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    Vivah Muhurat 2025: जल्द शुरू हो जाएगा खरमास, विवाह के लिए बचे हैं इतने शुभ मुहूर्त

    Updated: Mon, 17 Nov 2025 02:34 PM (IST)

    हिंदू धर्म में विवाह जैसे शुभ कार्यों के लिए मुहूर्त देखना महत्वपूर्ण है। देवशयनी एकादशी से देवउठनी एकादशी तक चातुर्मास में शुभ कार्य वर्जित होते हैं। इस साल नवंबर और दिसंबर 2025 में विवाह के शुभ मुहूर्त (Vivah Muhurat 2025) कम हैं, ऐसे में आइए यहां जानते हैं कि नवंबर और दिसंबर माह में विवाह के लिए कितने मुहर्त हैं?

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    Vivah Muhurat 2025: विवाह शुभ मुहूर्त।

    धर्म डेस्क, नई दिल्ली। हिंदू धर्म में विवाह जैसे मांगलिक कामों के लिए शुभ विवाह मुहूर्त देखना अनिवार्य माना जाता है। ज्योतिषीय गणना के अनुसार, देवशयनी एकादशी से लेकर देवउठनी एकादशी तक भगवान विष्णु चार महीने के लिए योग निद्रा में चले जाते हैं, जिसे चातुर्मास कहा जाता है। इस दौरान विवाह समेत सभी शुभ काम वर्जित होते हैं। चातुर्मास समाप्त होने के बाद ही विवाह के शुभ मुहूर्त शुरू होते हैं।

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    इस साल विवाह के शुभ मुहूर्त (Vivah Muhurat 2025) नवंबर और दिसंबर माह में ज्यादा नहीं हैं, क्योंकि जल्द खरमास शुरू हो जाएगा, जिसमें विवाह समेत अन्य मांगलिक कार्य वर्जित होते हैं।

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    खरमास कब लगता है?

    सूर्य जब धनु राशि में प्रवेश करते हैं, तब खरमास शुरू हो जाता है। ज्योतिष शास्त्र के अनुसार, खरमास की अवधि में विवाह, गृह प्रवेश और मुंडन जैसे मांगलिक काम करना शुभ नहीं माना जाता है।

    कब शुरू और खत्म होगा खरमास? (Kharmas 2025 Start And End Date)

    इस साल धनु संक्रांति 16 दिसंबर को पड़ रही है और इसी दिन से खरमास की भी शुरुआत होगी। वहीं, इसका समापन 14 जनवरी 2026 को होगा।

    नवंबर में विवाह के लिए शुभ मुहूर्त (November Vivah Muhurat 2025)

    • 16, 17, 18, 21, 22, 23, 25 और 30 नवंबर।

    दिसंबर में विवाह के लिए शुभ मुहूर्त (December Vivah Muhurat 2025)

    • 1, 4, 5, 6 दिसंबर।

    पूजन मंत्र ( Pujan Mantra)

    • ॐ सूर्याय नमः।।
    • ॐ आदित्याय विदमहे दिवाकराय धीमहि तन्नो सूर्य प्रचोदयात।।
    • ॐ ह्रीं ह्रीं सूर्याय सहस्रकिरणराय मनोवांछित फलम् देहि देहि स्वाहा।।
    • ॐ ऐहि सूर्य सहस्त्रांशों तेजो राशे जगत्पते, अनुकंपयेमां भक्त्या, गृहाणार्घय दिवाकर:।।

    अस्वीकरण: इस लेख में बताए गए उपाय/लाभ/सलाह और कथन केवल सामान्य सूचना के लिए हैं। दैनिक जागरण तथा जागरण न्यू मीडिया यहां इस लेख फीचर में लिखी गई बातों का समर्थन नहीं करता है। इस लेख में निहित जानकारी विभिन्न माध्यमों/ज्योतिषियों/पंचांग/प्रवचनों/मान्यताओं/धर्मग्रंथों/दंतकथाओं से संग्रहित की गई हैं। पाठकों से अनुरोध है कि लेख को अंतिम सत्य अथवा दावा न मानें एवं अपने विवेक का उपयोग करें। दैनिक जागरण तथा जागरण न्यू मीडिया अंधविश्वास के खिलाफ है।