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    Kharmas 2023 Tulsi Puja: क्या खरमास में कर सकते हैं तुलसी पूजा? जानिए इसके पीछे की सच्चाई

    By Vaishnavi DwivediEdited By: Vaishnavi Dwivedi
    Updated: Mon, 04 Dec 2023 08:55 AM (IST)

    Kharmas 2023 Tulsi Puja हिंदू धर्म में खरमास के महीने सभी शुभ कार्य बंद हो जाते हैं। इस महीने को मलमास के नाम से भी जाना जाता है। इस साल खरमास की अवधि 16 दिसंबर 2023 से शुरू हुई और इसकी समाप्ति 15 जनवरी 2024 को होगी। ऐसे में लोगों को इससे जुड़ी कुछ जानकारी का होना बहुत जरूरी है तो आइए जानते हैं-

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    Kharmas 2023 Tulsi Puja: तुलसी पूजा का महत्व

    धर्म डेस्क, नई दिल्ली। Kharmas 2023 Tulsi Puja: सनातन धर्म में खरमास का महीना अशुभ माना जाता है, इस दौरान सभी शुभ कार्य वर्जित हो जाते हैं। लोग विवाह, सगाई आदि जैसे कोई भी शुभ अनुष्ठान और समारोह नहीं करते हैं। इस माह को मलमास के नाम से भी जाना जाता है। इस साल खरमास की अवधि 16 दिसंबर 2023 से शुरू हुई और इसकी समाप्ति 15 जनवरी 2024 को होगी।

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    ऐसे में इस माह से जुड़ी कुछ महत्वपूर्ण जानकारी का होना बहुत जरूरी है। दरअसल, कुछ लोग यह जानना चाहते हैं कि इस महीने मां तुलसा की पूजा होती है या फिर नहीं? तो आइए जानते हैं-

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    तुलसी पूजा करें या नहीं?

    आपको बता दें, भले ही खरमास में मांगलिक कार्य नहीं किए जाते, लेकिन इस दौरान धार्मिक कार्यों से जुड़े रहने की सलाह दी जाती है। जैसा कि सभी जानते हैं कि इस महीने भगवान विष्णु की पूजा का विधान हैं और उन्हें देवी तुलसी (Tulsi Puja) बेहद प्रिय हैं। ऐसे में इस महीने मां तुलसा की पूजा करना बहुत ही शुभ माना जाता है।

    कहा जाता है, जो लोग ग्रह दोष या फिर दरिद्रता की समस्या से लगातार जूझ रहे हैं, तो उन्हें देवी के समक्ष घी का दीया (Tulsi Puja In kharmas) अवश्य जलाना चाहिए। साथ ही उनकी विधि पूर्ण पूजा-अर्चना करनी चाहिए। लेकिन इस बात का ध्यान अवश्य रखें कि एकादशी, मंगलवार और रविवार के दिन तुलसी का पौधा भूलकर भी न छुएं।

    तुलसी मंगलाष्टक मंत्र

    ॐ श्री मत्पंकजविष्टरो हरिहरौ, वायुमर्हेन्द्रोऽनलः

    चन्द्रो भास्कर वित्तपाल वरुण, प्रताधिपादिग्रहाः

    प्रद्यम्नो नलकूबरौ सुरगजः, चिन्तामणिः कौस्तुभः

    स्वामी शक्तिधरश्च लांगलधरः, कुवर्न्तु वो मंगलम्

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    डिसक्लेमर- 'इस लेख में निहित किसी भी जानकारी/सामग्री/गणना की सटीकता या विश्वसनीयता की गारंटी नहीं है। विभिन्न माध्यमों/ज्योतिषियों/पंचांग/प्रवचनों/मान्यताओं/धर्मग्रंथों से संग्रहित कर ये जानकारियां आप तक पहुंचाई गई हैं। हमारा उद्देश्य महज सूचना पहुंचाना है, इसके उपयोगकर्ता इसे महज सूचना समझकर ही लें। इसके अतिरिक्त, इसके किसी भी उपयोग की जिम्मेदारी स्वयं उपयोगकर्ता की ही रहेगी।'