Vaishakh Purnima के दिन जरूर करें ये उपाय, लक्ष्मी जी की मिलेगी कृपा, दूर होगा गृह क्लेश
वैशाख पूर्णिमा 12 मई को मनाई जाएगी। इस दिन को बुद्ध पूर्णिमा के रूप में भी मनाया जाता है। हिंदू धर्म में पूर्णिमा तिथि विष्णु जी और लक्ष्मी जी की पूजा-अर्चना के लिए समर्पित मानी जाती है। इस दिन कुछ विशेष उपाय करने से लक्ष्मी जी की कृपा प्राप्त होती है और आपको गृह क्लेश से भी छुटकारा मिल सकता है।

धर्म डेस्क, नई दिल्ली। पूर्णिमा तिथि पर स्नान-दान करना काफी शुभ माना जाता है। इससे साधक को सुख-सौभाग्य की प्राप्ति हो सकती है। आप वैशाख पूर्णिमा के दिन विधि-विधान से विष्णु जी और मां लक्ष्मी की पूजा-अर्चना द्वारा शुभ फलों की प्राप्ति कर सकते हैं।
गृह क्लेश से मिलेगी राहत
अगर आपके जीवन में भी लड़ाई-झगड़े से परेशान हैं, तो पूर्णिमा के दिन किया गया ये उपाय आपके काम आ सकता हैं। इसके लिए पूर्णिमा के दिन भगवान विष्णु की विधिवत रूप से पूजा-अर्चना करें। इसके बाद विष्णु जी को सफेद चंदन का तिलक लगाएं और सुख-शांति की कामना करें। इसके बाद ये चंदन खुद भी लगाएं। इस उपाय को करने से आपको अपनी स्थिति में सुधार देखने को मिल सकता है।
बरसेगी मां लक्ष्मी की कृपा
पूर्णिमा के दिन माता लक्ष्मी का विधि-विधान से पूजन करें। पूजा में मां लक्ष्मी को लाल रंग के फूल और पीली कौड़ी अर्पित करें। साथ ही इस दिन आप लक्ष्मी जी को चावल या मखाने की खीर का भी भोग ला सकते हैं। ऐसा करने से मां लक्ष्मी प्रसन्न होती हैं और साधक को सुख-समृद्धि का आशीर्वाद देती हैं। अधिक लाभ प्राप्ति के लिए आप पूर्णिमा के दिन लक्ष्मी जी को समर्पित कनकधारा स्त्रोत का पाठ भी कर सकते हैं।
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जरूर कराएं सत्यनारायण की कथा
वैशाख पूर्णिमा के दिन सुबह सूर्योदय से पहले पानी में गंगाजल मिलाकर स्नान आदि कर लें। यदि संभव हो तो किसी पवित्र नदी में स्नान कर सकते हैं। इसके बाद सूर्य देव को जल अर्पित करें और ॐ घृणिः सूर्याय नमः मंत्र का जप करें। एक चौकी पर साफ लाल कपड़ा बिछाएं और भगवान विष्णु और माता लक्ष्मी की प्रतिमा या मूर्ति स्थापित करें। इसके बाद पूजा में अपनी श्रद्धा के अनुसार धूप, दीप नैवेद्य आदि अर्पित करें।
पूजा में पंचामृत, केला और पंजीरी का भोग लगाएं। पूर्णिमा के दिन सत्यनारायण की कथा करना भी काफी पुण्यदायी माना जाता है। ऐसे में इस दिन पर पंडित को बुलाकर सत्यनारायण की कथा जरूर करवाएं। कथा में आसपास के लोगों को भी आमंत्रित करें और पूजा समाप्त होने के बाद परिवार और अन्य लोगों में प्रसाद बांटे।
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अस्वीकरण: इस लेख में बताए गए उपाय/लाभ/सलाह और कथन केवल सामान्य सूचना के लिए हैं। दैनिक जागरण तथा जागरण न्यू मीडिया यहां इस लेख फीचर में लिखी गई बातों का समर्थन नहीं करता है। इस लेख में निहित जानकारी विभिन्न माध्यमों/ज्योतिषियों/पंचांग/प्रवचनों/मान्यताओं/धर्मग्रंथों/दंतकथाओं से संग्रहित की गई हैं। पाठकों से अनुरोध है कि लेख को अंतिम सत्य अथवा दावा न मानें एवं अपने विवेक का उपयोग करें। दैनिक जागरण तथा जागरण न्यू मीडिया अंधविश्वास के खिलाफ है।
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