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    Vaishakh Amavasya 2025: वैशाख अमावस्या पर कैसे करें पितरों का तर्पण? जानें इसका महत्व

    वैशाख अमावस्या पितरों का श्रद्ध करने के लिए बेहद विशेष मानी जाती है। इस दिन पितरों की पूजा से उनका आशीर्वाद प्राप्त होता है और जीवन में सुख-समृद्धि बनी रहती है। हिंदू पंचांग के अनुसार इस बार वैशाख अमावस्या 27 अप्रैल (Vaishakh Amavasya 2025) को मनाई जाएगी। कहा जाता है कि इस दिन नए काम भी नहीं करने चाहिए तो चलिए इस दिन से जुड़ी प्रमुख बातो को जानते हैं।

    By Vaishnavi Dwivedi Edited By: Vaishnavi Dwivedi Updated: Sat, 19 Apr 2025 10:48 AM (IST)
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    Vaishakh Amavasya 2025: वैशाख अमावस्या का महत्व।

    धर्म डेस्क, नई दिल्ली। वैशाख अमावस्या का पर्व बहुत महत्वपूर्ण माना जाता है। यह दिन पितरों की शांति और तृप्ति के लिए विशेष रूप से अच्छा होता है। हिंदू पंचांग के अनुसार, इस बार वैशाख अमावस्या 27 अप्रैल (Vaishakh Amavasya 2025 Date) को मनाई जाएगी। इस दिन पिंडदान, तर्पण और श्राद्ध जैसे काम किए जाते हैं, जिससे पितरों को मोक्ष की प्राप्ति होती है और उनका आशीर्वाद मिलता है, तो चलिए इस दिन से जुड़ी प्रमुख बातों को जानते हैं।

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    कब है वैशाख अमावस्या? (Vaishakh Amavasya 2025 Shubh Muhurat)

    हिंदू पंचांग के अनुसार, वैशाख माह के कृष्ण पक्ष की अमावस्या तिथि 27 अप्रैल को सुबह 04 बजकर 49 मिनट पर शुरू होगी और अगले दिन यानी 28 अप्रैल को देर रात 01 बजे यह तिथि समाप्त होगी। ऐसे में 27 अप्रैल, 2025 को वैशाख अमावस्या का पर्व मनाया जाएगा।

    वैशाख अमावस्या का महत्व (Vaishakh Amavasya 2025 Significance)

    वैशाख अमावस्या पितरों को समर्पित है। मान्यता है कि इस दिन किए गए श्राद्ध कर्म से पितर प्रसन्न होते हैं और जीवन में सुख, शांति और समृद्धि बनी रहती है। यह तिथि उन लोगों के लिए भी विशेष महत्व रखती है, जिन्हें अपने पूर्वजों की मृत्यु की तिथि पता नहीं है। इस दिन दान-पुण्य, पितरों की पूजा करने से कुंडली में पितृ दोष शांत होता है, जिससे जीवन में आ रही बाधाएं दूर होती हैं।

    वैशाख अमावस्या पर पितृ तर्पण के नियम (Vaishakh Amavasya 2025 Pitru Tarpan Rules)

    • सुबह उठकर पवित्र स्नान करें और स्वच्छ वस्त्र धारण करें।
    • पितरों के निमित्त तर्पण जल, जौ, तिल और कुशा से करें।
    • अपनी क्षमतानुसार पितरों के नाम से दान करें।
    • ब्राह्मणों को भोजन खिलाएं।
    • अगर संभव हो तो इस दिन पिंडदान अवश्य करें, इससे पितरों को मोक्ष मिल जाता है।
    • इस दिन पक्षियों को दाना डालना चाहिए।
    • पूरे दिन सकारात्मक रहें और किसी भी प्रकार के नकारात्मक विचारों व कामों से बचें।
    • अपनी वाणी पर संयम रखें और किसी को भी बुरा न बोलें।
    • ब्राह्मणों को भोजन कराएं और उनका आशीर्वाद लें।

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    अस्वीकरण: इस लेख में बताए गए उपाय/लाभ/सलाह और कथन केवल सामान्य सूचना के लिए हैं। दैनिक जागरण तथा जागरण न्यू मीडिया यहां इस लेख फीचर में लिखी गई बातों का समर्थन नहीं करता है। इस लेख में निहित जानकारी विभिन्न माध्यमों/ज्योतिषियों/पंचांग/प्रवचनों/मान्यताओं/धर्मग्रंथों/दंतकथाओं से संग्रहित की गई हैं। पाठकों से अनुरोध है कि लेख को अंतिम सत्य अथवा दावा न मानें एवं अपने विवेक का उपयोग करें। दैनिक जागरण तथा जागरण न्यू मीडिया अंधविश्वास के खिलाफ है।