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    Vrishabha Sankranti 2024: वृषभ संक्रांति पर रवि योग समेत बन रहे हैं ये 3 संयोग, आय और आयु में होगी वृद्धि

    सनातन धर्म में संक्रांति तिथि का विशेष महत्व है। इस दिन स्नान-ध्यान पूजा जप-तप और दान-पुण्य करने का विधान है। धार्मिक मत है कि संक्रांति तिथि पर गंगा स्नान कर सूर्य देव की पूजा करने से आरोग्य जीवन का वरदान प्राप्त होता है। साथ ही करियर और कारोबार को नया आयाम मिलता है। वृषभ संक्रांति तिथि पर दुर्लभ वृद्धि योग समेत कई अद्भुत संयोग बन रहे हैं।

    By Pravin KumarEdited By: Pravin KumarUpdated: Mon, 29 Apr 2024 08:04 PM (IST)
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    Vrishabha Sankranti 2024: वृषभ संक्रांति पर रवि योग समेत बन रहे हैं ये 3 अद्भुत संयोग

    धर्म डेस्क, नई दिल्ली। Vrishabha Sankranti 2024: हर वर्ष वैशाख माह के शुक्ल पक्ष की सप्तमी तिथि पर गंगा सप्तमी मनाई जाती है। इस वर्ष 14 मई को गंगा सप्तमी है। इस दिन सूर्य देव भी राशि परिवर्तन करेंगे। ज्योतिषियों की मानें तो सूर्य देव 14 मई को मेष राशि से निकलकर वृषभ राशि में प्रवेश करेंगे। अतः इस दिन वृषभ संक्रांति भी मनाई जाएगी। सनातन धर्म में संक्रांति तिथि का विशेष महत्व है। इस दिन स्नान-ध्यान, पूजा, जप-तप और दान-पुण्य करने का विधान है। धार्मिक मत है कि संक्रांति तिथि पर गंगा स्नान कर सूर्य देव की पूजा करने से आरोग्य जीवन का वरदान प्राप्त होता है। साथ ही करियर और कारोबार को नया आयाम मिलता है। वृषभ संक्रांति तिथि पर दुर्लभ वृद्धि योग समेत कई अद्भुत संयोग बन रहे हैं। इन योग में सूर्य देव की पूजा करने से आय और आयु में अपार वृद्धि होती है। आइए, शुभ मुहूर्त एवं योग जानते हैं-

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    योग

    वृषभ संक्रांति तिथि पर वृद्धि योग का निर्माण हो रहा है। इस योग का निर्माण सुबह 07 बजकर 28 मिनट से हो रहा है, जो अगले दिन यानी 15 मई को सुबह 07 बजकर 42 मिनट तक है। इस योग में सूर्य देव की पूजा-उपासना करने से साधक को मनोवांछित फल की प्राप्ति होती है। साथ ही सुख और सौभाग्य में वृद्धि होती है। वृषभ संक्रांति पर सर्वार्थ सिद्धि योग और रवि योग का भी निर्माण हो रहा है। सर्वार्थ सिद्धि योग का निर्माण दोपहर 01 बजकर 05 मिनट से हो रहा है, जो 15 मई को सुबह 05 बजकर 30 मिनट तक है। वहीं, रवि योग दोपहर 01 बजकर 05 मिनट तक है।

    सूर्योदय और सूर्यास्त का समय

    सूर्योदय - सुबह 05 बजकर 31 मिनट पर

    सूर्यास्त - शाम 07 बजकर 04 मिनट पर

    चन्द्रोदय- सुबह 10 बजकर 54 मिनट पर

    चंद्रास्त- चंद्रास्त देर रात 12 बजकर 58 मिनट पर

    पंचांग

    ब्रह्म मुहूर्त - सुबह 04 बजकर 07 मिनट से 04 बजकर 49 मिनट तक

    विजय मुहूर्त - दोपहर 02 बजकर 33 मिनट से 03 बजकर 27 मिनट तक

    गोधूलि मुहूर्त - शाम 07 बजकर 03 मिनट से 07 बजकर 24 मिनट तक

    निशिता मुहूर्त - रात्रि 11 बजकर 56 मिनट से 12 बजकर 38 मिनट तक

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    डिसक्लेमर- इस लेख में निहित किसी भी जानकारी/सामग्री/गणना की सटीकता या विश्वसनीयता की गारंटी नहीं है। विभिन्न माध्यमों/जयोतिषियों/पंचांग/प्रवचनों/मान्यताओं/धर्मग्रंथों से संग्रहित कर ये जानकारियां आप तक पहुंचाई गई हैं। हमारा उद्देश्य महज सूचना पहुंचाना है, इसके उपयोगकर्ता इसे महज सूचना समझकर ही लें। इसके अतिरिक्त, इसके किसी भी उपयोग की जिम्मेदारी स्वयं उपयोगकर्ता की ही रहेंगी।