Shani Sade Sati: मेष राशि वालों को कब मिलेगी साढ़ेसाती से मुक्ति? ऐसे पाएं शनिदेव की कृपा
न्याय के देवता शनिदेव (Shani Sade Sati) को शनिवार का दिन समर्पित होता है। इस शुभ अवसर पर शनिदेव की भक्ति भाव से पूजा की जाती है। साथ ही मनचाही मुराद पाने के लिए व्रत रखा जाता है। शनिदेव की पूजा के करने से सभी प्रकार के दुखों से मुक्ति मिलती है।

धर्म डेस्क, नई दिल्ली। सनातन धर्म में मंगलवार का दिन भगवान श्रीराम के परम भक्त हनुमान जी को समर्पित है। इस शुभ अवसर पर राम परिवार संग हनुमान जी की पूजा की जाती है। साथ ही मंगलवार का व्रत रखा जाता है। इस व्रत को करने से साधक पर हनुमान जी की कृपा बरसती है। उनकी कृपा से हर मनोकामना पूरी होती है।
मेष और वृश्चिक राशि के स्वामी ऊर्जा के कारक मंगल देव हैं और आराध्य राम भक्त हनुमान जी हैं। वर्तमान समय में मेष राशि के जातकों पर शनि की साढ़ेसाती चल रही है। इसके चलते मेष राशि के जातकों को जीवन में सम या विषम परिस्थिति से गुजरना पड़ सकता है। लेकिन क्या आपको पता है कि मेष राशि के जातकों को शनि की साढ़ेसाती से मुक्ति मिलेगी? आइए, इसके बारे में सबकुछ जानते हैं-
शनि गोचर
वर्तमान समय में न्याय के देवता शनिदेव मीन राशि में विराजमान हैं। इस राशि में शनिदेव के गोचर से मेष राशि के जातकों पर साढ़ेसाती का पहला चरण चल रहा है। वहीं, मीन राशि के जातकों पर साढ़ेसाती का दूसरा चरण चल रहा है। जबकि, कुंभ राशि के जातकों पर साढ़ेसाती का अंतिम चरण चल रहा है। इसके अलावा, सिंह और धनु राशि के जातक शनि की ढैय्या से पीड़ित हैं।
मेष राशि को मिलेगी मुक्ति
न्याय के देवता शनिदेव 03 जून, 2027 को राशि परिवर्तन करेंगे। इस दिन शनिदेव मीन राशि से निकलकर मेष राशि में गोचर करेंगे। शनिदेव के मेष राशि में गोचर करने से कुंभ राशि के जातकों को शनि की साढ़ेसाती से मुक्ति मिलेगी।
वहीं, शनिदेव 8 अगस्त, 2029 को मेष राशि से निकलकर वृषभ राशि में गोचर करेंगे। इस दिन से मीन राशि के जातकों को साढ़ेसाती से मुक्ति मिलेगी। जबकि, 31 मई 2032 को शनिदेव के मिथुन राशि में गोचर करने के साथ ही मेष राशि के जातकों को साढ़ेसाती से मुक्ति मिल जाएगी।
शनि देव के मंत्र
1. ऊँ शं शनैश्चाराय नमः।
2. ऊँ प्रां प्रीं प्रौं सः शनये नमः।
3. ॐ नीलाजंन समाभासं रविपुत्रं यमाग्रजम्।
छाया मार्तण्ड सम्भूतं तं नमामि शनैश्चरम्।।
4. अपराधसहस्त्राणि क्रियन्तेहर्निशं मया।
दासोयमिति मां मत्वा क्षमस्व परमेश्वर।।
गतं पापं गतं दु: खं गतं दारिद्रय मेव च।
आगता: सुख-संपत्ति पुण्योहं तव दर्शनात्।।
5. ऊँ श्रां श्रीं श्रूं शनैश्चाराय नमः।
ऊँ हलृशं शनिदेवाय नमः।
ऊँ एं हलृ श्रीं शनैश्चाराय नमः।
यह भी पढ़ें- Shani Gochar: शनि गोचर से 3 राशियों की बदलेगी तकदीर, आर्थिक तंगी से मिलेगी मुक्ति
यह भी पढ़ें- Shani Gochar 2025: इन राशियों के जीवन में आएगा बड़ा बदलाव, दौड़ेगा बिजनेस और मिलेगी तरक्की
अस्वीकरण: इस लेख में बताए गए उपाय/लाभ/सलाह और कथन केवल सामान्य सूचना के लिए हैं। दैनिक जागरण तथा जागरण न्यू मीडिया यहां इस लेख फीचर में लिखी गई बातों का समर्थन नहीं करता है। इस लेख में निहित जानकारी विभिन्न माध्यमों/ज्योतिषियों/पंचांग/प्रवचनों/मान्यताओं/धर्मग्रंथों/दंतकथाओं से संग्रहित की गई हैं। पाठकों से अनुरोध है कि लेख को अंतिम सत्य अथवा दावा न मानें एवं अपने विवेक का उपयोग करें। दैनिक जागरण तथा जागरण न्यू मीडिया अंधविश्वास के खिलाफ है।
कमेंट्स
सभी कमेंट्स (0)
बातचीत में शामिल हों
कृपया धैर्य रखें।