Vinayak Chaturthi 2025: विनायक चतुर्थी पर करें इस कथा का पाठ, मिलेगा व्रत का पूरा फल
विनायक चतुर्थी का व्रत हर महीने शुक्ल पक्ष की चतुर्थी को मनाया जाता है, जिसमें भगवान गणेश की पूजा की जाती है। इस दिन जो साधक व्रत करते हैं, उन्हें इसकी व्रत कथा (Vinayak Chaturthi 2025 Vrat Katha) का पाठ जरूर करना चाहिए, क्योंकि इसके बिना व्रत पूरा नहीं होता है, तो आइए पढ़ते हैं।

Vinayak Chaturthi 2025: विनायक चतुर्थी कथा।
धर्म डेस्क, नई दिल्ली। विनायक चतुर्थी का व्रत बेहद शुभ माना जाता है। यह पर्व हर महीने के शुक्ल पक्ष की चतुर्थी तिथि को आता है। इस दिन भगवान गणेश की पूजा का विधान है। इस दिन पूजा-अर्चना और व्रत करने से जीवन के सभी दुखों का नाश होता है। हिंदू पंचांग के अनुसार, इस बार विनायक चतुर्थी (Vinayak Chaturthi 2025) आज यानी 24 नवंबर को मनाई जा रही है, जो साधक इस व्रत का पालन करते हैं, उन्हें इसकी व्रत कथा का पाठ जरूर करना चाहिए, जो इस प्रकार हैं -
विनायक चतुर्थी की व्रत कथा (Vinayak Chaturthi 2025 Vrat Katha)

एक बार भगवान गणेश ने चंद्र देव के अहंकार को तोड़ने के लिए एक लीला रचाई। बप्पा को उनके गज-मुख और बड़े पेट के कारण एक बार चंद्रमा ने उपहास किया। चंद्र देव के इस व्यवहार से गणेश जी बहुत क्रोधित हुए और उन्होंने चंद्रमा को श्राप दिया कि जो कोई भी उन्हें चतुर्थी के दिन देखेगा, उसे झूठे आरोपों का सामना करना पड़ेगा और उसके जीवन में कलंक लगेगा।
गणेश जी के इस श्राप के कारण चंद्रमा का तेज भी घट गया और वे बहुत परेशान हो गए। इस घटना से सभी देवता भी परेशान हो गए। कुछ समय बाद, भगवान कृष्ण पर स्यमंतक मणि चोरी का झूठा आरोप लगा। ऐसा माना जाता हैं कि यह आरोप विनायक चतुर्थी के दिन चंद्र दर्शन के कारण ही लगा था। आरोप से मुक्ति पाने के लिए भगवान कृष्ण ने चतुर्थी का व्रत किया और गणेश जी की पूजा की।
जब देवताओं ने गणेश जी से इस श्राप को वापस लेने की प्रार्थना की, तो गणेश जी ने कहा कि श्राप पूरी तरह से वापस नहीं लिया जा सकता, लेकिन इसका प्रभाव कम किया जा सकता है। उन्होंने कहा कि जो कोई भी चतुर्थी के दिन मेरी पूजा करेगा और इस कथा को पढ़ेगा या सुनेगा, उस पर झूठे आरोप नहीं लगेंगे और उसके सभी संकट दूर हो जाएंगे।
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