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    Vaishakh Purnima 2024: इन तीन योग से बन रही है वैशाख पूर्णिमा और भी खास, जरूर करें इस दौरान स्नान-दान

    वैशाख पूर्णिमा (Vaishakh Purnima 2024) आज यानी 23 मई को मनाई जा रही है। इस तिथि पर श्री हरि की पूजा का विधान है। ऐसा माना जाता है जो जातक इस पवित्र दिन का व्रत रखते हैं और चंद्रमा को अर्घ्य देते हैं उनकी सभी इच्छाएं पूरी होती हैं। इसके अलावा यह दिन स्नान-दान के लिए भी बहुत कल्याणकारी माना गया है।

    By Vaishnavi Dwivedi Edited By: Vaishnavi Dwivedi Updated: Thu, 23 May 2024 08:57 AM (IST)
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    Vaishakh Purnima 2024: वैशाख पूर्णिमा शुभ योग -

    धर्म डेस्क, नई दिल्ली। Vaishakh Purnima 2024: पूर्णिमा के दिन को बेहद विशेष माना जाता है, क्योंकि इस तिथि पर चंद्र देव अपने पूर्ण रूप में होते हैं। यह माह में एक बार आती है। भक्त इस शुभ दिन पर गंगा स्नान, दान-पुण्य, सत्यनारायण व्रत जैसे पवित्र पूजा अनुष्ठान करते हैं। इस साल वैशाख मास की पूर्णिमा 23 मई, 2024 यानी आज बहुत ही धूमधाम के साथ मनाई जा रही है।

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    वैशाख पूर्णिमा शुभ योग

    वैशाख पूर्णिमा पर सर्वार्थ सिद्धि योग प्रात: 09 बजकर 15 मिनट से अगले दिन सुबह 05 बजकर 26 मिनट तक रहेगा। वहीं, परिघ योग भोर से लेकर दोपहर 12 बजकर 12 मिनट तक रहेगा। इसके साथ ही शिव योग परिघ योग के समाप्त होने के बाद से शुरू हो जाएगा, जिसे ज्योतिष की दृष्टि में बहुत ही कल्याणकारी माना जाता है। ऐसा कहा जाता है इस दौरान की गई पूजा व कार्य सफल होते हैं।

    वैशाख पूर्णिमा स्नान-दान का समय

    वैशाख पूर्णिमा की शुरुआत 22 मई, 2024 शाम 7 बजकर 47 मिनट पर हो चुकी है। वहीं, इसका समापन अगले दिन 23 मई, 2024 शाम 7 बजकर 22 मिनट पर होगा। इस दिन स्नान-दान का समय 23 मई सुबह 4 बजकर 4 मिनट से सुबह 4 बजकर 45 मिनट तक का था।

    भगवान विष्णु पूजन मंत्र

    1. दन्ताभये चक्र दरो दधानं, कराग्रगस्वर्णघटं त्रिनेत्रम्।।

    धृताब्जया लिंगितमब्धिपुत्रया लक्ष्मी गणेशं कनकाभमीडे।।

    2. ॐ भूरिदा भूरि देहिनो, मा दभ्रं भूर्या भर। भूरि घेदिन्द्र दित्ससि।।

    ॐ भूरिदा त्यसि श्रुत: पुरूत्रा शूर वृत्रहन्। आ नो भजस्व राधसि।।

    3. ॐ ह्रीं कार्तविर्यार्जुनो नाम राजा बाहु सहस्त्रवान। यस्य स्मरेण मात्रेण ह्रतं नष्‍टं च लभ्यते।।

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    अस्वीकरण: इस लेख में बताए गए उपाय/लाभ/सलाह और कथन केवल सामान्य सूचना के लिए हैं। दैनिक जागरण तथा जागरण न्यू मीडिया यहां इस लेख फीचर में लिखी गई बातों का समर्थन नहीं करता है। इस लेख में निहित जानकारी विभिन्न माध्यमों/ज्योतिषियों/पंचांग/प्रवचनों/मान्यताओं/धर्मग्रंथों/दंतकथाओं से संग्रहित की गई हैं। पाठकों से अनुरोध है कि लेख को अंतिम सत्य अथवा दावा न मानें एवं अपने विवेक का उपयोग करें। दैनिक जागरण तथा जागरण न्यू मीडिया अंधविश्वास के खिलाफ है।