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    Vinayak Chaturthi 2025: कब है विनायक चतुर्थी? जानें तिथि, शुभ मुहूर्त और पूजा विधि

    Updated: Tue, 18 Nov 2025 05:40 PM (IST)

    विनायक चतुर्थी (Vinayak Chaturthi 2025) भगवान गणेश को समर्पित है, जो हर महीने के शुक्ल पक्ष की चतुर्थी तिथि को मनाई जाती है। इस दिन गणेश जी की पूजा करने से जीवन के संकट दूर होते हैं और सुख-समृद्धि आती है, तो आइए इस पर्व से लेकर प्रमुख बातों को जानते हैं, जो इस प्रकार हैं।

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    Vinayak Chaturthi 2025: विनायक चतुर्थी पूजा विधि।

    धर्म डेस्क, नई दिल्ली। विनायक चतुर्थी का दिन भगवान गणेश को समर्पित है। हर महीने के शुक्ल पक्ष की चतुर्थी तिथि को विनायक चतुर्थी का व्रत रखा जाता है। इस दिन व्रत और पूजा करने से भगवान गणेश की कृपा मिलती है और घर में सुख-समृद्धि आती है। आइए इस आर्टिकल में इस दिन (Vinayak Chaturthi 2025) से जुड़ी प्रमुख बातों को जानते हैं, जो इस प्रकार हैं।

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    विनायक चतुर्थी कब है? ( Vinayak Chaturthi 2025 Kab Hai?)

    वैदिक पंचांग के अनुसार, चतुर्थी तिथि का प्रारंभ 24 नवंबर 2025, दिन सोमवार को सुबह 11 बजकर 04 मिनट पर होगा। वहीं, इसका समापन 25 नवंबर 2025, दिन मंगलवार दोपहर 01 बजकर 11 मिनट पर होगा। पंचांग को देखते हुए 24 नवंबर 2025 को विनायक चतुर्थी का व्रत रखा जाएगा। इस दिन पूजा का शुभ मुहूर्त सुबह 11 बजकर 04 मिनट से दोपहर 01 बजकर 11 मिनट तक

    विनायक चतुर्थी पूजा विधि ( Vinayak Chaturthi 2025 Puja Rituals)

    • सुबह जल्दी उठकर स्नान करें और लाल रंग के वस्त्र धारण करें।
    • पूजा घर को साफ कर व्रत का संकल्प लें।
    • एक वेदी पर भगवान गणेश की प्रतिमा स्थापित करें।
    • उनके सामने एक घी का दीपक जलाएं।
    • गणेश जी को रोली, अक्षत, लाल फूल और दूर्वा अर्पित करें।
    • गणेश जी को मोदक या लड्डू का भोग लगाए।
    • पूजा के दौरान "ॐ गं गणपतये नमः" मंत्र का 108 बार जाप करें।
    • विनायक चतुर्थी व्रत कथा का पाठ करें और अंत में कपूर या घी के दीपक से आरती करें।
    • गणेश जी की पूजा में तुलसी पत्र का प्रयोग भूलकर भी न करें।

    विनायक चतुर्थी का महत्व

    भगवान गणेश को बुद्धि, ज्ञान और शुभता का देवता माना जाता है। इस व्रत को करने से जीवन के सभी संकट दूर होते हैं। उनकी कृपा से घर में सुख, सौभाग्य और धन-समृद्धि का आगमन होता है। किसी भी नए या शुभ कार्य की शुरुआत करने से पहले गणेश जी की पूजा करने से उस कार्य में सफलता प्राप्त होती है।

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    अस्वीकरण: इस लेख में बताए गए उपाय/लाभ/सलाह और कथन केवल सामान्य सूचना के लिए हैं। दैनिक जागरण तथा जागरण न्यू मीडिया यहां इस लेख फीचर में लिखी गई बातों का समर्थन नहीं करता है। इस लेख में निहित जानकारी विभिन्न माध्यमों/ज्योतिषियों/पंचांग/प्रवचनों/मान्यताओं/धर्मग्रंथों/दंतकथाओं से संग्रहित की गई हैं। पाठकों से अनुरोध है कि लेख को अंतिम सत्य अथवा दावा न मानें एवं अपने विवेक का उपयोग करें। दैनिक जागरण तथा जागरण न्यू मीडिया अंधविश्वास के खिलाफ है।