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    Vivah panchami Puja Vidhi: इस विधि से करें विवाह पंचमी की पूजा, यहां जानें सही नियम

    By Vaishnavi DwivediEdited By: Vaishnavi Dwivedi
    Updated: Mon, 04 Dec 2023 09:59 AM (IST)

    Vivah panchami Puja Vidhi धार्मिक मान्यताओं के अनुसार जो भक्त विवाह पंचमी के दिन उपवास रखते हैं और सच्चे भाव से पूजा करते हैं उनकी सभी मनोकामनाएं पूरी होती हैं। साथ ही विवाह संबंधी मुश्किलें भी दूर होती हैं। हालांकि जो लोग इस व्रत (Vivah panchami) को करते हैं उन्हें पूजा का सही नियम जान लेना चाहिए जो इस प्रकार है-

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    Vivah panchami Puja Vidhi 2023 - विवाह पंचमी पूजा विधि

    धर्म डेस्क, नई दिल्ली।Vivah panchami Puja Vidhi 2023: सनातन धर्म में विवाह पंचमी का पर्व बेहद शुभ माना जाता है। इसी महत्वपूर्ण और विशेष दिन भगवान राम और मां सीता का विवाह हुआ था। हिंदू पंचांग के अनुसार, यह दिन मार्गशीर्ष माह के शुक्ल पक्ष की पंचमी तिथि को मनाया जाता है। इस साल यह पवित्र त्योहार 17 दिसंबर को मनाया जाएगा। धार्मिक मान्यताओं के अनुसार, जो साधक इस दिन व्रत रखते हैं और सच्चे भाव से पूजा करते हैं उनकी सभी इच्छाएं पूर्ण होती हैं।

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    साथ ही जिनके विवाह में अड़चने आ रही हैं, उन्हे इस दिन का उपवास जरूर रखना चाहिए और विधि पूर्वक पूजा- अर्चना करनी चाहिए। तो आइए जानते हैं विवाह पंचमी के दिन किसी विधि से पूजा करनी चाहिए -

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    विवाह पंचमी पूजा विधि

    • सुबह जल्दी उठकर पवित्र स्नान करें और साफ कपड़े धारण करें।
    • इस दिन कई भक्त भव्य पूजा का आयोजन करते हैं और अपने रिश्तेदारों और दोस्तों को घर पर आमंत्रित करते हैं।
    • भगवान राम और जानकी माता की प्रतिमा को स्थापित करें।
    • श्री राम और माता सीता की प्रतिमा को सुंदर वस्त्रों और आभूषणों से सजाएं।
    • भक्त देसी घी का दीया जलाएं, गुलाब के फूलों की माला या फूल, 5 अलग-अलग फल, मीठा पान, घर में बनी मिठाई चढ़ाएं।
    • पूजा स्थान पर एक राम दरबार की तस्वीर भी स्थापित करें।
    • प्रभु श्री राम और देवी सीता को भोग लगाने के लिए सात्विक भोजन तैयार करें।
    • भोग में तुलसी पत्र अवश्य शामिल करें, क्योंकि यह भगवान को सबसे प्रिय है।
    • विवाह प्रसंग, जिसका उल्लेख रामचरितमानस में किया गया है, उसका पाठ करें।
    • पूजा समाप्त करने के बाद भगवान राम और देवी सीता को भोग चढ़ाएं।
    • साथ ही राम स्तुति और आरती को गा- गाकर पढ़ें।
    • सभी अनुष्ठानों को पूरा करने के बाद भजन-कीर्तन करें।
    • अगले दिन व्रत का पारण सात्विक भोजन से करें।

    विवाह पंचमी मंत्र

    • तौ भगवानु सकल उर बासी। करिहि मोहि रघुबर कै दासी। जेहि कें जेहि पर सत्‍य सनेहू। सो तेहि मिलइ न कछु संदेहू।।
    • ॐ आपदामप हर्तारम दातारं सर्व सम्पदाम, लोकाभिरामं श्री रामं भूयो भूयो नामाम्यहम, श्री रामाय रामभद्राय रामचन्द्राय वेधसे रघुनाथाय नाथाय सीताया पतये नमः

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    डिसक्लेमर- 'इस लेख में निहित किसी भी जानकारी/सामग्री/गणना की सटीकता या विश्वसनीयता की गारंटी नहीं है। विभिन्न माध्यमों/ज्योतिषियों/पंचांग/प्रवचनों/मान्यताओं/धर्मग्रंथों से संग्रहित कर ये जानकारियां आप तक पहुंचाई गई हैं। हमारा उद्देश्य महज सूचना पहुंचाना है, इसके उपयोगकर्ता इसे महज सूचना समझकर ही लें। इसके अतिरिक्त, इसके किसी भी उपयोग की जिम्मेदारी स्वयं उपयोगकर्ता की ही रहेगी।'