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    Guru Chandal Dosh: कुंडली में कब लगता है गुरु चांडाल दोष और कैसे पाएं इससे निजात?

    सनातन धर्म में गुरुवार का दिन देवगुरु बृहस्पति को समर्पित है। इस दिन देवगुरु बृहस्पति की उपासना की जाती है। साथ ही गुरुवार का व्रत रखा जाता है। गुरुवार के दिन (Guru Chandal Dosh) भगवान विष्णु की पूजा करने से साधक की हर मनोकामना पूरी होती है। साथ ही शुभ कार्यों में सफलता मिलती है। गुरु की कृपा बरसने से जातक को करियर में भी सफलता मिलती है।

    By Pravin KumarEdited By: Pravin KumarUpdated: Mon, 16 Dec 2024 04:36 PM (IST)
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    Guru Chandal Dosh: गुरु चांडाल दोष को कैसे दूर करें?

    धर्म डेस्क, नई दिल्ली। ज्योतिष शास्त्र में राहु और केतु को मायावी ग्रह कहा जाता है। राहु और केतु दोनों वक्री चाल चलते हैं। वर्तमान समय में राहु मीन राशि में विराजमान हैं। वहीं, केतु कन्या राशि में विराजमान हैं। ज्योतिषियों की मानें तो राहु और केतु की शुभ दृष्टि पड़ने पर जातक को जीवन में सभी प्रकार के सुखों की प्राप्ति होती है। वहीं, कुदृष्टि पड़ने या राहु-केतु से संबंधित दोष लगने पर जातक को जीवन में ढेर सारी परेशानियों का सामना करना पड़ता है। लेकिन क्या आपको पता है कि कुंडली में कब गुरु चांडाल दोष (Guru Chandal Dosh) लगता है? आइए इसके बारे में सबकुछ जानते हैं-

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    कैसे लगता है गुरु चांडाल दोष?

    गुरु बृहस्पति देवताओं के गुरु हैं। वहीं, राहु और केतु मायावी ग्रह हैं। सूर्य और चंद्रमा को राहु एवं केतु अपना शत्रु मानते हैं। वहीं, गुरु ग्रह देवताओं के गुरु हैं। इसके लिए देवगुरु बृहस्पति के साथ भी राहु-केतु का शत्रुवत संबंध है। इसके लिए सूर्य, चंद्र और गुरु के साथ रहने पर राहु या केतु शुभ फल नहीं देते हैं। कई अवसर पर जातक को नुकसान भी होता है।

    ज्योतिषियों की मानें तो देवगुरु बृहस्पति और राहु या केतु की युति होने पर कुंडली में गुरु चांडाल दोष बनता है। कई बार ग्रह राशि परिवर्तन के आधार पर भी गुरु चांडाल दोष बनता है। हालांकि, ग्रह के राशि परिवर्तन से दोष समाप्त भी हो जाता है। हालांकि, जन्म के साथ कुंडली में गुरु चांडाल दोष बनने पर दोष निवारण जरूरी है। कुंडली में गुरु चांडाल दोष लगने पर शुभ ग्रहों का प्रभाव तुरंत से क्षीण हो जाता है। इसके लिए ज्योतिष दोष निवारण की सलाह देते हैं।

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    उपाय

    जगत के पालनहार भगवान विष्णु की पूजा करने से गुरु चांडाल दोष का प्रभाव समाप्त हो जाता है। इसके लिए रोजाना विष्णु चालीसा का पाठ करें। चंदन के टीके लगाएं। पीले रंग की चीजों का दान करना भी शुभ माना जाता है। इसके अलावा, रोजाना स्नान-ध्यान के बाद जल में काले तिल मिलाकर भगवान शिव का अभिषेक करें। इस उपाय को करने से भी गुरु चांडाल दोष का प्रभाव समाप्त हो जाता है।

    अस्वीकरण: इस लेख में बताए गए उपाय/लाभ/सलाह और कथन केवल सामान्य सूचना के लिए हैं। दैनिक जागरण तथा जागरण न्यू मीडिया यहां इस लेख फीचर में लिखी गई बातों का समर्थन नहीं करता है। इस लेख में निहित जानकारी विभिन्न माध्यमों/ज्योतिषियों/पंचांग/प्रवचनों/मान्यताओं/धर्मग्रंथों/दंतकथाओं से संग्रहित की गई हैं। पाठकों से अनुरोध है कि लेख को अंतिम सत्य अथवा दावा न मानें एवं अपने विवेक का उपयोग करें। दैनिक जागरण तथा जागरण न्यू मीडिया अंधविश्वास के खिलाफ है।