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    Vinayak Chaturthi व्रत से सभी बाधाएं होंगी दूर, अभी नोट करें शुभ मुहूर्त और पूजा विधि

    विनायक चतुर्थी के दिन भगवान गणेश की पूजा का खास महत्व है। हर माह के कृष्ण और शुक्ल पक्ष की चतुर्थी (Vinayak Chaturthi 2025) तिथि पर भगवान गणेश की पूजा-अर्चना करने का विधान है। साथ ही विशेष चीजों का दान किया जाता है। आइए जानते हैं ज्येष्ठ माह में कब है विनायक चतुर्थी।

    By Kaushik Sharma Edited By: Kaushik Sharma Updated: Sat, 10 May 2025 10:04 AM (IST)
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    Vinayak Chaturthi 2025: विनायक चतुर्थी का शुभ मुहूर्त (Pic Credit- Freepik)

    धर्म डेस्क, नई दिल्ली। वैदिक पंचांग के अनुसार, ज्येष्ठ माह के शुक्ल पक्ष की चतुर्थी तिथि पर विनायक चतुर्थी का त्योहार मनाया जाता है। इस दिन भक्त भगवान गणेश की पूजा-अर्चना करते हैं। धार्मिक मान्यता के अनुसार, चतुर्थी तिथि के दिन गणपति बप्पा की पूजा करने से साधक को धन से जुड़ी समस्या से छुटकारा मिलता है। साथ ही सभी संकट दूर होते हैं। विनायक चतुर्थी व्रत को करने से सभी बाधाएं दूर होती हैं। ऐसे में आइए जानते हैं विनायक चतुर्थी (Vinayak Chaturthi 2025) के बारे में सबकुछ।

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    (Pic Credit- Freepik)

    विनायक चतुर्थी 2025 डेट और शुभ मुहूर्त शुभ (Vinayak Chaturthi 2025 Date and Shubh Muhurat)

    वैदिक पंचांग के अनुसार, ज्येष्ठ माह के शुक्ल पक्ष की चतुर्थी तिथि की शुरुआत 29 मई को रात 11 बजकर 58 मिनट से शुरू होगी। वहीं, इस तिथि का समापन 30 मई को रात 09 बजकर 22 मिनट पर होगा। ऐसे में 30 मई को विनायक चतुर्थी को मनाई जाएगी। इस दिन भगवान गणेश की पूजा करने का शुभ मुहूर्त 10 बजकर 56 मिनट से 01 बजकर 42 मिनट तक है।

    यह भी पढ़ें: Ekdant Sankashti Chaturthi 2025: कब है एकदंत संकष्टी चतुर्थी? इस मुहूर्त में करें गणपति बप्पा की पूजा

    पंचांग

    सूर्योदय - सुबह 05 बजकर 24 मिनट पर

    सूर्यास्त - शाम 07 बजकर 14 मिनट पर

    चन्द्रोदय- सुबह 08 बजकर 16 मिनट पर

    चंद्रास्त- रात 10 बजकर 51 मिनट पर

    ब्रह्म मुहूर्त - सुबह 04 बजकर 03 मिनट से 04 बजकर 43 मिनट तक

    विजय मुहूर्त - दोपहर 02 बजकर 37 मिनट से 03 बजकर 32 मिनट तक

    गोधूलि मुहूर्त - रात 07 बजकर 12 मिनट से 07 बजकर 33 मिनट तक

    निशिता मुहूर्त - रात 11 बजकर 58 मिनट से 12 बजकर 39 मिनट तक

    विनायक चतुर्थी पूजा विधि (Vinayak Chaturthi Puja Vidhi)

    • विनायक चतुर्थी के दिन सुबह स्नान करने के बाद साफ कपड़े पहनें।
    • इसके बाद मंदिर की सफाई करें और गंगाजल का छिड़काव कर शुद्ध करें।
    • सूर्य देव को अर्घ्य दें।
    • देसी घी का दीपक जलाकर भगवान गणेश की पूजा-अर्चना करें।
    • गणपति बप्पा को मोदक, दूर्वा और फूलमाला समेत आदि चीजों को चढ़ाएं।
    • आरती करें और गणेश चालीसा का पाठ करें।
    • आखिरी में लोगों में प्रसाद बाटें।

    भगवान गणेश के मंत्र

    1.गणपूज्यो वक्रतुण्ड एकदंष्ट्री त्रियम्बक:।

    नीलग्रीवो लम्बोदरो विकटो विघ्रराजक :।।

    धूम्रवर्णों भालचन्द्रो दशमस्तु विनायक:।

    गणपर्तिहस्तिमुखो द्वादशारे यजेद्गणम।।

    2.ॐ श्रीं गं सौभ्याय गणपतये वर वरद सर्वजनं मे वशमानय स्वाहा।

    3.ॐ हस्ति पिशाचि लिखे स्वाहा।

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    अस्वीकरण: इस लेख में बताए गए उपाय/लाभ/सलाह और कथन केवल सामान्य सूचना के लिए हैं। दैनिक जागरण तथा जागरण न्यू मीडिया यहां इस लेख फीचर में लिखी गई बातों का समर्थन नहीं करता है। इस लेख में निहित जानकारी विभिन्न माध्यमों/ज्योतिषियों/पंचांग/प्रवचनों/मान्यताओं/धर्मग्रंथों/दंतकथाओं से संग्रहित की गई हैं। पाठकों से अनुरोध है कि लेख को अंतिम सत्य अथवा दावा न मानें एवं अपने विवेक का उपयोग करें। दैनिक जागरण तथा जागरण न्यू मीडिया अंधविश्वास के खिलाफ है।