Vat Savitri Vrat 2025: वट सावित्री व्रत का कैसे करें पारण? नोट करें सही विधि
वट सावित्री व्रत (Vat Savitri Vrat 2025) सुहागिन महिलाएं पति की लंबी उम्र के लिए रखती हैं। व्रत में निर्जला उपवास और पूजा होती है। व्रत का पूर्ण फल पाने के लिए सही विधि से पारण करना आवश्यक है। सात्विक भोजन से ही पारण करें तामसिक चीजें न खाएं। इसके अलावा कुछ दान-दक्षिणा जरूर करें।

धर्म डेस्क, नई दिल्ली। वट सावित्री व्रत का हिंदुओं के बीच एक खास महत्व है। इस मौके पर सुहागिन महिलाएं अपने पति की लंबी उम्र और अच्छे स्वास्थ्य के लिए व्रत रखती हैं। इस व्रत में महिलाएं पूरे दिन निर्जला व्रत और पूजा-पाठ करती हैं। लेकिन क्या आपको पता है कि अगर किसी व्रत (Vat Savitri Vrat 2025) का पारण सही विधि से नहीं किया जाए, तो उसका पूरा फल नहीं मिलता है। ऐसे में आइए इस कठिन उपवास का पारण कैसे करना है? इस आर्टिकल में जानते हैं।
पारण विधि (Vat Savitri Vrat 2025 Paran Rules)
- पारण से पहले सुबह उठकर जल में गंगाजल मिलाकर स्नान करें।
- साफ कपड़ें पहनें।
- महिलाएं सोलह शृंगार करें।
- वट वृक्ष की पूजा करें।
- इसके बाद घर के मंदिर में विधिपूर्वक पूजा करें।
- घर के बड़ों का आशीर्वाद लें।
- पारण के लिए सात्विक और हल्की चीजें लें।
- पारण प्रसाद से ही करें।
- पारण में तामसिक चीजों को भूलकर न शामिल करें।
- सबसे पहले साफ पानी पीएं।
- यह शरीर को हाइड्रेट करता है और व्रत के दौरान हुई पानी की कमी को पूरा करता है।
- पानी के बाद कोई फल या हल्की मिठाई खाएं।
- व्रत के तुरंत बाद तेल व मसाले वाले भोजन का सेवन न करें।
- पारण के बाद ब्राह्मणों को भोजन कराएं और उन्हें कुछ दान-दक्षिणा दें।
पारण का धार्मिक महत्व (Religious Importance Of Paran)
पारण से सिर्फ भूख ही नहीं मिटती, बल्कि यह व्रत को पूरा करने में अहम भमिका निभाता है। कहते हैं कि सही विधि से पारण करने से व्रत का पूरा पुण्य फल मिलता है और व्रती को शारीरिक व मानसिक शांति मिलती है।
यह व्रत सावित्री और सत्यवान की अटूट प्रेम और पति-पत्नी के रिश्ते में विश्वास और दीर्घायु का प्रतीक भी है। ऐसे में पारण पूर्ण नियम से करने का प्रयास करें।
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