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    Pradosh Vrat 2025: प्रदोष व्रत पर करें भगवान शिव संग माता पार्वती की आरती, परिवार में आएगी खुशहाली

    Updated: Fri, 09 May 2025 06:30 AM (IST)

    प्रदोष व्रत भगवान शिव और शक्ति के दिव्य मिलन का प्रतीक है। हिंदू पंचांग के अनुसार वैशाख महीने का अंतिम प्रदोष व्रत वैशाख शुक्ल पक्ष की त्रयोदशी तिथि 9 मई यानी आज के दिन (Pradosh Vrat 2025) रखा जा रहा है जो साधक शिव कृपा की कामना करते हैं उन्हें इस मौके पर शिव जी संग माता पार्वती की आरती करनी चाहिए जो इस प्रकार है।

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    Pradosh Vrat 2025: भगवान शिव और माता पार्वती की आरती।

    धर्म डेस्क, नई दिल्ली। भगवान शिव विशेष रूप से उन भक्तों से प्रसन्न होते हैं, जो प्रदोष व्रत और मासिक शिवरात्रि का सच्चे भाव के साथ करते हैं। प्रदोष व्रत का सनातन धर्म में बड़ा महत्व है। इस दिन भगवान शिव संग माता पार्वती की पूजा का विधान हैं। कहते हैं कि इस दिन शिव-पार्वती की पूजा से सभी दुखों का नाश होता है। साथ ही मनोकामनाओं की पूर्ति होती है। हिंदू पंचांग के अनुसार, इस बार प्रदोष व्रत (Pradosh Vrat 2025) वैशाख शुक्ल पक्ष की त्रयोदशी तिथि 9 मई यानी आज के दिन रखा जा रहा है, तो आइए भोलेनाथ और देवी शक्ति की विधिवत आरती करते हैं, जो इस प्रकार है।

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    ।।शिव जी की आरती।। (Lord Shiv Aarti)

    जय शिव ओंकारा ॐ जय शिव ओंकारा ।

    ब्रह्मा विष्णु सदा शिव अर्द्धांगी धारा ॥ ॐ जय शिव...॥

    एकानन चतुरानन पंचानन राजे ।

    हंसानन गरुड़ासन वृषवाहन साजे ॥ ॐ जय शिव...॥

    दो भुज चार चतुर्भुज दस भुज अति सोहे।

    त्रिगुण रूपनिरखता त्रिभुवन जन मोहे ॥ ॐ जय शिव...॥

    अक्षमाला बनमाला रुण्डमाला धारी ।

    चंदन मृगमद सोहै भाले शशिधारी ॥ ॐ जय शिव...॥

    श्वेताम्बर पीताम्बर बाघम्बर अंगे ।

    सनकादिक गरुणादिक भूतादिक संगे ॥ ॐ जय शिव...॥

    कर के मध्य कमंडलु चक्र त्रिशूल धर्ता ।

    जगकर्ता जगभर्ता जगसंहारकर्ता ॥ ॐ जय शिव...॥

    ब्रह्मा विष्णु सदाशिव जानत अविवेका ।

    प्रणवाक्षर मध्ये ये तीनों एका ॥ ॐ जय शिव...॥

    काशी में विश्वनाथ विराजत नन्दी ब्रह्मचारी ।

    नित उठि भोग लगावत महिमा अति भारी ॥ ॐ जय शिव...॥

    त्रिगुण शिवजीकी आरती जो कोई नर गावे ।

    कहत शिवानन्द स्वामी मनवांछित फल पावे ॥ ॐ जय शिव...॥

    ।।माता पार्वती की आरती।। (Mata Parvati Ki Aarti)

    जय पार्वती माता जय पार्वती माता

    ब्रह्म सनातन देवी शुभ फल कदा दाता।

    जय पार्वती माता जय पार्वती माता।

    अरिकुल पद्मा विनासनी जय सेवक त्राता

    जग जीवन जगदम्बा हरिहर गुणगु गाता।

    जय पार्वती माता जय पार्वती माता।

    सिंह को वाहन साजे कुंडल है साथा

    देव वधुजहं गावत नृत्य कर ताथा।

    जय पार्वती माता जय पार्वती माता।

    सतयुग शील सुसुन्दर नाम सती कहलाता

    हेमांचल घर जन्मी सखियन रंगराता।

    जय पार्वती माता जय पार्वती माता।

    शुम्भ निशुम्भ विदारेहेमांचल स्याता

    सहस भुजा तनुधरिके चक्र लियो हाथा।

    जय पार्वती माता जय पार्वती माता।

    सृष्ट‍ि रूप तुही जननी शिव संग रंगराता

    नंदी भृंगी बीन लाही सारा मदमाता।

    जय पार्वती माता जय पार्वती माता।

    देवन अरज करत हम चित को लाता

    गावत दे दे ताली मन मेंरंगराता।

    जय पार्वती माता जय पार्वती माता।

    श्री प्रताप आरती मैया की जो कोई गाता

    सदा सुखी रहता सुख संपति पाता।

    जय पार्वती माता मैया जय पार्वती माता।

    यह भी पढ़ें: Pradosh Vrat 2025 Dates: ज्येष्ठ महीने में कब-कब है प्रदोष व्रत? यहां जानें डेट और शुभ संयोग

    अस्वीकरण: इस लेख में बताए गए उपाय/लाभ/सलाह और कथन केवल सामान्य सूचना के लिए हैं। दैनिक जागरण तथा जागरण न्यू मीडिया यहां इस लेख फीचर में लिखी गई बातों का समर्थन नहीं करता है। इस लेख में निहित जानकारी विभिन्न माध्यमों/ज्योतिषियों/पंचांग/प्रवचनों/मान्यताओं/धर्मग्रंथों/दंतकथाओं से संग्रहित की गई हैं। पाठकों से अनुरोध है कि लेख को अंतिम सत्य अथवा दावा न मानें एवं अपने विवेक का उपयोग करें। दैनिक जागरण तथा जागरण न्यू मीडिया अंधविश्वास के खिलाफ है।