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    Varuthini Ekadashi 2024: वरुथिनी एकादशी पर शिववास समेत बन रहे हैं ये 7 शुभ संयोग, बन जाएंगे सारे बिगड़े काम

    By Pravin KumarEdited By: Pravin Kumar
    Updated: Mon, 29 Apr 2024 05:54 PM (IST)

    वरुथिनी एकादशी 04 मई को है। इस दिन शिववास का दुर्लभ संयोग बन रहा है। इस दिन शिववास शाम 08 बजकर 38 मिनट तक है। इस समय में भगवान शिव अपने निवास स्थान कैलाश में रहेंगे। इसके पश्चात नंदी पर सवार होंगे। भगवान शिव के कैलाश पर रहने के दौरान महादेव का अभिषेक करने से साधक के सकल मनोरथ सिद्ध हो जाते हैं।

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    Varuthini Ekadashi 2024: वरुथिनी एकादशी पर शिववास समेत बन रहे हैं ये 7 शुभ संयोग

    धर्म डेस्क, नई दिल्ली। Varuthini Ekadashi 2024: एकादशी तिथि जगत के पालनहार भगवान विष्णु को समर्पित होता है। इस दिन भगवान विष्णु संग धन की देवी मां लक्ष्मी की पूजा-उपासना की जाती है। साथ ही एकादशी व्रत रखा जाता है। इस व्रत के पुण्य प्रताप से जातक द्वारा जन्म-जन्मांतर में किए गए सारे पाप कट जाते हैं। अतः साधक श्रद्धा भाव से अपने आराध्य भगवान विष्णु की पूजा करते हैं। ज्योतिषियों की मानें तो वरुथिनी एकादशी पर शिववास समेत सात शुभ संयोग बन रहे हैं। इन योग में भगवान विष्णु एवं मां लक्ष्मी की पूजा करने से साधक के सभी बिगड़े काम बन जाएंगे। आइए, शुभ योग एवं मुहूर्त जानते हैं-

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    योग

    वरुथिनी एकादशी 04 मई को है। इस दिन शिववास का दुर्लभ संयोग बन रहा है। इस दिन शिववास शाम 08 बजकर 38 मिनट तक है। इस समय में भगवान शिव अपने निवास स्थान कैलाश में रहेंगे। इसके पश्चात, नंदी पर सवार होंगे। भगवान शिव के कैलाश पर रहने के दौरान महादेव का अभिषेक करने से साधक के सकल मनोरथ सिद्ध हो जाते हैं।

    वरुथिनी एकादशी के दिन त्रिपुष्कर योग का भी निर्माण हो रहा है। इस योग का निर्माण संध्याकाल 08 बजकर 38 मिनट से लेकर रात 10 बजकर 07 मिनट तक है। इस समय में भगवान विष्णु की पूजा करने से साधक को अक्षय फल की प्राप्ति होगी। साथ ही इंद्र योग का भी संयोग बन रहा है। इस योग का निर्माण सुबह 11 बजकर 04 मिनट तक है।

    करण

    वैशाख माह के कृष्ण पक्ष की एकादशी तिथि पर सबसे पहले बव करण का योग बन रहा है। इसके बाद बालव और कौलव करण के योग बन रहे हैं। इन योग में भगवान विष्णु की पूजा-उपासना करने से साधक को अमोघ फल की प्राप्ति होगी।

    नक्षत्र

    ज्योतिषियों की मानें तो वरुथिनी एकादशी पर पूर्व भाद्रपद और उत्तर भाद्रपद नक्षत्र के संयोग बन रहे हैं। पूर्व भाद्रपद नक्षत्र रात 10 बजकर 07 मिनट तक है। ज्योतिष पूर्व भाद्रपद और उत्तर भाद्रपद दोनों नक्षत्र को शुभ मानते हैं। इन योग में शुभ कार्य कर सकते हैं।

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    डिसक्लेमर- इस लेख में निहित किसी भी जानकारी/सामग्री/गणना की सटीकता या विश्वसनीयता की गारंटी नहीं है। विभिन्न माध्यमों/जयोतिषियों/पंचांग/प्रवचनों/मान्यताओं/धर्मग्रंथों से संग्रहित कर ये जानकारियां आप तक पहुंचाई गई हैं। हमारा उद्देश्य महज सूचना पहुंचाना है, इसके उपयोगकर्ता इसे महज सूचना समझकर ही लें। इसके अतिरिक्त, इसके किसी भी उपयोग की जिम्मेदारी स्वयं उपयोगकर्ता की ही रहेंगी।