आप दर्शन करने गए और मंदिर से जूते-चप्पल चोरी हो गए, जानिए क्या मैसेज दे रही है प्रकृति
कई बार मंदिर जाने पर जूते-चप्पल चोरी होने का डर रहता है। ज्योतिष शास्त्र के अनुसार शनिवार को मंदिर से जूते-चप्पल चोरी होना शुभ संकेत है। यह प्रकृति का संदेश है कि आपके जीवन के दुख दूर होने वाले हैं। जूते-चप्पल को शनि का कारक माना जाता है इसलिए शनिवार को इनका चोरी होना खराब शनि के प्रभाव को कम करता है और जीवन में सुख-समृद्धि लाता है।

धर्म डेस्क, नई दिल्ली। आप भी कई बार मंदिर जाते होंगे। क्या भगवान की पूजा से ज्यादा ध्यान बाहर रखे अपने जूते-चप्पल पर लगाए रहते हैं। क्या आप भी ये सोचते हैं कि कहीं बाहर से आपके जूते-चप्पल गायब न हो जाएं। अगर, ऐसा है, तो हम आपको बता रहे हैं कि अच्छा है कि जूते-चप्पल कभी-कभार चोरी हो जाएं।
खासतौर पर शनिवार के दिन जूते-चप्पल यदि मंदिर के बाहर से चोरी हो जाएं, तो और भी अच्छा है। आप सोच रहे होंगे कि इसमें क्या अच्छा है। नुकसान होने पर खुश कौन हो सकता है। तो हम अब आपको जो बताने जा रहे हैं, वो पढ़कर आप निश्चिंत हो जाएंगे।
मान्यता है कि यदि मंदिर से आपको जूते-चप्पल चोरी हो जाएं और वह भी शनिवार के दिन, तो समझ लीजिए कि यह आपके लिए शुभ संकेत हैं। ज्योतिष शास्त्र के अनुसार, यदि शनिवार के दिन किसी मंदिर से आपके जूते या चप्पल चोरी हो जाते हैं, तो आप समझ लीजिए कि प्रकृति ने मैसेज दिया है कि आपके जीवन के दुख दूर होने वाले हैं।
परेशानियों के खत्म होने का समय
आपको समझ लेना चाहिए कि आपके जीवन की परेशानियों के खत्म होने का समय आ गया है। अब जीवन में सुख और समृद्धि आने वाली है। दरअसल, जूते-चप्पल को शनि का कारक माना जाता है। ऐसे में यदि शनिवार के दिन जूते-चप्पल चोरी हो जाते हैं, तो समझ लेना चाहिए कि खराब शनि का असर कम हो गया है।
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शनिवार को दान करने चाहिए जूते-चप्पल
दरअसल, शनि जब खराब होते हैं, पीड़ित होते हैं, तो व्यक्ति को कई तरह की परेशानियां देते हैं। ऐसे में व्यक्ति को काफी मेहनत करने के बाद भी न तो उचित फल मिलता है और न ही सफलता मिलती है। इसीलिए जिन लोगों की कुंडली में ऐसी स्थिति होती है, उन्हें शनिवार को जूते-चप्पल का दान करने की सलाह दी जाती है।
जूते-चप्पल साफ पहनने चाहिए
आपके व्यक्तित्व की झलक आपके जूतों से होती है। इसलिए जूतों को हमेशा साफ और पॉलिश किया हुआ पहनना चाहिए। चाहें जो भी स्थिति हो, कोशिश करें कि फटे हुए जूते न पहनें। इससे निगेटिव एनर्जी पैदा होती है, जो कार्यों में बाधा डालने का काम करती है।
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अस्वीकरण: इस लेख में बताए गए उपाय/लाभ/सलाह और कथन केवल सामान्य सूचना के लिए हैं। दैनिक जागरण तथा जागरण न्यू मीडिया यहां इस लेख फीचर में लिखी गई बातों का समर्थन नहीं करता है। इस लेख में निहित जानकारी विभिन्न माध्यमों/ज्योतिषियों/पंचांग/प्रवचनों/मान्यताओं/धर्मग्रंथों/दंतकथाओं से संग्रहित की गई हैं। पाठकों से अनुरोध है कि लेख को अंतिम सत्य अथवा दावा न मानें एवं अपने विवेक का उपयोग करें। दैनिक जागरण तथा जागरण न्यू मीडिया अंधविश्वास के खिलाफ है।
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