Vivah Panchami 2025: विवाह पंचमी के दिन इस समय करें पूजा, रामलला की कृपा से दूर होंगे सभी संकट
मार्गशीर्ष शुक्ल पंचमी को विवाह पंचमी मनाई जाती है, जो भगवान राम और माता सीता को समर्पित है। इस दिन उनकी विधि-विधान से पूजा करने पर विशेष कृपा मिलती है, सभी संकट दूर होते हैं। वहीं, यह दिन आदर्श गृहस्थ जीवन का प्रतीक है और राम मंदिर का ध्वजारोहण भी इसी दिन हो रहा है।

Vivah Panchami 2025 Puja Muhurt: विवाह पंचमी का पूजन समय।
धर्म डेस्क, नई दिल्ली। मार्गशीर्ष महीने के शुक्ल पक्ष की पंचमी तिथि को विवाह पंचमी का पावन पर्व मनाया जाता है। यह दिन मर्यादा पुरुषोत्तम भगवान राम और माता सीता के शादी की सालगिरह रूप में मनाया जाता है। इस दिन प्रभु श्री राम और माता सीता की विधि-विधान से पूजा करने पर रामलला की विशेष कृपा प्राप्त होती है और भक्तों के सभी संकट दूर होते हैं, तो आइए इस दिन (Vivah Panchami 2025) से जुड़ी प्रमुख बातों को जानते हैं, जो इस प्रकार हैं।
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पूजा समय ( Vivah Panchami 2025 Shubh Muhurat)
राम मंदिर का ध्वजारोहण अभिजीत मुहूर्त में दोपहर 11 बजकर 52 मिनट से 12 बजकर 35 मिनट के बीच किया जाएगा। यह 43 मिनट की अवधि बहुत शुभ मानी जा रही है। इस दौरान ही विवाह पंचमी की पूजा करना भी बहुत मंगलकारी रहेगा। ऐसे में साधक इस दौरान ही पूजा-पाठ समेत अन्य शुभ कार्य कर सकते हैं।
- राम-सीता विवाह अनुष्ठान शुभ मुहूर्त - शाम 04 बजकर 49 मिनट से शाम 06 बजकर 33 मिनट तक
(Vivah Panchami 2025 Puja Vidhi)
- सुबह जल्दी उठकर पानी में गंगाजल डालकर स्नान करें।
- घर के मंदिर में राम दरबार की तस्वीर स्थापित करें।
- हाथ में जल लेकर पूजा का संकल्प लें।
- चंदन, रोली, पीले या लाल फूल, तुलसी दल, और मिठाई अर्पित करें।
- भगवान राम के मंत्र 'श्री राम जय राम जय जय राम' या 'ॐ नमो भगवते वासुदेवाय' का कम से कम 108 बार जाप करें।
- शाम के समय अपने घर के बाहर और मंदिर में घी के दीपक जलाएं।
- अगर हो पाए तो अपने घर के मंदिर के ऊपर एक केसरिया ध्वज फहराएं और उसकी भी पूजा करें, क्योंकि इसी दिन राम मंदिर का ध्वजारोहण भी हो रहा है।
- अंत में आरती कर पूजा में हुई सभी गलती के लिए क्षमा मांगे।
विवाह पंचमी का महत्व (Vivah Panchami 2025 Significance)
यह पर्व केवल विवाह की वर्षगांठ नहीं है, बल्कि यह धर्म, प्रेम और आदर्श गृहस्थ जीवन का प्रतीक है। जिन लोगों के विवाह में देरी हो रही है या बाधाएं आ रही हैं, उन्हें इस दिन भगवान राम और माता सीता का विवाह अनुष्ठान करवाना चाहिए। रामलला की कृपा से उनके विवाह की सभी बाधाएं दूर होंगी और मनचाहा जीवनसाथी मिलेगा। साथ ही राम-सीता के आशीर्वाद से जीवन के हर संकट दूर होते हैं।
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