Trending

    Move to Jagran APP
    pixelcheck
    विज्ञापन हटाएं सिर्फ खबर पढ़ें

    Vinayak Chaturthi 2025: इस कथा के बिना अधूरा है विनायक चतुर्थी का व्रत, पाठ मात्र से दूर होंगे सभी कष्ट

    Updated: Fri, 03 Jan 2025 10:29 AM (IST)

    सनातन धर्म में विनायक चतुर्थी हर महीने की शुक्ल पक्ष की चतुर्थी तिथि को मनाई जाती है। इस दिन भगवान गणपति की पूजा होती है। कहते हैं कि इस दिन बप्पा की आराधना करने से और उनकी कथा (Vinayak Chaturthi 2024 Katha) का पाठ करने सभी इच्छाओं की पूर्ति होती है तो आइए यहां इस कथा का पाठ पढ़ते हैं।

    Hero Image
    Vinayak Chaturthi 2025: विनायक चतुर्थी व्रत कथा।

    धर्म डेस्क, नई दिल्ली। हिंदू धर्म में विनायक चतुर्थी सबसे महत्वपूर्ण दिन माना जाता है। यह तिथि भगवान गणेश को समर्पित है। इस दिन भक्त अत्यधिक भक्ति के साथ पूजा करते हैं और व्रत रखते हैं। विनायक चतुर्थी हर माह शुक्ल पक्ष की चतुर्थी तिथि को मनाई जाती है। हिंदू कैलेंडर के अनुसार, इस बार यह पौष माह के दौरान 3 जनवरी, 2025 यानी आज मनाई जा रही है। माना जाता है कि इस दिन पूजा के दौरान विनायक चतुर्थी व्रत कथा का पाठ भी जरूर करना चाहिए, क्योंकि इसके बिना व्रत अधूरा माना जाता है, तो आइए यहां पढ़ते हैं।

    विज्ञापन हटाएं सिर्फ खबर पढ़ें

    विनायक चतुर्थी व्रत कथा (Vinayak Chaturthi 2025 Katha)

    एक समय की बात है नदी के तट पर देवी पार्वती भगवान शिव के साथ बैठी थीं। तभी उन्होंने चौपड़ खेलने की इच्छा प्रकट की, लेकिन उनके अलावा कोई तीसरा नहीं था, जो चौपड़ के खेल के दौरान हार और जीत का निर्णय कर सके। इस स्थिति में भगवान शंकर ने और देवी पार्वती ने एक मिट्टी का बालक बनाया और उसमें प्राण का संचालन किया। ताकि खेल में हार-जीत का सही फैसला हो सके। इसके पश्चात पार्वती माता लगातार तीन से चार बार विजयी हुईं, लेकिन उस मिट्टी के बालक ने शिव जी को विजयी घोषित कर दिया। इससे देवी पार्वती को क्रोध आ गया और उन्होंने उस बालक को लंगड़ा बना दिया। तब बालक को अपनी गलती का अहसास हुआ और उसने माफी मांगी, लेकिन मां पार्वती ने कहा कि श्राप अब वापस नहीं लिया जा सकता।इसलिए आप एक उपाय के जरिए इस श्राप से मुक्ति पा सकते हैं।

    उन्होंने कहा कि चतुर्थी के दिन कुछ कन्याएं पूजन के लिए आती हैं, उनसे व्रत और पूजा की विधि पूछना। बालक ने ठीक ऐसा ही किया और उसकी पूजा (Vinayak Chaturthi 2025) से गौरी पुत्र गणेश खुश हो जाते हैं और उसकी जीवन के सभी मुश्किलों का अंत कर देते हैं। इससे बालक अपना जीवन फिर से खुशी-खुशी व्यतीत करने लगता है।

    यह भी पढ़ें: Vinayak Chaturthi 2025: आज है साल की पहली चतुर्थी, यहां जानें व्रत से जुड़ी पूरी डिटेल्स

    अस्वीकरण: इस लेख में बताए गए उपाय/लाभ/सलाह और कथन केवल सामान्य सूचना के लिए हैं। दैनिक जागरण तथा जागरण न्यू मीडिया यहां इस लेख फीचर में लिखी गई बातों का समर्थन नहीं करता है। इस लेख में निहित जानकारी विभिन्न माध्यमों/ज्योतिषियों/पंचांग/प्रवचनों/मान्यताओं/धर्मग्रंथों/दंतकथाओं से संग्रहित की गई हैं। पाठकों से अनुरोध है कि लेख को अंतिम सत्य अथवा दावा न मानें एवं अपने विवेक का उपयोग करें। दैनिक जागरण तथा जागरण न्यू मीडिया अंधविश्वास के खिलाफ है।