Ganga Saptami 2025 Date: गंगा सप्तमी के दिन न करें ये गलतियां, मिलेंगे अशुभ परिणाम
गंगा सप्तमी एक पवित्र और महत्वपूर्ण दिन है। इस दिन (Ganga Saptami 2025) मां गंगा की कृपा पाने के लिए सभी प्रकार की नकारात्मकताओं और गलतियों से बचना चाहिए। इसके साथ ही श्रद्धा और भक्ति के साथ मां गंगा की पूजा-अर्चना करनी चाहिए। ऐसा करने से जीवन में सुख शांति और समृद्धि बनी रहती है। हिंदू पंचांग के अनुसार गंगा सप्तमी का पर्व 3 मई को मनाया जाएगा।

धर्म डेस्क, नई दिल्ली। गंगा सप्तमी का हिंदू धर्म में बहुत ज्यादा महत्व है। यह दिन पापनाशिनी मां गंगा को समर्पित है। हर साल यह पर्व वैशाख माह के शुक्ल पक्ष की सप्तमी तिथि को मनाया जाता है। हिंदू पंचांग के अनुसार, गंगा सप्तमी का पर्व 3 मई को मनाया जाएगा। कहते हैं कि इस दिन मां गंगा की विशेष पूजा-अर्चना और गंगा में स्नान करने से सभी पाप धुल जाते हैं। इसके साथ ही पुण्य फल की प्राप्ति होती है। वहीं, इस दिन (Ganga Saptami 2025) को लेकर कुछ नियम बनाए गए हैं, जिनका पालन हर किसी को करना चाहिए, तो आइए उनके बारे में जानते हैं।
गंगा सप्तमी में न करें ये गलतियां (Ganga Saptami 2025 Par Na Karen Ye Kaam)
1. मां गंगा को पवित्र और जीवनदायिनी माना जाता है। इस दिन या किसी भी दिन गंगा नदी में गंदगी फैलाना, कूड़ा-कचरा डालना या उसे अपवित्र करना सबसे बड़ा पाप माना जाता है। ऐसा करने से मां गंगा नाराज हो सकती हैं और इसके नकारात्मक परिणाम आपके जीवन पर पड़ सकते हैं।
2. इस दिन नकारात्मक विचारों से दूर रहना चाहिए।
3. इस दिन क्रोध, काम और अहंकार जैसे नकारात्मक विचारों को मन में लाने में जानें से बचें।
4. इस दिन पूजा-पाठ में तामसिक चीजों को शामिल न करें।
5. जरूरतमंदों का अपमान न करें।
6. इस दिन तामसिक चीजों का सेवन करने से बचें।
गंगा सप्तमी का महत्व (Ganga Saptami 2025 Significance)
मान्यता है कि इसी दिन मां गंगा भगवान शिव की जटाओं से पृथ्वी पर अवतरित हुई थीं। इसलिए इस दिन को गंगा जयंती या गंगा अवतरण दिवस के रूप में भी मनाया जाता है। गंगा नदी को सबसे पवित्र नदियों में से एक माना जाता है। यह माना जाता है कि गंगा सप्तमी के दिन गंगा में स्नान करने से सभी पाप धुल जाते हैं और मनुष्य को मोक्ष की प्राप्ति होती है।
गंगा स्नान और पूजा के लाभ (Ganga Puja Benefits)
- इस दिन गंगा स्नान और दान-पुण्य करना बहुत फलदायी माना जाता है।
- गंगा सप्तमी के दिन गंगा में स्नान करने से ग्रहों के अशुभ प्रभाव भी दूर होते हैं।
- इस दिन गंगा में स्नान करने और पितरों को अर्घ्य देने से पितृ दोष से मुक्ति मिलती है।
- गंगा स्नान न केवल धार्मिक महत्व रखता है, बल्कि यह शरीर और मन को भी शुद्ध करता है।
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अस्वीकरण: इस लेख में बताए गए उपाय/लाभ/सलाह और कथन केवल सामान्य सूचना के लिए हैं। दैनिक जागरण तथा जागरण न्यू मीडिया यहां इस लेख फीचर में लिखी गई बातों का समर्थन नहीं करता है। इस लेख में निहित जानकारी विभिन्न माध्यमों/ज्योतिषियों/पंचांग/प्रवचनों/मान्यताओं/धर्मग्रंथों/दंतकथाओं से संग्रहित की गई हैं। पाठकों से अनुरोध है कि लेख को अंतिम सत्य अथवा दावा न मानें एवं अपने विवेक का उपयोग करें। दैनिक जागरण तथा जागरण न्यू मीडिया अंधविश्वास के खिलाफ है।
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