने भक्तों की सभी दुख हर लेती हैं। साथ ही मां दुर्गा की कृपा से साधक के घर में सुख समृद्धि एवं खुशहाली आती है।

    By Pravin KumarEdited By: Pravin KumarUpdated: Tue, 02 Jul 2024 06:58 PM (IST)
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    Masik Durgashtami 2024: मासिक दुर्गाष्टमी का धार्मिक महत्व

    धर्म डेस्क, नई दिल्ली। Masik Durgashtami 2024: प्रत्येक माह के शुक्ल पक्ष की अष्टमी तिथि पर दुर्गाष्टमी मनाई जाती है। इस दिन जगत जननी मां दुर्गा की विधि-विधान से पूजा की जाती है। साथ ही मनोवांछित फल की प्राप्ति के लिए दुर्गाष्टमी का व्रत रख किया जाता है। इस व्रत की महिमा शास्त्रों में निहित है। जगत जननी मां दुर्गा की पूजा करने से साधक की हर मनोकामना पूर्ण होती है। साथ ही जीवन में व्याप्त दुख और संकट दूर हो जाते हैं। इसके अलावा, आने वाली बलाएं भी मां दुर्गा की कृपा से टल जाती हैं। इस वर्ष जुलाई माह की अष्टमी गुप्त नवरात्र के दौरान मनाई जाएगी। आइए, मासिक दुर्गाष्टमी की तिथि, पूजा विधि एवं योग जानते हैं-

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    शुभ मुहूर्त

    ज्योतिषियों की मानें तो आषाढ़ माह के शुक्ल पक्ष की अष्टमी तिथि 13 जुलाई को भारतीय समयानुसार दोपहर 03 बजकर 05 मिनट पर शुरू होगी। वहीं, अष्टमी तिथि का समापन 14 जुलाई को संध्याकाल 05 बजकर 52 मिनट पर होगा। अत: 13 जुलाई को आषाढ़ गुप्त नवरात्र की सप्तमी है। वहीं, 14 जुलाई को आषाढ़ माह की अष्टमी है।

    शुभ योग

    ज्योतिषियों की मानें तो आषाढ़ गुप्त नवरात्र की अष्टमी तिथि पर सिद्धि और शिववास का योग बन रहा है। इस दिन सिद्धि योग का निर्माण सुबह 06 बजकर 16 मिनट से हो रहा है। वहीं, शिववास योग संध्याकाल 05 बजकर 25 मिनट से हो रहा है। जबकि, रवि योग देर रात 10 बजकर 06 मिनट से हो रहा है, जो पूर्ण रात्रि तक है। इन योग में मां दुर्गा की पूजा करने से हर मनोकामना अवश्य ही पूर्ण होगी।

    पंचांग

    सूर्योदय - सुबह 05 बजकर 50 मिनट पर

    सूर्यास्त - शाम 07 बजकर 16 मिनट पर

    चन्द्रोदय- दोपहर 12 बजकर 52 मिनट पर

    चंद्रास्त- देर रात 12 बजकर 27 मिनट पर

    ब्रह्म मुहूर्त - सुबह 04 बजकर 25 मिनट से 05 बजकर 08 मिनट तक

    विजय मुहूर्त - दोपहर 02 बजकर 47 मिनट से 03 बजकर 41 मिनट तक

    गोधूलि मुहूर्त - शाम 07 बजकर 15 मिनट से 07 बजकर 36 मिनट तक

    निशिता मुहूर्त - रात्रि 12 बजकर 12 मिनट से 12 बजकर 54 मिनट तक

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    अस्वीकरण: इस लेख में बताए गए उपाय/लाभ/सलाह और कथन केवल सामान्य सूचना के लिए हैं। दैनिक जागरण तथा जागरण न्यू मीडिया यहां इस लेख फीचर में लिखी गई बातों का समर्थन नहीं करता है। इस लेख में निहित जानकारी विभिन्न माध्यमों/ज्योतिषियों/पंचांग/प्रवचनों/मान्यताओं/धर्मग्रंथों/दंतकथाओं से संग्रहित की गई हैं। पाठकों से अनुरोध है कि लेख को अंतिम सत्य अथवा दावा न मानें एवं अपने विवेक का उपयोग करें। दैनिक जागरण तथा जागरण न्यू मीडिया अंधविश्वास के खिलाफ है।