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    Yuddhistir Curse: आखिर क्या था युधिष्ठिर का श्राप? जिसका आज भी महिलाओं के अंदर है असर?

    Updated: Fri, 28 Nov 2025 03:50 PM (IST)

    महाभारत युद्ध के बाद, जब कुंती ने खुलासा किया कि कर्ण पांडवों का सबसे बड़ा भाई था, तो युधिष्ठिर क्रोधित हो गए। उन्होंने महसूस किया कि यह रहस्य छिपाने से भीषण नरसंहार हुआ। दुःख और पश्चाताप में, युधिष्ठिर ने अपनी माता कुंती सहित सभी महिलाओं को श्राप दिया कि वे कोई भी रहस्य छिपा नहीं पाएंगी। आइए इस श्राप (Yuddhistir Curse) के बारे में विस्तार से जानते हैं।

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    Yuddhistir Curse: युधिष्ठिर का श्राप।

    धर्म डेस्क, नई दिल्ली। भारतीय महाकाव्य महाभारत केवल युद्ध की गाथा नहीं है, बल्कि यह धर्म, नीति का अद्भुत पाठ है। इन कथाओं में से एक कथा है धर्मराज युधिष्ठिर का श्राप (Yuddhistir Curse), जिसे धार्मिक मान्यताओं के अनुसार आज भी सच माना जाता है, तो आइए इस श्राप के बारे में विस्तार से जानते हैं।

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    श्राप की वजह

    महाभारत कथा के अनुसार, जब पांडवों ने कौरवों पर विजय प्राप्त कर ली, तब पांडवों की माता कुंती (Mahabharata Women Secret) ने एक ऐसा रहस्य साझा किया जिसने युधिष्ठिर समेत सभी पांडवों को हैरान कर दिया। कुंती ने रोते हुए युधिष्ठिर को बताया कि जिसके विरुद्ध उन्होंने यह भयंकर युद्ध लड़ा, वह कोई और नहीं, बल्कि उनका सबसे बड़ा भाई सूर्यपुत्र कर्ण था।

    कर्ण, कुंती का सबसे बड़ा पुत्र था, जिसे उन्होंने विवाह से पहले उत्पन्न होने के कारण लोकलाज के भय से त्याग दिया था। यह सच्चाई कुंती ने युद्ध के अंत तक छिपाए रखी थी।

    युधिष्ठिर का क्रोध

    यह सुनकर युधिष्ठिर क्रोध से भर गए। उन्होंने सोचा कि अगर उन्हें यह सच्चाई पहले पता होती, तो यह भीषण नरसंहार टाला जा सकता था। इसके साथ ही पांडवों को अपने ही भाई को मारने के भयानक पाप का बोझ भी नहीं उठाना पड़ता। इस विनाशकारी रहस्य को छिपाने के लिए युधिष्ठिर ने अपनी माता कुंती के साथ पूरे स्त्री समाज को दोषी ठहराया।

    युधिष्ठिर ने दिया था यह श्राप

    दुःख और पश्चाताप की भावना से भरे युधिष्ठिर ने अपनी माता समेत (Yudhishthira Kunti Shrap) सभी महिलाओं को यह श्राप दिया कि महिलाएं किसी भी बात को छिपा नहीं पाएंगी।

    आज भी है श्राप का असर

    पौराणिक मान्यताओं के अनुसार, आज भी इस श्राप का असर महिलाओं पर है। ऐसा माना जाता है कि इसी श्राप के कारण महिलाएं मन की बात या कोई भी गुप्त बात को लंबे समय तक अपने तक नहीं रख पातीं और वे अपनी बातों को किसी न किसी से साझा कर देती हैं।

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    अस्वीकरण: इस लेख में बताए गए उपाय/लाभ/सलाह और कथन केवल सामान्य सूचना के लिए हैं। दैनिक जागरण तथा जागरण न्यू मीडिया यहां इस लेख फीचर में लिखी गई बातों का समर्थन नहीं करता है। इस लेख में निहित जानकारी विभिन्न माध्यमों/ज्योतिषियों/पंचांग/प्रवचनों/मान्यताओं/धर्मग्रंथों/दंतकथाओं से संग्रहित की गई हैं। पाठकों से अनुरोध है कि लेख को अंतिम सत्य अथवा दावा न मानें एवं अपने विवेक का उपयोग करें। दैनिक जागरण तथा जागरण न्यू मीडिया अंधविश्वास के खिलाफ है।