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    Vivah panchami 2023: विवाह पंचमी पर हर्षण योग समेत बन रहे हैं ये 3 अद्भुत संयोग, प्राप्त होगा कई गुना फल

    By Pravin KumarEdited By: Pravin Kumar
    Updated: Mon, 04 Dec 2023 11:33 AM (IST)

    सनातन शास्त्रों में निहित है कि त्रेता युग में भगवान श्रीराम और माता जानकी मार्गशीर्ष माह के शुक्ल पक्ष की पंचमी तिथि को परिणय सूत्र में बंधे थे। इस विवाह प्रसंग की महिमा महाकवि गोस्वामी तुलसीदास जी ने अपनी रचना श्रीरामचरितमानस में विस्तार से की है। ज्योतिषियों की मानें तो विवाह पंचमी पर दुर्लभ हर्षण योग का निर्माण हो रहा है।

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    Vivah panchami 2023: विवाह पंचमी पर हर्षण योग समेत बन रहे हैं ये 3 अद्भुत संयोग

    धर्म डेस्क, नई दिल्ली। Vivah panchami 2023: सनातन धर्म में विवाह पंचमी का विशेष महत्व है। यह पर्व हर वर्ष मार्गशीर्ष माह के शुक्ल पक्ष की पंचमी तिथि को मनाया जाता है। इस प्रकार, वर्ष 2023 में 17 दिसंबर को विवाह पंचमी है। सनातन शास्त्रों में निहित है कि त्रेता युग में भगवान श्रीराम और माता जानकी मार्गशीर्ष माह के शुक्ल पक्ष की पंचमी तिथि को परिणय सूत्र में बंधे थे। इस विवाह प्रसंग की महिमा महाकवि गोस्वामी तुलसीदास जी ने अपनी रचना श्रीरामचरितमानस में विस्तार से की है। ज्योतिषियों की मानें तो विवाह पंचमी पर दुर्लभ हर्षण योग का निर्माण हो रहा है। इस योग में माता जानकी और भगवान श्रीराम की पूजा करने से अक्षय फल की प्राप्ति होती है। आइए, शुभ मुहूर्त और योग जानते हैं-

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    शुभ मुहूर्त

    मार्गशीर्ष माह के शुक्ल पक्ष की पंचमी तिथि 16 दिसंबर को रात 08 बजे से शुरू होगी और 17 दिसंबर को संध्याकाल 05 बजकर 53 मिनट पर समाप्त होगी। सनातन धर्म में सूर्योदय के बाद तिथि की गणना की जाती है। अतः 17 दिसंबर को विवाह पंचमी मनाई जाएगी।

    योग

    ज्योतिषियों की मानें तो विवाह पंचमी पर दुर्लभ हर्षण योग का निर्माण हो रहा है। इस योग का निर्माण 18 दिसंबर को देर रात 12 बजकर 36 मिनट तक है। इस योग में अपने आराध्य की पूजा करने से सुख और सौभाग्य में वृद्धि होती है। साथ ही हर्षण योग में शुभ कार्य कर सकते हैं।

    करण

    विवाह पंचमी पर बालव और कौलव करण का भी निर्माण हो रहा है। सर्वप्रथम बालव करण का निर्माण हो रहा है। इस योग का निर्माण संध्याकाल 05 बजकर 33 मिनट तक है। इसके पश्चात, कौलव करण का निर्माण हो रहा है। कौलव करण का निर्माण 18 दिसंबर को प्रातः काल 04 बजकर 22 मिनट तक है।

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    डिसक्लेमर: 'इस लेख में निहित किसी भी जानकारी/सामग्री/गणना की सटीकता या विश्वसनीयता की गारंटी नहीं है। विभिन्न माध्यमों/ज्योतिषियों/पंचांग/प्रवचनों/मान्यताओं/धर्मग्रंथों से संग्रहित कर ये जानकारियां आप तक पहुंचाई गई हैं। हमारा उद्देश्य महज सूचना पहुंचाना है, इसके उपयोगकर्ता इसे महज सूचना समझकर ही लें। इसके अतिरिक्त, इसके किसी भी उपयोग की जिम्मेदारी स्वयं उपयोगकर्ता की ही रहेगी।'