Trending

    Move to Jagran APP
    pixelcheck
    विज्ञापन हटाएं सिर्फ खबर पढ़ें

    Vikata Sankashti Chaturthi 2024: कब है विकट संकष्टी चतुर्थी? नोट करें शुभ मुहूर्त, महत्व एवं चंद्र दर्शन का समय

    By Pravin KumarEdited By: Pravin Kumar
    Updated: Wed, 17 Apr 2024 04:53 PM (IST)

    Vikata Sankashti Chaturthi 2024 इस दिन देवों के देव महादेव के पुत्र भगवान गणेश की पूजा-अर्चना की जाती है। साथ ही शुभ कार्यों में सिद्धि प्राप्ति हेतु व्रत-उपवास रखा जाता है। विकट संकष्टी चतुर्थी व्रत को स्त्री और पुरुष दोनों ही कर सकते हैं। इस व्रत के पुण्य प्रताप से साधक के जीवन में मंगल का आगमन होता है। साथ ही सभी प्रकार के आर्थिक संकटों से निजात मिलती है।

    Hero Image
    Vikata Sankashti Chaturthi 2024: कब है विकट संकष्टी चतुर्थी? नोट करें शुभ मुहूर्त, महत्व एवं योग

    धर्म डेस्क, नई दिल्ली। Vikata Sankashti Chaturthi 2024: हर वर्ष वैशाख माह के कृष्ण पक्ष की चतुर्थी तिथि पर विकट संकष्टी चतुर्थी मनाई जाती है। इस वर्ष 27 अप्रैल को विकट संकष्टी चतुर्थी है। इस दिन देवों के देव महादेव के पुत्र भगवान गणेश की पूजा-अर्चना की जाती है। साथ ही शुभ कार्यों में सिद्धि प्राप्ति हेतु व्रत-उपवास रखा जाता है। विकट संकष्टी चतुर्थी व्रत को स्त्री और पुरुष दोनों ही कर सकते हैं। इस व्रत के पुण्य प्रताप से साधक के जीवन में मंगल का आगमन होता है। साथ ही सभी प्रकार के आर्थिक संकटों से निजात मिलती है। अतः साधक कृष्ण पक्ष की चतुर्थी तिथि पर विधि-विधान से भगवान गणेश की पूजा करते हैं। आइए, शुभ मुहूर्त एवं योग जानते हैं-

    विज्ञापन हटाएं सिर्फ खबर पढ़ें

    यह भी पढ़ें: हनुमान जी की पूजा करने से क्यों कम होता है साढ़े साती और ढैय्या का प्रभाव

    शुभ मुहूर्त

    पंचांग के अनुसार वैशाख माह के कृष्ण पक्ष की चतुर्थी तिथि की शुरुआत 27 अप्रैल को सुबह 08 बजकर 17 मिनट पर शुरू होगी और अगले दिन 28 अप्रैल को सुबह 08 बजकर 21 मिनट पर समाप्त होगी। संकष्टी चतुर्थी तिथि पर चंद्र दर्शन का विधान है। अतः 27 अप्रैल को विकट संकष्टी चतुर्थी मनाई जाएगी। इस तिथि पर चंद्र दर्शन का समय देर रात 10 बजकर 23 मिनट पर है।

    सूर्योदय और सूर्यास्त का समय

    सूर्योदय - सुबह 05 बजकर 44 मिनट पर

    सूर्यास्त - शाम 06 बजकर 54 मिनट पर

    चन्द्रोदय- रात 10 बजकर 23 मिनट पर

    चंद्रास्त- सुबह 07 बजकर 39 मिनट पर

    पंचांग

    ब्रह्म मुहूर्त - सुबह 04 बजकर 17 मिनट से 05 बजे तक

    विजय मुहूर्त - दोपहर 02 बजकर 31 मिनट से 03 बजकर 23 मिनट तक

    गोधूलि मुहूर्त - शाम 06 बजकर 53 मिनट से 07 बजकर 15 मिनट तक

    निशिता मुहूर्त - रात्रि 11 बजकर 57 मिनट से 12 बजकर 40 मिनट तक

    अशुभ समय

    राहु काल - सुबह 09 बजकर 01 मिनट से 10 बजकर 40 मिनट तक

    गुलिक काल - सुबह 05 बजकर 44 मिनट से 07 बजकर 22 मिनट तक

    दिशा शूल - पूर्व

    यह भी पढ़ें: नरक का दुख भोगकर धरती पर जन्मे लोगों में पाए जाते हैं ये चार अवगुण

    डिसक्लेमर: इस लेख में निहित किसी भी जानकारी/सामग्री/गणना की सटीकता या विश्वसनीयता की गारंटी नहीं है। विभिन्न माध्यमों/ज्योतिषियों/पंचांग/प्रवचनों/मान्यताओं/धर्मग्रंथों से संग्रहित कर ये जानकारियां आप तक पहुंचाई गई हैं। हमारा उद्देश्य महज सूचना पहुंचाना है, इसके उपयोगकर्ता इसे महज सूचना समझकर ही लें। इसके अतिरिक्त, इसके किसी भी उपयोग की जिम्मेदारी स्वयं उपयोगकर्ता की ही रहेगी।