Ashadha Month Festival List 2024: कब से शुरू हो रहा है आषाढ़ का महीना? नोट करें व्रत-त्योहारों की सूची
Ashadha Month Festival List 2024 सनातन धर्म में आषाढ़ माह का विशेष महत्व है। इस महीने में जगन्नाथ रथयात्रा निकाली जाती है। साथ ही आषाढ़ नवरात्र भी मनाया जाता है। आषाढ़ नवरात्र के दौरान देवशयनी एकादशी मनाई जाती है। इस दिन से चातुर्मास प्रारंभ होता है। आषाढ़ माह में योगिनी एकादशी प्रदोष व्रत मासिक शिवरात्रि कर्क संक्रांति गुरु पूर्णिमा समेत कई अन्य व्रत-त्योहार भी मनाए जाते हैं।
धर्म डेस्क, नई दिल्ली। Ashadha Month Festival List 2024: धार्मिक दृष्टि से आषाढ़ का महीना बेहद खास है। इस महीने में कई प्रमुख व्रत -त्योहार मनाए जाते हैं। इस महीने से चातुर्मास की शुरुआत होती है। ज्योतिषियों की मानें तो आषाढ़ माह के शुक्ल पक्ष की एकादशी को देवशयनी एकादशी मनाई जाती है। इस दिन से जगत के पालनहार भगवान विष्णु क्षीर सागर में विश्राम करने चलते हैं। वहीं, कार्तिक माह के शुक्ल पक्ष की एकादशी तिथि को भगवान विष्णु जागृत होते हैं। इस अवसर पर देवउठनी एकादशी मनाई जाती है। चातुर्मास के दौरान कोई भी शुभ कार्य नहीं किया जाता है। इसके अलावा, आषाढ़ माह में कई अन्य प्रमुख व्रत त्योहार मनाए जाते हैं। आइए, आषाढ़ माह में पड़ने वाले व्रत-त्योहारों के बारे में जानते हैं-
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व्रत-त्योहार की सूची (Masik Vrat Tyohar June 2024)
- 23 जून को आषाढ़ माह की शुरुआत होगी। इसके चार दिन बाद यानी 27 जून को कृष्णपिङ्गल संकष्टी चतुर्थी है। यह पर्व आषाढ़ माह के कृष्ण पक्ष की चतुर्थी तिथि को मनाया जाता है। इस दिन भगवान गणेश की पूजा की जाती है।
- 28 जून को कालाष्टमी और मासिक कृष्ण जन्माष्टमी है। कालाष्टमी के दिन भगवान शिव के रौद्र रूप काल भैरव देव की पूजा की जाती है। इस दिन जगत के पालनहार भगवान श्रीकृष्ण की पूजा-उपासना की जाती है।
- 02 जुलाई को योगिनी एकादशी है। यह पर हर वर्ष आषाढ़ माह के कृष्ण पक्ष की एकादशी तिथि को मनाया जाता है। इस दिन लक्ष्मी नारायण जी की पूजा की जाती है। साथ ही एकादशी का व्रत रखा जाता है।
- 03 जुलाई को आषाढ़ माह का पहला प्रदोष व्रत है। यह व्रत हर महीने कृष्ण और शुक्ल पक्ष की त्रयोदशी तिथि को रखा जाता है। इस दिन भगवान शिव संग मां पार्वती की पूजा की जाती है। इस दिन रोहिणी व्रत भी है।
- 04 जुलाई को मासिक शिवरात्रि है। यह पर्व हर महीने कृष्ण पक्ष की चतुर्दशी तिथि को मनाया जाता है। इस अवसर पर भगवान शिव संग मां पार्वती की पूजा की जाती है।
- 05 जुलाई को दर्श यानी आषाढ़ अमावस्या है। इस दिन गंगा समेत पवित्र नदियों में स्नान-ध्यान किया जाता है। साथ ही पितरों का तर्पण और पिंड दान किया जाता है।
- 06 जुलाई से लेकर 17 जुलाई तक आषाढ़ नवरात्र है। इसे गुप्त नवरात्र भी कहा जाता है। इस दौरान जगत की देवी मां दुर्गा के नौ रूपों की पूजा की जाती है।
- 07 जुलाई को जगन्नाथ रथयात्रा है। यह पर्व ओडिशा के पूरी शहर में धूमधाम से मनाया जाता है।
- 09 जुलाई को विनायक चतुर्थी है। यह पर्व शुक्ल पक्ष की चतुर्थी को मनाया जाता है। इस दिन भगवान गणेश की की पूजा की जाती है। साथ ही भगवान गणेश के निमित्त चतुर्थी का व्रत रखा जाता है।
- 11 जुलाई को स्कन्द षष्ठी है। वहीं, 14 जुलाई को मासिक दुर्गाष्टमी है। इस दिन जगत जननी मां दुर्गा की पूजा की जाती है। साथ ही अष्टमी का व्रत रखा जाता है।
- 16 जुलाई को कर्क संक्रांति है। इस दिन सूर्य देव मिथुन राशि से निकलकर कर्क राशि में गोचर करेंगे। अतः 16 जुलाई को कर्क संक्रांति मनाई जाएगी।
- 17 जुलाई को देवशयनी एकादशी है। इस दिन लक्ष्मी नारायण जी की पूजा की जाती है। साथ ही एकादशी का व्रत रखा जाता है। भगवान विष्णु की पूजा करने से दुख और दरिद्रता दूर होती है।
- 18 जुलाई को वासुदेव द्वादशी है। इस दिन वासुदेव की पूजा-उपासना की जाती है। साथ ही प्रदोष व्रत भी है। प्रदोष व्रत के दिन शिव परिवार की पूजा की जाती है।
- 20 जुलाई को कोकिला व्रत है। यह पर्व भगवान शिव को समर्पित होता है। इस दिन भगवान शिव संग मां पार्वती की पूजा की जाती है।
- 21 जुलाई को गुरु और आषाढ़ पूर्णिमा है। इस दिन भगवान विष्णु एवं मां लक्ष्मी की पूजा की जाती है। साथ ही वेदों के गुरु व्यास जी की भी उपासना की जाती है।
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