Ramayan: कब और कहां हुई थी भगवान राम और हनुमान जी की पहली मुलाकात?
रामायण एक धार्मिक ग्रंथ है जिसके द्वारा आज के समय में जीवन जीने के तरीके और सच के मार्ग पर चलने की सीख मिलती है। रामायण में मर्यादा पुरुषोत्तम भगवान श्री राम (Ramayana Stories) के जीवन से जुड़ी बातों के बारे में उल्लेख किया गया। क्या आप जानते हैं कि सबसे पहले भगवान श्री राम और हनुमान जी की मुलाकात कहां हुई।

धर्म डेस्क, नई दिल्ली। Ram and Hanuman meeting: धार्मिक ग्रंथ रामायण में भगवान राम को पुरुषोत्तम बताया गया है और उनके जीवन से जुड़ी महत्वपूर्ण बातों के बारे में विस्तारपूर्वक बताया गया है। रामायण में वर्णित सभी घटनाओं का अधिक महत्व है। इनमें भगवान श्री राम और हनुमान जी (Ramayana key moments) की मुलाकात का भी उल्लेख देखने को मिलता है। इस बात को सभी लोग जानते होंगे कि राम जी के सबसे बड़े भक्त बजरंगबली (Hanuman's devotion) थे। अब ऐसे में सवाल उठता है कि सच्चे भक्त यानी हनुमान जी की मुलाकात राम जी से कब और कहां हुई? अगर आप इस सवाल का जवाब जानना चाहते हैं, तो आइए आपको इस आर्टिकल में इस विषय के बारे में विस्तार से बताएंगे।
इस तरह हुई मुलाकात
वनवास के दौरान माता सीता के हरण के बाद भगवान श्री राम और लक्ष्मण ने माता सीता को खोजना शुरू किया। इस दौरान जंगल में भटकते-भटकते वह पर्वत के पास पहुंच गए, जिसे ऋष्यमूक पर्वत के नाम से जाना जाता है। राम जी और लक्ष्मण के ऋष्यमूक पर्वत पर पहुंचने पर वानरराज ने उन पर शक जाहिर किया। ऐसे में उनकी पहचान के लिए सुग्रीव ने बजरंगबली से कहा कि वन में 2 युवक भटक रहे हैं। आप इन दोनों के बारे में जरूर लगाइए की कि आखिर यह कौन हैं। साथ ही सुग्रीव ने कहा कि ऐसा तो नहीं है कि बालि ने हमको मारने के लिए भेजा हो।
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इसके बाद हनुमान जी ने साधु का रूप धारण किया और राम जी से पूछा कि आप दोनों इस पर्वत पर किस उद्देश्य से आए हैं। उनके इस सवाल पर राम जी ने कहा कि मैं अपनी पत्नी सीता की खोज के लिए निकला हूं। मेरी पत्नी का अपहरण रावण ने किया है। इसलिए मैं उनका पता लगाने के लिए ऋष्यमूक पर्वत पर आया हूं।
प्रभु राम की इन बातों के सुनकर बजरंगबली बेहद भावुक हो गए। इसके बाद हनुमान जी ने कहा कि प्रभु मुझे क्षमा कर दें, जो मैने आपसे पूछा ये तो मेरा सिर्फ कार्य था। इसके बाद राम जी ने बजरंगबली को अपने गले से लगाया। रामायण के अनुसार, इसी दिन प्रभु श्री राम से पहली बार हनुमान जी की मुलाकात ऋष्यमूक पर्वत पर हुई थी।
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