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    Vrishabha Sankranti 2024: वृषभ संक्रांति पर वृद्धि योग समेत बन रहे हैं ये 5 संयोग, करियर को मिलेगा नया आयाम

    By Pravin KumarEdited By: Pravin Kumar
    Updated: Wed, 08 May 2024 12:32 PM (IST)

    सनातन शास्त्रों में निहित है कि वैशाख माह के शुक्ल पक्ष की सप्तमी तिथि को मां गंगा धरती पर अवतरित हुई हैं। इस दिन आत्मा के कारक सूर्य देव राशि परिवर्तित करेंगे। वर्तमान समय में सूर्य देव मेष राशि में विराजमान हैं और 14 मई को वृषभ राशि में गोचर करेंगे। सूर्य के राशि परिवर्तन से राशि चक्र की सभी राशियों पर भाव अनुसार प्रभाव पड़ेगा।

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    Vrishabha Sankranti 2024: वृषभ संक्रांति पर वृद्ध योग समेत बन रहे हैं ये 5 संयोग

    धर्म डेस्क, नई दिल्ली। Vrishabha Sankranti 2024: हर वर्ष वैशाख माह के शुक्ल पक्ष की सप्तमी तिथि को गंगा सप्तमी मनाई जाती है। इस वर्ष 14 मई को गंगा सप्तमी है। सनातन शास्त्रों में निहित है कि वैशाख माह के शुक्ल पक्ष की सप्तमी तिथि को मां गंगा धरती पर अवतरित हुई हैं। इस दिन आत्मा के कारक सूर्य देव राशि परिवर्तित करेंगे। वर्तमान समय में सूर्य देव मेष राशि में विराजमान हैं और 14 मई को वृषभ राशि में गोचर करेंगे। सूर्य के राशि परिवर्तन से राशि चक्र की सभी राशियों पर भाव अनुसार प्रभाव पड़ेगा। ज्योतिषियों की मानें तो वृषभ संक्रांति पर वृद्धि योग समेत कई मंगलकारी योग बन रहे हैं। इन योग में स्नान-ध्यान, पूजा, जप-तप और दान-पुण्य करने से व्यक्ति को आरोग्य जीवन का वरदान प्राप्त होता है। आइए, योग के बारे में जानते हैं-

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    सूर्य राशि परिवर्तन

    ज्योतिष गणना के अनुसार, सूर्य देव 14 मई को संध्याकाल 05 बजकर 53 मिनट पर वृषभ राशि में गोचर करेंगे। वहीं, 15 जून को देर रात 12 बजकर 27 मिनट पर मिथुन राशि में गोचर करेंगे। इस दिन पुण्य काल शाम 06 बजकर 04 मिनट तक है। वहीं, महा पुण्य काल दोपहर 03 बजकर 49 मिनट से शाम 06 बजकर 04 मिनट तक है।

    योग

    ज्योतिषियों की मानें तो वृषभ संक्रांति पर वृद्धि योग का निर्माण हो रहा है। इस योग का निर्माण सुबह 07 बजकर 27 मिनट से हो रहा है। वृद्धि योग दिन भर है। वहीं, रवि योग का निर्माण सुबह 05 बजकर 31 मिनट से हो रहा है, जो दोपहर 01 बजकर 05 मिनट तक है। इसके बाद सर्वार्थ सिद्धि योग का निर्माण हो रहा है, जो अगले दिन यानी 15 मई को सुबह 05 बजकर 31 मिनट तक है। जबकि, वृषभ संक्रांति पर गर और वणिज करण का संयोग बन रहा है। गर करण का योग दोपहर 03 बजकर 29 मिनट तक है और वणिज करण का योग 15 मई को सुबह 04 बजकर 19 मिनट तक है।  

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    डिसक्लेमर- इस लेख में निहित किसी भी जानकारी/सामग्री/गणना की सटीकता या विश्वसनीयता की गारंटी नहीं है। विभिन्न माध्यमों/जयोतिषियों/पंचांग/प्रवचनों/मान्यताओं/धर्मग्रंथों से संग्रहित कर ये जानकारियां आप तक पहुंचाई गई हैं। हमारा उद्देश्य महज सूचना पहुंचाना है, इसके उपयोगकर्ता इसे महज सूचना समझकर ही लें। इसके अतिरिक्त, इसके किसी भी उपयोग की जिम्मेदारी स्वयं उपयोगकर्ता की ही रहेंगी।